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पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश जरुरी : उपायुक्त

 
sirsa news

सिरसा, 17 नवंबर ।उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि बढते पर्यावरण प्रदूषण पर रोक के लिए पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश जरुरी है। पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है। इसलिए जिला में कहीं पर भी फसल अवशेष जलाने की घटनाएं ना हों, इसके लिए अधिकारी फिल्ड में रहकर फसल कटाई एरिया में निगरानी रखें। कहीं पर भी आगजनी की सूचना मिलती है, तुरंत संबंधित के खिलाफ एक्शन लेकर कार्यवाही अमल में लाएं। उपायुक्त ने शुक्रवार को पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश को लेकर कृषि अधिकारियों व एसएचओ की बैठक ली।

फिल्ड में रहें अधिकारी, आगजनी की घटना पर तुरंत लें एक्शन : उपायुक्त ने कहा कि जिन भी अधिकारियों व कर्मचारियों की डयूटी इस कार्य में लगाई गई है, वे फिल्ड में रहकर काम करें। कहीं पर भी फसल अवशेष जलाने की घटना की सूचना मिलती है, तो तुरंत उसकी सूचना दें। संबंधित के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए। गांव स्तर पर कमेटी के साथ तालमेल बनाकर रखें। संबंधित एसएचओ को साथ लेकर पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए।

फसल कटाई एरिया में रखें निगरानी, किसानों को करें जागरुक :
उपायुक्त ने कहा कि जहां पर फसल कटाई हो रही है या हई है, उस एरिया में विशेष निगरानी रखी जाए। इसके साथ ही किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरुक करें और पराली प्रबंधन के कृषि यंत्रों उपलब्ध करवाए जाएं। जिला में पराली जलाने की घटनाओं को जीरो तक ले जाने के लक्ष्य के साथ काम किया जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे पराली जलाने की घटनाओं को लेकर गंभीरता से कार्य करें। इस कार्य में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिला में पराली जलाने पर अब तक हुई 17 एफआईआर :
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि जिला में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर अब तक 17 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि जिला में पराली जलाने पर पूर्ण अंकुश को लेकर प्रशासन पूरी गंभीरता से काम कर रहा है। प्रदूषण को रोकने के लिए पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश जरुरी है। इसके लिए जिलावासियों विशेषकर किसानों का सहयोग जरुरी है। किसान पराली को जलाने की बजाए उसका प्रबंधन करें।

पराली प्रंबधन के लिये मिलेगी एक हजार रुपये प्रति एकड़ राशि:
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने धान की फसल के अवशेषों के इन-सीटू/एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1000 रुपये किसानों को दिए जाते हैं। इसी प्रकार रेड जोन में शून्य-जलन लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने वाली पंचायतों को एक लाख रुपये से पुरस्कृत किया जाएगा जबकि शून्य-जलन लक्ष्य तक पहुंचने वाले येलो जोन के गांवों को प्रोत्साहन के रूप में 50,000 दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, गौशालाओं को सहायता के लिए गांठों हेतु परिवहन 500 रूपये प्रति एकड़ तथा अधिकतम सीमा 15,000 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
बैठक में एसीयूटी शाश्वत सांगवान, उप कृषि निदेशक डा. सुखपाल, सभी थाना प्रभारी सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।