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क्यों याद आया क्यूबा मिसाइल संकट? अमेरिका को घेरने के लिए पुतिन ने बनाया CUBA 2.0

Why remember the Cuban Missile Crisis? Putin made CUBA 2.0 to surround America

 
Why remember the Cuban Missile Crisis? Putin made CUBA 2.0 to surround America
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Mhara Hariyana News:
अमेरिका और NATO सहित पश्चिमी देशों की तरफ से मिल रही सहायता से यूक्रेन रूसी फौजों का मजबूती से मुकाबला कर रहा है. और अब रूस को जिते हुए यूक्रेनी क्षेत्र भी लौटाने पड़ रहे हैं. खेर्सोन इसका ताजा उदाहरण है. अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने नया प्लान तैयार कर लिया है. रूस ने कहा कि अब इस जंग में अमेरिका को झुकाना ही पड़ेगा. जिसके लिए पुतिन ने क्यूबा 2.O (CUBA 2.0) प्लान तैयार किया है, जिससे दो नए वॉर फ्रंट खुल गए हैं.


पुतिन ने अपने पुराने मित्र देश जैसे क्यूबा और नए मित्र देश जैसे ईरान के साथ यह प्लान बनाया है जो अब अमेरिका को विश्व के हर फ्रंट पर परेशान करेगा. इस प्लान के चार प्लेयर हैं. ये हैं रूस, चीन, ईरान और क्यूबा. युद्ध के दौरान इन देशों ने रूस का खुला समर्थन किया है. ईरान से हथियार भी रूस पहुंच रहे हैं. अब समझिए इन चारों प्लेयर्स की क्या है स्ट्रैटेजी. अमेरिका के खिलाफ खोल रहा है कैसे मोर्चा खोलेंगे ये देश.

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का प्लान क्यूबा 2.O
पहले रूस की रणनीति समझते हैं… रूस ने अमेरिका को उलझाने के लिए प्लान क्यूबा 2.0 बनाया है. क्यूबा के राष्ट्रपति रूस दौरे पर हैं, जिसने अमेरिका की टेंशन बढ़ा दी है. बता दें कि क्यूबा रूस का पुराना साथी रहा है. क्यूबा क्या कर रहा है?..क्यूबा के राष्ट्रपति चीन के साथ नजदीकी बढ़ा रहे हैं. वो 24 नवंबर से चीन के दौरे पर जा रहे हैं. दुसरे फ्रंट पर, ईरान ने इराक में कुर्दों पर मिसाइल हमले शुरू कर दिए हैं. यहां नया वॉर फ्रंट खुल गया जिससे अमेरिका परेशान है. तीसरे फ्रंट पर चीन है..चीन और क्यूबा की नजदीकी का मतलब है, क्यूबा की जमीन पर अमेरिका के दो दुश्मनों का मजबूत होना. और इन तीनों के केंद्र में है रूस जो इस प्लान का चौथा स्तंभ है.

कहां कहां हमले की आशंका
मिडल ईस्ट में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर ईरानी हमले का खतरा बढ़ गया है. अमेरिका को इंटेलिजेंस इनपुट मिला है कि इराक और सीरिया में ईरान अमेरिका के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन कर सकता है. मिडल ईस्ट में अमेरिकन एयर फोर्स के Lt. Gen. एलेक्सस ग्रिंकेविच ने अगस्त 2022 में ही हमलों की आशंका जताई थी. उस वक्त ग्रिंकेविच ने कहा था कि जानकारी मिली है कि ईरान सैन्य ठिकानों में आने वाले दिनों में हमले करेगा.

वहीं दुसरी तरफ कोरोना महामारी के बाद क्यूबा में आर्थिक हालत बदतर हो गई है. सितंबर में आए इयान हरिकेन से बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हुआ है. देश में ऊर्जा का संकट खड़ा हो गया है. रूस से क्यूबा को मदद मिल चुकी है. अब क्यूबा के प्रेसिडेंट चीन से आर्थिक मदद मांगेंगे. साथ ही पुराने कर्ज पर छूट भी मांग सकते हैं. चीन से कर्ज लेने का मतलब है अपनी जमीन चीन को सौंप देना. इंटेलिजेंस इनपुट ये है कि चीन भी क्यूबा में अपना सैन्य ठिकाना बनाने की तैयारी कर रहा है. क्यूबा में रूस-चीन का एक साथ आना अमेरिका के दो बड़े दुश्मनों का गठबंधन होना है.