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अलीगढ़ जेल से रिहा हुए हाथरस कांड के तीनों आरोपित

 
संदीप सिंह को आजीवन कारावास की सजा
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Mhara Hariyana News, Aligarh। हाथरस के बिटिया प्रकरण में विशेष न्यायालय एससी-एसटी ने वीरवार को चार में से तीन अभियुक्तों को बरी कर दिया था। शुक्रवार को तीनों अलीगढ़ की जेल से रिहा कर दिए गए। परिजन उन्हें लेने पहुंचे, जेल से बाहर आते देख खुशी से उनकी आंखें नम हो गईं।

हाथरस के विशेष न्यायालय एससी-एसटी ने बिटिया प्रकरण में लवकुश, रवि और रामू को बरी कर दिया था। तीनों अलीगढ़ की जेल में वर्ष 2020 से बंद थे। 
जेलर पीके सिंह ने बताया कि तीनों की रिहाई का परवाना शाम 6.30 बजे पहुंचा था। तीनों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर शाम को जाने से मना कर दिया था। आज सुबह 8.30 बजे लवकुश, रवि और रामू को जेल से रिहा कर दिया गया, तीनों के परिजन लेने आए थे।

 

ऐसे हुई थी गिरफ्तारी
14 सितंबर 2020 को चंदपा क्षेत्र के एक गांव में एक युवती के साथ वारदात हुई। जिला अस्पताल से अलीगढ़ जेएन मेडिकल कॉलेज भेजा। पुलिस ने एक आरोपी संदीप के खिलाफ दर्ज किया जानलेवा हमले व एससी-एसटी उत्पीड़न के तहत मुकदमा दर्ज।

19 सितंबर को पुलिस ने नामजद आरोपी संदीप को किया गिरफ्तार।
22 सितंबर को बिटिया के बयान के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा 376 डी बढ़ाई और तीन अन्य अभियुक्तों के नाम किए शामिल।
23 सितंबर को दूसरे आरोपी लवकुश को पुलिस ने किया गिरफ्तार।
25 सितंबर को तीसरे आरोपी रवि को पुलिस ने किया गिरफ्तार। तत्कालीन कोतवाली निरीक्षक चंदपा को किया गया लाइनहाजिर।
26 सितंबर को चौथे आरोपी रामू को पुलिस ने किया गिरफ्तार।

 

संदीप सिंह को आजीवन कारावास की सजा

उत्तर प्रदेश के चर्चित हाथरस रेप एंड मर्डर केस में एक विशेष अदालत ने मुख्य आरोपी संदीप सिंह को दोषी ठहराया है जबकि तीन आरोपियों लव-कुश, रामू और रवि को बरी कर दिया है। अदालत ने इस केस के मुख्य आरोपी संदीप का गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया है।
कोर्ट ने संदीप सिंह को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। हालांकि अदालत ने इस मामले से दुष्कर्म के आरोप हटा लिए हैं। यानी कोर्ट ने माना है कि पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात नहीं हुई है।