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इंडोनेशिया में भूकंप के बाद खौफनाक मंजर, मलबे में दफन जिंदगियां, बचाने का काम जारी

Terrible scene after earthquake in Indonesia, lives buried in debris, rescue work continues

 
Terrible scene after earthquake in Indonesia, lives buried in debris, rescue work continues
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Mhara Hariyana News:

इंडोनेशिया के जावा द्वीप में भूकंप के तेज झटकों की वजह से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. अब तक 162 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन कहा जा रहा है कि मौत की संख्या में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है. क्योंकि कई लोग भूकंप के कारण गिरी इमारतों के मलबों के नीचे दबे पड़े हैं. रेस्क्यू टीम लगातार बचाव अभियान में लगी हुई है. रेस्क्यू करने वाली टीम को बचाव अभियान चलाने के लिए तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ढही हुई इमारतों के ऊंचे-ऊंचे मलबों से लोगों की तलाश करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है. कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां तक पहुंचना कठिन है.


रेस्क्यू टीम में शामिल एक कर्मी ने बताया कि हम गिरे हुए पेड़ों और मलबे के ढेर को तोड़ने के लिए आरा मशीन और जमीन की खुदाई करने वाली मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि उन क्षेत्रों तक पहुंचा जा सकें जहां नागरिकों के फंसे होने की संभावना है. नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी बीएनपीबी ने बताया कि 25 लोग अभी भी सियानजुर में मलबे के नीचे दबे हुए हैं. जावा के गवर्नर रिदवान कामिल ने बताया कि मरने वाले 162 लोगों में ज्यादातर बच्चे शामिल हैं.

आज तलाशी अभियान और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बन गया है क्योंकि ग्रामीण, पहाड़ी क्षेत्र के कुछ इलाकों में सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया है और बिजली के खंभों को नुकसान पहुंचने से इसकी कटौती की समस्या उभर आई है. पश्चिम जावा के गवर्नर रिदवान कामिल ने बताया कि 300 से ज्यादा लोग भूकंप के कारण हुए नुकसान में घायल हुए हैं और लगभग 13000 से अधिक लोगों को इवैक्यूएशन सेंटर्स में ले जाया गया है. भूकंप के झटके राजधानी जकार्ता तक महसूस किए गए, जिसके बाद डॉक्टरों ने अस्थायी वार्डों में मरीजों का इलाज किया.

भूकंप के बाद 25 और झटके आए
इंडोनेशिया में आए भूकंप की तीव्रता 5.4 दर्ज की गई. भूकंप की वजह से सोमवार को दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और अपनी जान बचाने के लिए सड़कों और गलियों में भाग रहे लोगों में से कई घायल और खून से लथपथ नजर आए. भूकंप के वक्त पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद इस्लामिक स्कूल में तालीम ले रहे थे. सियांजुर में सबसे बड़ी संख्या में इस्लामिक आवासीय स्कूल और मस्जिद हैं. कई इस्लामिक स्कूलों में भूकंप के बाद हादसे हुए हैं. बताया गया कि भूकंप आने के बाद लगभग 25 झटके और दर्ज किए गए. बता दें कि इंडोनेशिया की आबादी 27 करोड़ से ज्यादा है और यह भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी से अक्सर प्रभावित होता रहता है.