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आंसुओं से भीगीं राहों से गुजरा शवों का कारवां, Jethwara इलाके से उठीं नौ अर्थियां

 
आंसुओं से भीगीं राहों से गुजरा शवों का कारवां, Jethwara इलाके से उठीं नौ अर्थियां

Mhara Hariyana News, Partapgarh
एक अर्थी गुजरने के बाद लोगों के आंसू कम भी न हो पाते कि दूसरी सामने आ जाती। Jethwara इलाके से ही एक-एक कर नौ अर्थियां उठीं। सोमवर को हाईवे पर हुए हादसे के बाद गांवों में उमड़ा आंसुओं का सैलाब मंगलवार को श्रंग्वेरपुर की गंगा में समाहित हुआ। 
शव तो राख हो गए। दर्दनाक कहानियां अभी जिंदा हैं, सिसकियां भर रही हैं।

लखनऊ-वाराणसी राजमार्ग पर सोमवार को हुए हादसे में जिन 12 लोगों की जान गई, उनमें से एक लीलापुर तथा नौ लोग Jethwara क्षेत्र के रहने वाले थे। दो लोग सुल्तानपुर के निवासी थे। हादसे के बाद Jethwara से लीलापुर तक 13 किलोमीटर के दायरे में सुबह से ही सन्नाटा छाया रहा, रोने-बिलखने की आवाजें उसे चीर रहीं थीं। कोई अपने भाई और बेटे के शव लिपटकर रोया तो कोई अपनी मां और पिता से।

घीसा का पुरवा निवासी रमेश कुमार (31) पुत्र फतेहबहादुर का पत्नी अमरावती से विवाद चल रहा है। परिवार न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है। सोमवार को वह न्यायालय में हस्ताक्षर करने आया था। घर जाते समय वह हादसे का शिकार हो गया।

अमरावती चार साल के बेटे हर्ष को लेकर मायका दुर्गागंज कछरा कौलापट्टी रानीगंज में रहती है। घटना की जानकारी के बाद बेटे हर्ष को लेकर पत्नी अमरावती भी घर आ गई।

बेटी तो कभी भाई के शव से लिपट जाती संगीता
Jethwara थाना क्षेत्र के जूड़ापुर निवासी नीरज पांडेय साेमवार को सुल्तानपुर के बंधुआ कला से भांजे अनुभव व भांजी गौरी को लेकर घर आ रहा था। हादसे में नीरज और गौरी की मौत हो गई। जबकि भांजे अनुभव का प्रयागराज में उपचार चल रहा है।

घटना की जानकारी पर रात में गौरी के पिता पितृदेव पांडेय व मां संगीता पांडेय रोती-बिलखती घर पहुंचीं। रह-रहकर संगीता भाई और बेटी के शव से लिपटकर रोती रही।

सामान के साथ आया हरिकेश का शव
Jethwara थाना क्षेत्र के धनसारी निवासी हरिकेश श्रीवास्तव (62) कपड़ों की सिलाई करते थे। तीन बेटे व चार बेटियों के पिता हरिकेश सोमवार को सिलाई का सामान लेने शहर आए थे। वापसी में शहर में ही टेंपो पर बैठ गए। हादसे में उनकी भी मौत हो गई। रात में ही शव घर पहुंचा तो परिजन रोने बिलखने लगे। मंगलवार को शव का अंतिम संस्कार हुआ।

मां-बाप सुपुर्दे खाक, बेटी हुई बेहाल
Jethwara थाना क्षेत्र के रेड़ी निवासी मोहम्मद रईस मुंंबई में टैक्सी चलाकर परिवार का गुजर बसर करते थे। बकरीद पर घर आए थे। सोमवार को रिश्तेदार को देखने के लिए पत्नी गुलशन के साथ शहर स्थित अस्पताल आए थे। जहां से लौटते समय हादसे में दंपती की मौत हो गई।

मंगलवार को इकलौती बेटी शाहीन माता-पिता के शवों से लिपटकर रोती रही। करीब तीन बजे दोनों के शवों को गांव के ही कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया।

बिटिया बोली- कैसे पूरा होगा पिता का सपना
छिवलहा निवासी शीतला प्रसाद यादव ईंट भट्ठे पर काम करता था। सोमवार को वह जमीन के मुकदमे के सिलसिले में सदर तहसील आया था। लौटते समय हादसे में उसकी भी जान चली गई। तीन बेटी इंदू, बिंदु व सिंदू की शादी हो चुकी है।

सबसे छोटी बेटी रूपा पढ़ाई कर रही है। उसका कहना था कि अब उसकी देखभाल कौन करेगा। वह पिता के सपने को कैसे पूरा करेगी।