मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना का लाभ उठाएं किसान : उपायुक्त आर के सिंह
Mar 13, 2024, 18:08 IST
सिरसा उपायुक्त आर के सिंह ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि करने व फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में कम दाम व प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से जिला के बागवानी खेती करने वाले किसान फसल की खेती के दौरान व उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते है।
उपायुक्त ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन भिंडी मिर्च, करेला, बंद गोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आड़ू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी आदि को सूचीबद्ध किया गया है। इन सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी। उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते है।
जिला बागवानी अधिकारी डॉ पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों हेतु किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर 1000 प्रति एकड़ का प्रीमियम देकर बीमा करवा सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होने अनिवार्य है। जिला में इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस में जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते है।
उपायुक्त ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है।
यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है। कई बार यह देखने में आया है कि किसान जब अपनी बागवानी की फसल को मंडी में बेचने जाता है तो उसको फसल का सही दाम नहीं मिल पाता, जिससे किसान हतोत्साहित होकर फिर से पारंपरिक खेती करने का विचार करता है। ऐसे किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार फसल में लगने वाले घाटे (नुकसान) को कम करने के लिए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत मुआवजा व मूल्य के रूप में प्रोत्साहन धनराशि प्रदान करेगी।
उन्होंने बताया कि इस योजना के आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन भिंडी मिर्च, करेला, बंद गोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आड़ू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी आदि को सूचीबद्ध किया गया है। इन सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी। उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते है।
जिला बागवानी अधिकारी डॉ पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों हेतु किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर 1000 प्रति एकड़ का प्रीमियम देकर बीमा करवा सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होने अनिवार्य है। जिला में इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस में जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते है।