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Iran की दादागिरी से भड़का अमेरिका, अरब क्षेत्र में बढ़ाएगा सैन्य मौजूदगी और निगरानी

 
Iran की दादागिरी से भड़का अमेरिका, अरब क्षेत्र में बढ़ाएगा सैन्य मौजूदगी और निगरानी
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Mhara Hariyana News, New Delhi
American सेना अरब क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी को बढ़ाने पर विचार कर रही है। दरअसल अरब क्षेत्र की समुद्री सीमा में Iran द्वारा हाल के समय में कई व्यापारिक जहाजों का उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है, जिस पर अमेरिका ने नाराजगी जाहिर की है। अमेरिका ने बयान जारी कर कहा है कि वह क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर अरब क्षेत्र में सैन्य मौजूदगी को बढ़ाएगा। 

खाड़ी क्षेत्र में Iran कर रहा दादागिरी
बता दें कि बीते दो सालों में खाड़ी से गुजरने वाले 15 अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाजों का या तो उत्पीड़न किया या फिर उन पर हमला किया। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बयान जारी कर बताया कि रक्षा विभाग खाड़ी में अपनी रक्षात्मक क्षमता को मजबूत करने की योजना बना रहा है। 
इसके लिए क्षेत्रीय ताकतों के साथ मिलकर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में सहयोग और समन्वय बढ़ाया जाएगा। आरोप है कि Iran ने बीते महीने Iran की नौसेना ने पनामा के एक व्यापारिक जहाज को जब्त कर लिया था, जिसे लेकर काफी तनाव बढ़ गया था। उससे पहले भी Iran ने मार्शल आइलैंड के एक तेल के टैंकर को जब्त कर लिया था। 

अमेरिका बढ़ाएगा पेट्रोलिंग
बहरीन स्थित American नौसेना की पांचवीं फ्लीट, स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में पेट्रोलिंग बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। अमेरिका की पांचवीं फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने अपने बयान में कहा कि Iran गैर जिम्मेदार  तरीके से व्यापारिक जहाजों का उत्पीड़न और उन्हें जब्त कर रहा है और इसे रोका जाना चाहिए। अंतराष्ट्रीय सीमा में नेवीगेशन और जहाजों की आवाजाही किसी भी दबाव से मुक्त होनी चाहिए। 

क्यों अहम है स्ट्रेट ऑफ होर्मुज
बता दें कि स्ट्रेट ऑफ होर्मुज Iran और ओमान के बीच की समुद्री सीमा का एक अहम चोक पॉइंट है और अरब देशों से दुनिया के कई देशों को कच्चे तेल की सप्लाई इसी स्ट्रेट ऑफ हरमुज से होती है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय नेवीगेशन को किसी भी दबाव से मुक्त रखने के लिए स्ट्रेट ऑफ हरमुज में किसी भी देश की दबंगई एक गंभीर मुद्दा है। 
स्ट्रेट ऑफ होर्मुज की लंबाई करीब 160 किलोमीटर से ज्यादा है और एक जगह इसकी चौड़ाई महज 39 किलोमीटर है। ऐसे में अगर Iran इस जगह पर कब्जा कर लेता है तो दुनिया का समुद्री व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।