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Delhi Air Pollution: दिल्ली में आबोहवा बेकाबू होने के बाद कंस्ट्रक्शन पर रोक, PM 2.5 तय सीमा से 8 गुना ज्यादा, जानें डिटेल

धुंध की वजह से विजिबिलिटी का स्तर भी बहुत कम हो गया है
 
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Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को भी वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution ) से लोगों को राहत नहीं मिली. वायु प्रदूषण का स्तर को 'अति गंभीर' श्रेणी में पहुंचने के बाद दिल्ली सरकार ने राजधानी और आसपास के इलाकों में सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक तथा चार पहिया कमर्शियल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. सुबह के समय दिल्ली-एनसीआर में लगातार छठे दिन जहरीली धुंध छाई दिखाई दी. धुंध की वजह से विजिबिलिटी का स्तर भी बहुत कम हो गया है. सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए परेशानियां पहले से ज्यादा बढ़ गईं है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है. न्यू मोती बाग में एक्यूआई 488, वजीरपुर में 482, बवाना में 478, पटपड़गंज में 471, पंजाबी बाग में 469, मुंडका 466, द्वारका सेक्टर 8 463, ओखला में 449, शादीपुर में 440 सहित दिल्ली के अन्य इलाकों में भी कमोवेश यही हाल है. दिल्ली में पिछले 24 घंटे का औसत एक्यूआई अपराह्न चार बजे 454 दर्ज किया गया.

वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ग्रैप के चौथे और अंतिम चरण के तहत प्रतिबंध लागू किए गए हैं, जिसमें अन्य राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-छह मानक का पालन करने वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति होगी. वहीं, आवश्यक सेवाओं में शामिल वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट मिलेगी.


पराली जलाने की 4160 घटनाएं आई सामने

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के विश्लेषण के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) दिल्ली के मुताबिक रविवार को उत्तर भारत से पराली जलाने की कुल 4160 घटनाएं सामने आईं, जो इस मौसम में अब तक की सबसे अधिक घटनाएं हैं.

पीएम 2.5 तय सीमा से 8 गुना ज्यादा

दिल्ली-एनसीआर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)-2.5 की सांद्रता कई जगहों पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात-आठ गुना अधिक दर्ज की गई है. ये सूक्ष्म कण सांस के माध्यम से शरीर के भीतर तक प्रवेश करने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करने में सक्षम हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सीमा के मुकाबले दिल्ली में पीएम 2.5 की सांद्रता 80 से 100 गुना दर्ज की गई है.

कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के नवीनतम आदेश के अनुसार आवश्यक सेवाओं में शामिल नहीं होने वाले सभी मध्यम और भारी मालवाहक वाहनों के भी राजधानी में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आदेश में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी और बीएस-6 अनुपालक वाहनों को छोड़कर, दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. ताजा आदेश में कहा गया है क ‘‘यह निर्देश आवश्यक वस्तुओं जैसे कच्ची सब्जियां, फल, अनाज, दूध, अंडे या बर्फ, जिन्हें खाद्य पदार्थों के रूप में उपयोग किया जाना है, ले जाने वाले वाहनों और पेट्रोलियम उत्पादों को ले जाने वाले टैंकरों पर लागू नहीं होगा.’’

नियमों को लागू कराने के लिए 18 टीमें तैनात

दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक घोषित प्रतिबंधों को लागू करने के लिए 18 टीमें तैनात की हैं. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम ताजा प्रतिबंधों को लागू करने के लिए चार से पांच और टीम तैनात करेंगे. विभाग के पास कुल 114 प्रवर्तन टीमें हैं.’’ इस बीच दिल्ली सरकार ने बच्चों को प्रदूषण से बचाने के प्रयास के तहत सभी प्राथमिक विद्यालयों को 10 नवंबर तक बंद करने की भी घोषणा की है. दिल्ली अग्निशमन सेवा ने वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई स्थानों पर पानी का छिड़काव करने के लिए दमकल की 12 गाड़ियों को लगाया है.
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