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धर्म तोडऩे की नहीं, जोडऩे की देते है शिक्षा: पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ​​​​​​​

Religion teaches not to divide, but to unite: Revered Guru Saint Dr. Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan

 
Religion teaches not to divide, but to unite: Revered Guru Saint Dr. Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan
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Mhara Hariyana News:

बरनावा।
 हमारे देश में कुछ ऐसी संस्कृति भी आई जिन्होंने हमारी संस्कृति को खत्म करने की कोशिश की। लेकिन यह सच है कि जो धर्म होता है वह ऐसी चट्टान होता है जिसे ना बादल, ना धूप, ना तूफान ना हिला सकता था, ना हिला सका है और ना ही कभी हिला सकेगा। हालांकि धर्म को मानने वाले बदल जाते है, यह हकीकत है। कई लोग धर्म का दिखावा करते हैं, ढोंग करते हैं। अगर कोई सच्चे दिल से धर्म को मानता है तो पता चलता है कि धर्म तो जोडऩे का नाम है, तोडऩे का नाम नहीं। धर्म इंसान को इंसान से, इंसान को भगवान से और इंसान को सृष्टि से जोडऩे का काम करते हैं। यह है हमारा धर्म। तोडऩा तो धर्म में कहीं भी लिखा ही नहीं है। हमने सभी धर्मों पर रिसर्च कर ली है और उनमें तोडऩा शब्द कही भी नहीं लिखा है। उक्त विचार पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के जिला बागपत स्थित शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से जुड़ी देश-विदेश की साध-संगत को संबोधित करते हुए फरमाए। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने धर्मों की शिक्षा पर चलने व राम-नाम का जाप करने के लिए साध-संगत को प्रेरित किया। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने शाह सतनाम जी नूरानी धाम पटियाला (पंजाब), गुलाब पैलेस, महोबा (उत्तर प्रदेश), चौधरी वैडिंग पाइंट सेलाकुई देहरादून (उत्तराखंड), प्राचीन शिव मंदिर वाटिका समयपुर बादली (दिल्ली), एक्वा फन मैरिज गार्डन सीकर (राजस्थान), शाह सतनाम जी क्रिकेट स्टेडियम श्री जलालआणा साहिब (हरियाणा) व न्यू अनाज मंडी टोहाना (हरियाणा) में बड़ी संख्या में लोगों को नशा व अन्य सामाजिक कुरीतियों से छुटकारा दिलाया और प्रभु, परमात्मा, भगवान, वाहेगुरु को पाने का असली तरीका बताया।  

- नशा करने की किसी भी धर्म में नहीं दी गई शिक्षा

पूज्य गुरु जी ने ऑनलाइन रूहानी सत्संग के दौरान आह्वान किया कि इंसान धर्म की सुने और जो धर्मों में लिखा गया है उसको जरूर माने। लोग कहते हैं कि मैं धर्म का नुमाइंदा हूँ, यह अच्छी बात है। लेकिन क्या वह धर्म को मानता भी है, कभी उसे यह भी देख लेना चाहिए। हालांकि वह धर्म का पहनावा पहनता है तथा सरनेम भी लगाता है धर्म का। लेकिन क्या वह धर्म की बात को मानता है। आजकल लोग में मुंह में सिगरेट रखते है और शराब भी पीते है, ऐसा करने की किसी भी धर्म में शिक्षा नहीं दी गई है। आज इंसान धर्मों को मानता नहीं, बल्कि उनको बदनाम कर रहा है। नशा करने की किसी भी धर्म में इजाजत ही नहीं है, फिर क्यूं लोग ऐसे बुरे कर्म कर रहे हैं। पूज्य गुरु जी ने कहा कि धर्म को मानकर देखो, धर्म पर चलकर देखो, इस पल धर्म को मान लो तो अगले पल इस धरती पर राम की चर्चा होने लगेगी और प्यार मोहब्बत की गंगा बहने लगेगी। सभी लोग अपने अपने धर्म को मान लो, सभी धर्म एक ही हैं। धर्म को बदलने में कुछ नहीं पड़ा, इसलिए इंसान को धर्म नहीं बल्कि अपनी सोच को बदलना चाहिए। आज चंद पैसे के लिए इंसान एक-दूसरे के पीछे भाग खड़े होते है और अपने वंश को झूठला देते है, यह सब गलत है। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि हिंदु धर्म में लिखा है कि प्रभु कृपा निधान है, इस्लाम धर्म में लिखा है कि अल्लाह ताला रहमाने रहीम रहमो कर्म का मालिक है। इसी प्रकार सिख धर्म में लिखा है वाहेगुरु दया का सागर है और ईसाई धर्म में लिखा है काइंड या काइंडनेस वल्र्ड गॉडस से आए हंै या काइंड है वो और काइंडनेस ही फैला रहे है। यानी सभी धर्मों का का निचोड़ है कि हमारा प्रभु, हमारा मालिक दया का सागर है। इसलिए वो मालिक कैसे कह सकता है कि किसी को काटो, किसी को मारो, किसी को तड़पाओ और किसी को मार के खा जाओ। इसलिए इंसान को चाहिए कि वह धर्म को पढऩे के साथ-साथ धर्म में जो लिखा हुआ है उसको भी जरूर माने। पूज्य गुरु जी ने कहा कि हमारा जो धर्मो में लिखा है उसको बताना हमारा फर्ज है, मानो या ना मोनो ये आपकी मर्जी है।

सभी अपने-अपने धर्म को मानेंगे तो बनेगा रामराज्य

पूज्य गुरु जी ने कहा कि हम सब एक है। जब हिंदु का खून मुस्लिम को, मुस्लिम का सिख को, सिख का इसाई के लग सकता है तो आप यह कैसे कह सकते है कि आपकी जात अलग-अलग है। पुरातन हमारे वेदों, धर्मो में लिखा है कि सारा संसार एक कुटुंब है, एक कबीला है। हम सारे एक ही है। लेकिन दुख की बात है कि आज इंसान एक-दूसरे के बीच दीवारे खड़ी कर रहा है। ये सही नही है। सभी अपने-अपने धर्म को मानिए। पूज्य गुरु जी ने कहा कि जब इंसान धर्म की शिक्षा पर चलकर एक-दूसरे से बेगर्ज, नि: स्वार्थ प्यार मोहब्बत करेगा तो इससे अपने आप ही धरती पर प्यार मोहब्बत का सम्राज्य हो जाएगा तथा रामराज्य हो जाएगा।
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