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चालक के टुकड़े-टुकड़े कर गलाने वाले डॉक्टर को उम्रकैद

 
चालक के टुकड़े-टुकड़े कर गलाने वाले डॉक्टर को उम्रकैद
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Mhara Hariyana News, Narmadapuram ( Madyapradesh)
मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में चालक की बेरहमी से हत्या करने वाले डॉक्टर को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा से दंडित किया है। डॉक्टर ने ब्लैकमेलिंग व वसूली से परेशान होकर यह घिनौना कांड किया था। 
चालक के शव के टुकड़े-टुकड़े कर एसिड से भरे ड्रम में गलाने के लिए डाल दिए थे। मंगलवार को नर्मदापुरम न्यायालय में द्वितीय अपर सेशन न्यायाधीश हिमांशु कौशल ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

कोर्ट ने कहा कि वारदात जघन्य और निर्मम है, लेकिन इसमें मृत्युदंड की सजा नहीं सुनाई जा सकती, क्योंकि आरोपी डॉक्टर का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। साथ ही, जेल में भी उसका व्यवहार ठीक था। 
डॉ. सुनील मंत्री ने 2019 में अपने ड्राइवर की हत्या की थी। कोर्ट में 25 गवाहों के बयान दर्ज हुए। 

आरी से टुकड़े कर एसिड में डाले शव के टुकड़े
5 फरवरी 2019 को डॉक्टर सुनील मंत्री ने चालक वीरू पचौरी को पहले नींद का इंजेक्शन दिया। बेहोश होने पर उसे घसीटकर बाथरूम तक ले गया, यहां उसने पहले गला रेता फिर शरीर के आरी से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया। 
बाथरूम में बाल्टी, कढ़ाही में एसिड रखा था। इसमें डॉक्टर ने शव के टुकड़ों को गलाने के लिए डाल दिए थे। डॉक्टर के पड़ोसियों ने दुर्गंध आने पर पुलिस से शिकायत की थी। 
पुलिस वहां पहुंची तो हत्या का खुलासा हो गया था। पुलिस के अनुसार ड्राइवर वीरू डॉक्टर को ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूल चुका था परेशान होकर डॉक्टर ने उसे मार डाला।

सिर और चेहरा देखकर पिता ने की पहचान
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने डॉक्टर के घर में तलाशी ली थी। ऊपर के एक कमरे में रखे नीले रंग के प्लास्टिक के ड्रम में पानी जैसा भरा था। इसमें से एसिड की बदबू आ रही थी। 
उसमें ड्राइवर का कटा सिर और पैर, धड़ जैसा दिख रहा था। वहीं बगल में बने बाथरूम में बांया पैर कटे हुए हिस्से, 3 आरी और एक लोहा काटने की आरी भी पड़ी मिली। 
ड्रम में पड़े कटे सिर और चेहरे के हिस्से को देखकर उसके पिता ने उसे पहचाना। कोतवाली पुलिस ने डॉक्टर सुनील मंत्री के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।

मृतक की पत्नी ने दी थी गवाही, मेरे घर थे डॉक्टर
मामले में 25 गवाह रहे। मृतक की पत्नी के भी बयान हुए। मृतक की पत्नी की गवाही विपरीत रहीं। पत्नी का कहना था कि घटना वाले यानी जिस समय हत्या हुई, तब डॉक्टर मेरे घर पर थे। 
डॉक्टर मृतक की पत्नी के घर क्यों गए थे, ये स्पष्ट नहीं हो पाया। हालांकि ड्राइवर का शव डॉक्टर के घर में एसिड से भरे ड्रम में मिल था। सबूत, साक्ष्य, अन्य गवाह, घटना की स्थिति और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर को दोषी पाया गया।