मजदूर की बेटी जुलेखा बनी दुबई की सबसे अमीर इंडियन महिला, खड़ी की 3600 करोड़ की फर्म

Mhara Hariyana News, New Delhi : "शिक्षा सरोवर का रस पीने वाला है सर्वोत्तम, इसको ग्रहण करने वाला बन जाता है उत्तम" ये कविता तो आप सभी ने सुनी होगी। इंसान की परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों, लेकिन उसे हमेशा सही Education को ग्रहण करना चाहिए। लेकिन यह तभी संभव है जब हमारी इच्छाशक्ति और मेहनत दोनों ही मजबूत हो।
जीवन में कामयाब होने से पहले हमारे हौसलों का बुलंद होना बेहद जरूरी है। अक्सर लोग economic condition सही न होने के कारण अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ देते हैं। लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी कोई सफल हो जाए, तो वह समाज के लिए प्रेरणा बन जाता है।
ऐसी ही कहानी है डॉ Julekha Daud की, जिन्होंने परिवार की गरीबी और संघर्ष के बीच देश से निकलकर परदेश में नाम कमाया। परिस्थितियों के विपरीत काम करना अपने में ही बड़ी उपलब्धि है। इसी कड़ी में आइए डॉ Julekha Daud के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
कौन हैं डॉ Julekha Daud
डॉ Julekha Daud, "Julekha हॉस्पिटल ग्रुप" की चेयरमैन हैं। वह अपनी सोच, मेहनत और समाज सेवा के लिए जानी जाती है। 84 वर्षीय डॉ. ज़ुलेखा Daud का जन्म महाराष्ट्र के एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी कर के घर चलाते थे। आर्थिक तंगी और मुश्किलों के बीच भी ज़ुलेखा ने अपनी पढ़ाई को जारी रखने का फैसला किया।
यहां से की पढ़ाई
डॉ ज़ुलेखा ने India के नागपुर में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से स्त्री रोग में MBBS की विशेषज्ञता हासिल की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ज़ुलेखा UAE चली गईं। बड़ी बात ये है कि, वह पहली Indian डॉक्टर बनीं जिन्होंने UAE में मेडिसिन की प्रैक्टिस शुरू की थी। उन्होंने कई लोगों की सेवा की। आपको जानकर हैरानी होगी कि, डॉ Julekha Daud ने दुबई में 10,000 बच्चों की डिलीवरी कराई है।
Julekha Daud ने 60 साल पहले दुबई में मेडिकल करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद डॉ Julekha Daud ने 1992 में "Julekha हॉस्पिटल ग्रुप" की शुरुआत की ताकि लोगों को बेहतर हेल्थ केयर सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।
संघर्ष की कहानी
डॉ ज़ुलेखा की मेहनत का ही ये फल है कि, वर्तमान में UAE के साथ-साथ उनके India में भी दो अस्पताल हैं। बता दें, डॉ Daud 1964 में Sarjhah में काम करने India से आई थीं। हालांकि, इससे पहले वह कुवैत में अमेरिकन मिशन अस्पताल में काम करती थी।
1992 में उन्होंने Sarjhah में पहला निजी अस्पताल स्थापित किया, जिसका नाम था Julekha अस्पताल।
वर्तमान में Sarjhah और दुबई के दो अस्पतालों के बीच अमीरात के तीन चिकित्सा केंद्रों में ज़ुलेखा समूह सालाना 550,000 लोगों का इलाज करता है। ये उनका संघर्ष ही है कि, उनका ये समूह लोगों का इलाज कर के रोगियों की जान बचा रहा है।
दूर दूर से इलाज करवाने आते थे लोग
यू तो डॉक्टर Julekha स्त्री रोग विशेषज्ञ थीं। हालांकि, उन्होंने अपनी भूमिका हर जगह बखूबी निभाई। चेचक से लेकर वायरल संक्रमण तक कई रोगों का इलाज उन्होंने किया है।
कहा जाता है कि, उस दौरान मलेरिया का जबरदस्त प्रकोप था। ऐसे में दूर दूर से लोग डॉक्टर Julekha से इलाज कराने आते थे। व्यक्ति की हालत गंभीर होने पर भी डॉक्टर Julekha उसका केस संभालती थी।
पुरस्कार और सम्मान
डॉक्टर Julekha की मेहनत को देश सलाम करता है। उनके कठिन परिश्रम का सम्मान करना हम सभी का फर्ज है। वहीं 23 जनवरी 2019 को डॉ ज़ुलेखा को प्रवासी Indians के लिए India के शीर्ष सम्मान से सम्मानित किया गया।
इसके अलावा डॉ. ज़ुलेखा के लिए वह पल बहुत खास था जब उनके महामहिम और UAE के विदेश मामलों के मंत्री ने उनको सम्मानित किया।
डॉ. ज़ुलेखा को कई अन्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है और हो भी क्यों न उनकी मेहनत ने देश का भी नाम रोशन किया है।