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श्रद्धा वाकर हत्याकांड: तो क्या आफताब पूनावाला गर्लफ्रेंड श्रद्धा वाकर को उत्तराखंड में निपटाने वाला था?

Shraddha Walker murder case: So was Aftab Poonawalla going to dispose of girlfriend Shraddha Walker in Uttarakhand?

 
Shraddha Walker murder case: So was Aftab Poonawalla going to dispose of girlfriend Shraddha Walker in Uttarakhand?
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Mhara Hariyana News:

श्रद्धा वाकर हत्याकांड में भले ही अभी तक मुंबई और दिल्ली पुलिस श्रद्धा की लाश बरामद न हुई हो. हां, इस कांड की पड़ताल में जुटी टीमों के हवाले से अब पता चल रहा है कि आफताब अमीन पूनावाला, श्रद्धा को उत्तराखंड में ही निपटाना चाहता था! इसके लिए उसने हर-संभव कोशिश भी करके देख ली. मुश्किल या कहिए बीच में बाधा बन गया उत्तराखंड का बदनाम अंकिता भंडारी हत्याकांड! आखिर कैसे? जानने के लिए पढ़ें टीवी9 भारतवर्ष की Inside Story में.


जबसे दिल्ली पुलिस के हाथ आफताब अमीन पूनावाला लगा है तभी से वो, श्रद्धा वाकर की लाश के टुकड़े तलाशने के लिए जंगल-जंगल भटक रही है. लाश के टुकड़े हैं कि दिल्ली पुलिस के हाथ लग ही नहीं रहे हैं. 35 में से बमुश्किल जो 10-12 टुकड़े हाथ लगे भी हैं. वे इंसान के हैं या जानवर के? पुलिस अभी तक इस पर भी मुतमईन नहीं है. ऐसे में अंदाजा लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है कि, श्रद्धा हत्याकांड की जांच की गति किस हद की बदतर है. भले ही पुलिस अभी तक दिल्ली के महरौली इलाके के तमाम जंगलाती इलाके छानने के बाद भी श्रद्धा की लाश के टुकड़ों को तलाश पाने में नाकाम रही हो. मगर आधी-अधूरी इसी पुलिसिया तफ्तीश के बीच चर्चाएं रोजाना नई-नई निकल कर सामने आ रही हैं. पुलिस के ही हवाले से.

इसलिए मुंबई से उत्तराखंड ले गया
श्रद्धा हत्याकांड की पड़ताल में जुटी मुंबई और दिल्ली पुलिस की जांच टीमों के ही हवाले से, अब छन-छनकर खबर आ रही है कि बेवफाई पर उतरा श्रद्धा का आशिक, माशूका श्रद्धा को उत्तराखंड में ही ठिकाने लगाने की जुगत में था! इसीलिए वो श्रद्धा को पहाड़ो में घुमाने के बहाने से मुंबई से सीधे उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश लेकर पहुंचा. इसके पीछे उसकी मंंशा थी कि अगर उत्तराखंड में वो श्रद्धा को पहाड़ों से धक्का देकर मार डालेगा, तो जमाना और जांच एजेंसियां मामले को हादसा मानकर फाइलें बंद कर देंगी. उसे मगर यह विचार सही नहीं लगा. जांच में जुटी पुलिस टीमों के ही सूत्रों के मुताबिक, आफताब को लगा कि पहाड़ों से गिराकर मारने पर लाश मिल जाएगी. लाश मिलने पर संभव है कि पुलिस की पूछताछ में वो (आफताब पूनावाला) कहीं फंस न जाए. लिहाजा श्रद्धा को पहाड़ी इलाके में ऊंचाई से धक्का देकर मारने का इरादा उसने छोड़ दिया.

सोचा था गंगा या नदी में धक्का दे दूंगा!
इसके बाद आफताब ने कथित रूप से ही सही, प्लान बनाया कि श्रद्धा को उत्तराखंड की किसी तेज रफ्तार पानी वाली पहाड़ी नदी या गंगा में धक्का दे दिया जाए. ताकि उसकी लाश पहले से तो आसानी से मिलेगी ही नही. और जब तक किसी दूर दराज इलाके में लाश मिलेगी भी तब, तक आरोपी उत्तराखंड से फरार हो चुका होगा. इस प्लानिंग में आफताब का मानना था कि लाश को ठिकाने लगाने का झंझट नहीं रहेगा. साथ ही श्रद्धा को गहरे पानी में उचाईं से धकिया कर मार डालने में, किसी हथियार का इंतजाम भी नहीं करना पड़ेगा. यह सब खुराफाती प्लान बनाने के दौरान ही उत्तराखंड में वहां का बदनाम अंकिता भंडारी हत्याकांड हो गया. उत्तराखंड में श्रद्धा को पानी में डुबोकर मार डालने की आफताब की प्लानिंग भी धरी रह गई. अंतत: जब उसके पास उत्तराखंड की हदों में श्रद्धा को ठिकाने लगाने का हर रास्ता बंद दिखा, तो उसने दिल्ली के महरौली इलाके का रुख किया.

इसलिए उत्तराखंड में ठिकाने लगाना चाहता था
दिल्ली के महरौली में उसे (श्रद्धा के बॉयफ्रेंड आफताब) उन्हीं सब हालातों से जूझना पड़ा जिनसे वो, श्रद्धा को उत्तराखंड की हदों में ठिकाने लगाने पर बच सकता था. हर हाल में कत्ल करके श्रद्धा से पीछा छुड़ाने पर आमादा आफताब ने, तैश में आकर महरौली वाले फ्लैट में जीवन का रोड़ा बन चुकी श्रद्धा को मार तो डाला. बात जैसे ही लाश ठिकाने लगाने की आई. वैसी वो उस मुसीबत में जा फंसा, जिन मुसीबतों से वो श्रद्धा को उत्तराखंड में कत्ल करके साफ बच सकता था. मतलब, जैसे ही दिल्ली में उसने श्रद्धा को कत्ल किया, वैसे ही पहले तो लाश को छिपाने की मुसीबत खड़ी हो गई.