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बालासोर ट्रेन हादसा: एम्स भुवनेश्वर के निदेशक बोले- हमारे पास अब भी 41 शव लावारिस, DNA नमूनों से कर रहे पहचान

 
बालासोर ट्रेन हादसा: एम्स भुवनेश्वर के निदेशक बोले- हमारे पास अब भी 41 शव लावारिस, DNA नमूनों से कर रहे पहचान
Mhara Hariyana News, Bhubaneswar
ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे को डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय हो चुका है। लेकिन, अब तक कई शवों की पहचान नहीं हो पाई है। इस बीच, एम्स भुवनेश्वर के निदेशक डॉ. आशुतोष बिस्वास ने कहा कि उनके पास 40 से 41 लावारिश शव हैं और लोग उनके पास आ रहे हैं और वह डीएनए नमूनों का मिलान करने के शव उन्हें सौंप रहे हैं। 
 
इससे पहले शुक्रवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा को बताया कि 'सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन' में चूक के कारण गलत सिग्नल दिया गया और इसी वजह से दो जून को ओडिशा के बालासोर जिले में दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना हुई। इस हादसे में 295 लोगों की जान चली गई थी। वैष्णव ने कहा कि रेलवे में पिछले पांच साल में सिग्नल फेल होने के 13 मामले सामने आए हैं, लेकिन इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई। रेल मंत्री ने बालासोर में हुई रेल दुर्घटना को लेकर विभिन्न सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
 
2 जून को हुई दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी। वैष्णव ने कहा कि 295 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 176 को गंभीर चोटें आईं, 451 को साधारण चोटें आईं और 180 को प्राथमिक उपचार मिला और वे घर चले गए।
 
रेल मंत्री सदन को बताया कि पिछले पांच साल में सिग्नल फेल होने के 13 मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि बालासोर दुर्घटना में मारे गए 41 लोगों के अवशेषों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि अज्ञात यात्रियों के शव एम्स, भुवनेश्वर में चिकित्सकीय रूप से निर्धारित तरीके से रखे गए हैं और सीएफएसएल, नई दिल्ली में विश्लेषण के लिए उनके डीएनए नमूने लिए गए हैं।