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तुर्किये के अंकारा में 6.1 तीव्रता का भूकंप:लोग दहशत में घर से बाहर निकले

झटके इतनी तेज थे कि इस्तांबुल समेत आसपास के इलाकों में लोग दहशत में घर से बाहर निकल आए। फिलहाल भूकंप से किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।
 
तुर्किये के अंकारा में 6.1 तीव्रता का भूकंप:लोग दहशत में घर से बाहर निकले
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Mhara Hariyana News

तुर्किये (पुराना नाम तुर्की) के अंकारा में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई। झटके इतनी तेज थे कि इस्तांबुल समेत आसपास के इलाकों में लोग दहशत में घर से बाहर निकल आए। फिलहाल भूकंप से किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, भूकंप का केंद्र दुजसे प्रांत के गोलकाया में आया। ये शहर इस्तांबुल से 200 किलोमीटर दूर है। इसी शहर में 1999 में सबसे खतरनाक भूकंप आया था, जिसमें 800 लोगों की मौत हो गई थी।

दुनिया में हर साल 20,000 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।

इंडोनेशिया के मुख्य आईलैंड जावा में सोमवार को आए भूकंप से अब तक कुल 268 लोगों की मौत हो चुकी है। 700 से ज्यादा लोग घायल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरने वालों में कई स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। भूकंप में 2 हजार से ज्यादा घर तबाह हो गए। 13 हजार लोग बेघर हैं। अस्थाई कैंपों, पार्किंग और सड़कों पर ही घायलों का इलाज किया जा रहा है। पढ़ें पूरी खबर...

तुर्की का नाम अब तुर्किये हो गया है। राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोआन की सरकार ने दिसंबर में इसके लिए कोशिश शुरू की थी। यूनाइटेड नेशन ऑर्गनाइजेशन (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने बुधवार को कहा- तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने चिट्ठी लिखकर बताया, अब उनके देश को तुर्की नहीं बल्कि तुर्किये के नाम से जाना जाए। हमने इस गुजारिश को मंजूर कर लिया है।