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बीकेई ने कालांवाली क्षेत्र में ट्रैक्टर मार्च निकालकर किया दिल्ली कूच आंदोलन का आगाज

9 घंटे में 22 गांवों में लगभग 90 किलोमीटर लंबा ट्रैक्टर मार्च किया
 
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सिरसा। भारतीय किसान एकता बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने ट्रैक्टर मार्च को सफल बनाने के लिए बीकेई टीम सहित कालांवाली क्षेत्र के सभी किसान मजदूर साथियों का धन्यवाद किया। औलख ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च ने किसानों को आंदोलन में शामिल होने के लिए एक नई ऊर्जा प्रदान की है। रोड़ी में सुबह 9 बजे से ही किसान अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर इक_े होना शुरू हो गए थे।

किसानों ने 9 घंटे में 22 गांवों में लगभग 90 किलोमीटर लंबा ट्रैक्टर मार्च किया। ट्रैक्टर मार्च का समापन अनाज मंडी कालांवाली में किया गया। मार्च की सूचना पहले ही पुलिस प्रशासन को भेज दी गई थी, लेकिन प्रशासन ने इसमें कोई सहायता नहीं की। किसानों ने खुद ही ट्रैफिक व्यवस्था को भी संभाला और बिना किसी रुकावट के अपना मार्च संपन्न किया। गांव रोड़ी, फग्गू, देसूखुर्द, थिराज, झोरड़ रोही, रघुआना, भादड़ा, लकड़ांवाली, ख्योंवाली, रोहिड़ावाली, चकेरिया, जलालनाआना सहित कई कई गांवों से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर मार्च में शामिल हुए। गांव झोरड़ रोही में गुरुद्वारा कमेटी व गांव के सहयोग से लंगर की व्यवस्था की गई।

रोहिड़ा वाली में गांव वासियों ने ट्रैक्टर मार्च कर रहे किसानों पर फूल बरसाए व चाय, बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक का लंगर भी लगाया। गांव चकेरिया ने भी ट्रैक्टर मार्च का स्वागत करते हुए किन्नू, चाय, बिस्कुट का लंगर लगाया। संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनैतिक से जनरल सिंह चहल व अभिमन्यु कोहाड़ ने भी शिरकत की। औलख ने कहा कि 13 फरवरी दिल्ली कूच के लिए किसान तैयारियां कर रहे हैं। सरकार भी अपने सारे हथकंडे अपना रही है, नोटिस भेजे जा रहे हैं। किसानों को डराया जा रहा है, पंजाब से लगती सीमाओं पर बड़े-बड़े पत्थर डालकर आंदोलन को दबाने का माहौल बनाया जा रहा है, लेकिन हरियाण के किसान का मिजाज अलग तरह का है, जब उसे रोका जाता है तो वह बड़ी संख्या में सडक़ों पर उतरता है। इसलिए सरकार किसानों को चाहे जितना भी कमजोर करने की कोशिश करें हरियाणा काकिसान दुगुनी ताकत से दिल्ली कूच करेगा।

किसान अपनी मांगें मनवाने तक चाहे एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी का कानून बनवाना हो, स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करवानी हो, किसान मजदूर का संपूर्ण कर्जा माफी की बात हो, मनरेगा मजदूरों को साल में 200 दिन काम व मेहनताना 700 रुपए करवाने की बात हो, सभी 12 मांगें माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।