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Electric Highway : इस जगह बनेगा देश का इकलौता इलेक्ट्रिक एनेबल्ड हाईवे, शुरुआत होने में लगेंगे 6 साल

Electric Highway : बहुत जल्द अब हाईवे पर भी आपको एक नई टेक्नोलॉजी दिखने वाली है. हालांकि, ये कोई नया प्रयोग नहीं है...दुनिया भर में ऐसे कई देश हैं जहां इस तरह का प्रयोग किया गया है
 
Electric Highway : इस जगह बनेगा देश का इकलौता इलेक्ट्रिक एनेबल्ड हाईवे, शुरुआत होने में लगेंगे 6 साल
Mhara Hariyana News,  डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: भारत में जितनी तेजी से टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है, पूरी दुनिया में कहीं नहीं हो रहा. यहां हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी अपने पांव पसार रही है. बहुत जल्द अब हाईवे पर भी आपको एक नई टेक्नोलॉजी दिखने वाली है. हालांकि, ये कोई नया प्रयोग नहीं है...दुनिया भर में ऐसे कई देश हैं जहां इस तरह का प्रयोग किया गया है, लेकिन भारत में ये पहला प्रयोग होगा जब लोग हाईवे पर चलते समय अपने बगल में एक इलेक्ट्रिक हाईवे भी देखेंगे.

दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारत के सबसे पहले इलेक्ट्रिक हाईवे के बारे में जो दिल्ली से जयपुर के बीच बनने वाला है. चलिए पहले जानते हैं कि क्या होता है इलेक्ट्रिक हाईवे.

क्या होता है इलेक्ट्रिक हाईवे?
जैसा कि इसके नाम से ही मालूम चल रहा है कि इलेक्ट्रिक हाईवे वो जहां गाड़ियों को बिजली के माध्यम से चलाया जाता हो. दरअसल, जर्मनी और स्‍वीडन जैसे देशों में हाईवे के साथ साथ एक लेन होती है जहां गाड़ियों को खासतौर से बसों को बिजले के माध्यम से चलाया जाता है. जिस खास लेन में ये चलती हैं उसे ही इलेक्ट्रिक हाईवे कहा जाता है. भारत में ये हाईवे दिल्ली से जयपुर के बीच बन रहा है. इस लेन पर चलने वाली बसों की रफ्तार लगभग 100 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी.

आपको बता दें, केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, वह देश का पहला इलेक्ट्रिक एनेबल्ड हाईवे बनाने की दिशा में काम कर रहा है. इसके तहत अगले 6 वर्षों में दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर विद्युत ऊर्जा से चलने वाली बसें सरपट दौड़ती नजर आएंगी. इन बसों को दिल्ली से जयपुर के बीच 225 किलोमीटर की दूरी में चलाया जाएगा. इस हाईवे पर चलने वाली एक बस में 55 सवारियों के बैठने की जगह होगी. इसके साथ दो बसों को जोड़कर 95 सीटों वाली बस के प्रोटोटाईप पर भी काम किया जा रहा है.


कैसे काम करता है ये हाईवे-
ये हाईवे काम कैसे करता है, उससे पहले समझिए कि ये हाईवे बनता कैसे है. दरअसल, ये हाईवे किसी नॉर्मल हाईवे से बिल्कुल लग कर बनता है. बस इस हाईवे के ऊपर या फिर नीचे बिजली के तार फैला दिए जाते हैं और इसी की मदद से इस हाईवे पर बसें चलती हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि जब इलेक्ट्रिक बसें आ गई हैं तो फिर ऐसे इलेक्ट्रिक हाईवे की क्या जरूरत?


आपको बता दें जो इलेक्ट्रिक बसें या इलेक्ट्रिक वाहन हैं, उन्हें बार बार अपनी बैटरी चार्ज करनी होती है...जबकि इलेक्ट्रिक हाईवे पर चलने वाली बसों को इस दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता. ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें सीधे बिजली से कनेक्शन लगातार मिलता रहता है. भारतीय रेल भी इसी तरह से चलती है. अब हर ट्रेन को चलाने के लिए इसी तरह से बिजली का उपयोग किया जाता है.