डेरा सच्चा सौदा में मानवता भलाई कार्यों के साथ मनाया एमएसजी सेवा भंडारा
सिरसा । डेरा सच्चा सौदा में रविवार को 32वां एमएसजी सेवा भंडारा मानवता भलाई कार्यों के साथ मनाया। शाह सतनाम शाह मस्तान जी धाम व मानवता भलाई केन्द्र डेरा सच्चा सौदा सरसा में एमएसजी सेवा भंडारे की नामचर्चा सत्संग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 88 जरूरतमंदों को कंबल और 88 बच्चों को गर्म वस्त्र वितरित किए गए।
एमएसजी सेवा भंडारे पर सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (एमएसजी) ने 18वीं रूहानी चिट्ठी भेजी, जिसे समूह साध-संगत को सुनाया गया। रूहानी चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन अवतार महीने ‘एमएसजी अवतार माह’ और नव वर्ष की बधाई देते हुए 161वां मानवता भलाई कार्य ‘सहारा-ए-इन्सां’ शुरू करवाया। जिस पर समूह साध-संगत ने अपने हाथ उठाकर इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का संकल्प लिया। इस कार्य के तहत जिन गरीब परिवारों में मुखिया, बेटा या बेटी की नशे की वजह से मौत हो गई, ऐसे लोगों के घर जाकर साध-संगत उनकी आर्थिक तौर पर मदद करेगी और उनका दु:ख बंटाएगी।
रविवार दोपहर 12 बजे एमएसजी सेवा भंडारे के नामचर्चा सत्संग का आगाज पवित्र नारा ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ और विनती के साथ हुआ। इसके पश्चात कविराजों ने भक्तिमय भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर बड़ी-बड़ी स्क्रीनों के माध्यम से सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन अनमोल वचनों को साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया।
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि फकीर उस परमपिता परमात्मा के आगे प्रार्थना, दुआ करते रहते हैं, अरदास करते रहते हैं और उनका मकसद सिर्फ एक ही होता है कि हर जीवन सुख-शान्ति हासिल करे, हर इन्सान को वो खुशियां मिलें, जिसके लिए वो दुआएं करता है, प्रार्थनाएं करता है, पर जायज। नाजायज मांग ना तो कभी पूरी होती है और ना उसके लिए संत, पीर-फकीर दुआएं करते हैं। जायज, नाजायज, सही है, गलत है, इसका पता कैसे चले?
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आप अगर लगातार सत्संग सुनते हैं तो ये हो ही नहीं सकता है कि आपको ये पता ना चले कि सही मांग कौन सी है और गलत कौन सी है। सही मांग वो होती है जिससे परिवार को भला हो, समाज का भला हो, देश का भला हो और संसार का भला हो। सही मांग वो भी होती है, जिससे शरीर का भला हो, आत्मा का भला हो और दिमाग में शांति रहे, संतोष धन आए, मन ना भटकाए, माया छलिया ना बने, काम-वासना, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार तंग ना करे, ये सारी प्रार्थनाएं जब की जाती हैं तो परमपिता परमात्मा की दरगाह में मंजूर होती हैं। एमएसजी सेवा भंडारे की समाप्ति पर आई हुई साध-संगत को कुछ ही मिनटों में लंगर भोजन व प्रशाद वितरित कर दिया गया।
18वां रूहानी पत्र
हमारे प्यारे बच्चो, ट्रस्ट प्रबंधक सेवादारो व सेवादारो
‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’
हमारे करोड़ों प्यारे बच्चो, आप सबको परम पिता शाह सतनाम जी दाता के अवतार महीने एमएसजी अवतार माह की करोड़ों बधाईयां व आशिर्वाद। नया साल भी शुरू हो रहा है। आप सबके लिए नए साल की बहुत-बहुत बधाई व आशिर्वाद। एमएसजीअवतार माह व नया साल आप सबको अति शुभ हो व आपकी हर जायज मांग प्रमात्मा जल्द से पूरी करके आपके घर खुशीयों से भर दें।
हमारे प्यारे बच्चो, हम हमेशा परम पिता जी वाली बॉडी की, भजन की दो लाईने सुनाया करते हैं जिनसे सच्चे सौदे का सारा ज्ञान व असूल समझ आता है। इस जन्म में यह दो काम करो, एक नाम जपो और प्रेम करो। किसी जीव का दिल ना दुखाना कभी, मौत याद रखो मालिक से डरो।
प्यारी साध-संगत जी, आप सारे बहुत सेवा करते हैं और भंडारे के हर दिन खुशी व मस्ती से भरपूर रहते हैं। आप अगर यह चाहते हैं कि ये खुशीयां व मस्ती हर दिन बढ़ती रहे तो आप तीन वचनों पर पक्के रहो व दृढ़ यकीन, गुरु व गुरु वचनों पर भी रखोगे तो खुशीयां व मस्ती कई गुणां रोज बढ़ती जाएंगी। आप सबको हमने पहले भी कई बार कहा है व एक बार फिर से कह रहे है कि ‘आपके गुरु हम थे, हम हैं और हम ही रहेंगे व हम ही हैं। आपके आस पास कोई ‘मंदबुद्धि दिव्यांग घूम रहा हो तो उसका ईलाज करवाकर उसे उसके घर पहुंचाए। यह सेवा आप कर रहे हैं पर इसे और जोर से करें। नर सेवा नारायण सेवा होती है।’
आने वाले अवतार महीने एमएसजीका व नए साल के पहले दिन पर आप सारे मिलकर मानवता भलाई का एक नया कार्य शुरू करे जी कि जिन गरीब परिवार में से मुखिए या एक ही बेटा या बेटी की नशे की वजह से मौत हो गई हो तो हम सब मिलकर, उनके घर जाएं व उनकी आर्थिक तौर पे मदद करके, उनका दुख बंटाया करेंगे। इस मुहिम का नाम होगा ‘सहारा ए इन्सां’ हाथ खड़े करें जी। जोर से नारा लगाएं जी। हाथ नीचे कर लें जी। जो सेवादार यह सेवा करेंगे परमपिता प्रमात्मा उनकी झोलियां अलग-2 खुशीयां देकर भर देंगे।
प्यारे बच्चो हम गुरु रूप में हर पल मालिक से आप सबके लिए भण्डारे की खुशियां मांगते हुए कहते हैं कि भण्डारे में आपको ई-स्पेशल खुशीयां मिलें। आशिर्वाद। सदा आपका एमएसजीगुरू।
दासन दास, गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां