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राबड़ी से सीबीआई टीम कर रही पूछताछ, जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में कार्रवाई

 
राबड़ी से सीबीआई टीम कर रही पूछताछ, जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में कार्रवाई
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Mhara Hariyana News, Patna
जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में सीबीआई की टीम पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से उनके घर पूछताछ कर रही है। 12 अफसरों की टीम 2 से 3 गाड़ियों में सोमवार सुबह पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड आवास पर पहुंचे।

लैंड फॉर जॉब स्कैम में सीबीआई की चार्जशीट पर कोर्ट ने समन जारी किया हुआ है। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य को आरोपी बनाया है। 15 मार्च को कोर्ट में राबड़ी, लालू और बेटी मीसा को पेश होने के आदेश दिए गए हैं।

पहले पूछताछ ऑफिस में होनी थी
सोमवार सुबह टीम राबड़ी देवी के आवास पहुंची तो उस वक्त बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव भी मौजूद थे, लेकिन बाद में वे विधानसभा के लिए निकल गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई ने राबड़ी देवी से पूछताछ के लिए नोटिस दिया था। पहले ये पूछताछ सीबीआई दफ्तर में होनी थी, लेकिन बाद में उन्हें राहत देते हुए उनके घर पर करने के लिए तैयार हो गई।

पिछले साल मई और अगस्त में सीबीआई ने मारे थे छापे
सीबीआई ने मई 2022 में लालू, राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत करीबियों और परिजनों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
सीबीआई ने इस मामले में इस साल मई में लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा यादव और हेमा यादव के अलावा नौकरी पाने के बदले में कम कीमत में जमीन देने वाले कुछ अयोग्य उम्मीदवारों समेत 16 लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई ने 24 अगस्त 2022 को एक बार फिर से आरजेडी नेताओं के यहां छापेमारी की थी।

जानिए लैंड फॉर जॉब स्कैम क्या है?
लालू के रेलमंत्री (2004 से 2009) रहते हुए लैंड फॉर जॉब स्कैम हुआ था। लालू और उनके परिवार वालों पर रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन लेने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में लालू और उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज किया था।

सीबीआई के अनुसार इस तरह से लालू यादव के परिवार ने बिहार में एक लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली, जबकि उस समय के सर्कल रेट के अनुसार जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी। खास बात ये है कि लैंड ट्रांसफर के ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया।