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कथा पैकेज लेना नहीं, अपितु जीवन की व्यथा को कम करने का नाम है: स्वामी नित्यानंद महाराज

 
कथा पैकेज लेना नहीं, अपितु जीवन की व्यथा को कम करने का नाम है: स्वामी नित्यानंद महाराज
सिरसा। भक्ति के लिए इन्सान को पहले भक्त बनने की आवश्यकता है, क्योंकि इन दिनों कथा के नाम पर भी पैकेज की बात बहुत चलती है। वास्तविक अर्थ में कथा वह है जो जीवन की व्यथा को हर ले। यह उद्घोष स्वामी सदाशिव नित्यानंद गिरी महाराज ने फूलकां गौशाला में श्रीब्रह्म पुराण कथा के आखिरी दिन सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस दौरान समाजसेवी एवं भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने शिरकत की। उन्होंने व्यासपीठ को नमन करते हुए महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान गोबिंद कांडा ने कहा कि उनकी हमेशा लालसा रहती है कि गौसेवा में हमेशा बढ़-चढ़कर सेवा करता रहूं। उन्होंने गौशाला को 50 हजार रूपये का दान भी किया।
इससे पहले स्वामी नित्यानंद गिरी ने गौशाला के सेवा कार्यों में अग्रणी रहने वाले सेवादारों को सम्मानित किया। नित्यानंद गिरी ने भगवान श्रीकृष्ण की महिमा सुनाते हुए कहा कि शिशुपाल ने सौ अपराध भी किए तो भी भगवान ने उन्हें माफ किया। कहने का भाव कि इन्सान को गलती पर गलती नहीं करनी चाहिए, जीवन में सुधरने का प्रयास करे तो उसका मौत जैसा कर्म भी कट सकता है। 
स्वामी जी ने कहा कि भक्ति के लिए पहले भगत बनना जरूरी है, अपने स्वभाव को सुधारना ही भजन है। गौसेवा भी भक्ति है, अकेली माला नहीं। कथा सुनने का मतलब है कि आपने भगवान का वर्ण कर लिया है, उनकी शरण में आ गए हो तो अपनी दुनियादारी की टेंशन छोड़कर उसकी भक्ति में लीन हो जाओ। वह भगवान सबकी टेंशन खत्म कर देता है, यदि कोई इन्सान प्रेमभाव और समर्पण के साथ खुद को समर्पित कर देता है। इस दौरान गौशाला प्रधान रविंद्र कुलडिय़ा ने फूलकां, बाजेकां, अलीमोहम्मद, कंवरपुरा सहित अन्य दर्जनभर गांवों से पहुंचे गौभक्तों व ग्रामीणों का हार्दिक धन्यवाद किया। कुलडिय़ा ने बताया कि रविवार को गौशाला में हवन यज्ञ किया जाएगा।