कूनो नेशनल पार्क (Kuno Nationa Park) में एक और चीते की मौत, नर चीता तेजस की हुई मौत

Madhya Pradesh: कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत, गर्दन पर मिले चोटों के निशान
दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाए गये नर चीता तेजस की मंगलवार को मौत हो गई. अब तक 4 चीतों और 3 शावकों की मौत हो चुकी है.दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए कुल 20 चीतों में से अब तक चार दम तोड़ चुके हैं.
Bhopal: Madhya Pradesh के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) कूनो नेशनल पार्क में मॉनिटरिंग टीम को मंगलवार सुबह नर चीता तेजस घायल अवस्था में मिला. उसकी गर्दन पर घाव के निशान थे| इसकी सूचना मॉनिटरिंग टीम ने पालपुर मुख्यालय पर मौजूद डॉक्टर्स ,एक्सपर्ट की टीम नर चीता तेजस को बाड़े से निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल ले गई. इलाज के दौरान ही तेजस ने दम तोड़ दिया. तेजस को लगी चोटों का पता लगाया जा रहा है. पोस्ट मॉर्टम के बाद मौत के कारणों का पता लगाया जा सकेगा.
दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से लाए गये चीतों में से अब तक 4 चीतों और 3 शावकों की मौत हो चुकी है. इसमें से छह साल का चीता 'उदय' भी शामिल है, जिसने अप्रैल में दम तोड़ा था. इससे पहले चीते 'साशा' की भी मौत हो गई थी.
17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था. इस साल 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 12 और चीतों को कूनो में छोड़ा गया था. यानी कुल मिलाकर नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए.
नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था. इनमें से तीन शावकों की मौत हो गई है. चौथा शावक बीमार चल रहा है. कूनो नेशनल पार्क में सबसे पहले मादा चीता शासा की मौत हुई थी. शासा कूनो नेशनल पार्क मौसम में ढल नहीं पाई और बीमारी की वजह से उसकी मौत हो गई. अब सिर्फ 16 चीते ही बचे हैं.
चीता प्राजेक्ट में पहले से ही कहा गया है कि पहले साल आए 20 चीतों में से अगर 10 यानी 50% भी सर्वाइव कर जाते हैं तो यह प्रोजेक्ट सफल माना जाएगा.