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भांजी की शादी में भरा 3 करोड़ 21 लाख का मायरा, 81 लाख कैश दिया

 
भांजी की शादी में भरा 3 करोड़ 21 लाख का मायरा, 81 लाख कैश दिया
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Mhara Hariyana News, Nagore
राजस्थान का नागौर जिला एक बार फिर मायरा भरने को लेकर चर्चा में है। यहां तीन किसान भाइयों ने अपनी भांजी की शादी में 3 करोड़ 21 लाख रुपए खर्च किए। मामा ने 81 लाख कैश दिए। तीनों मामा ने मायरे में गिफ्ट के तौर पर गहने-कपड़ों से अनाज तक, ट्रैक्टर-टॉली, स्कूटी और अन्य सामान भी दिए।

मामला जिले के जायल क्षेत्र के झाड़ेली गांव का है। दरअसल, घेवरी देवी और भंवरलाल पोटलिया की बेटी अनुष्का की बुधवार को शादी हुई। इस दौरान अनुष्का के नाना बुरड़ी गांव निवासी भंवरलाल गरवा अपने तीनों बेटे हरेंद्र, रामेश्वर और राजेंद्र के साथ करोड़ों रुपए का मायरा लेकर पहुंचे।

पिता के इस सम्मान को देख एक बार के लिए घेवरी देवी और उनके परिवार के आंखों में आंसू आ गए। वहीं पिता का कहना था कि परिवार की इकलौती बेटी है और इसी की किस्मत से मेरे तीनों बेटों को इतना कुछ मिला है।

थाली में रखे 81 लाख रुपए कैश
इस दौरान थाली में 81 लाख रुपए कैश रखे गए। अनुष्का के नाना खुद थाली सिर पर उठाकर शादी में पहुंचे। इस थाली में 500-500 रुपए के नोटों की गडि्डयां रखी हुई थीं। यहां गांव-समाज के पंच-पटेलों के बीच 81 लाख रुपए के अलावा साढ़े 16 बीघा खेती के लिए जमीन, नागौर रिंग रोड पर करीब 30 लाख रुपए की कीमत का प्लॉट, 41 तोला सोना और 3 किलो चांदी के गहने दिए।

इसके अलावा अनाज की बोरियों से भरी नई ट्रैक्टर-ट्रॉली और अपनी दोहिती यानी दुल्हन के लिए एक स्कूटी भी गिफ्ट की। इतना कुछ देखकर वहां मौजूद लोगों में यह मायरा चर्चा का विषय रहा।

350 बीघा खेती की जमीन
घेवरी देवी के पिता भंवरलाल गरवा ने बताया कि उनके पास करीब 350 बीघा खेती की जमीन है। वहीं उनके तीन बेटों हरेंद्र, रामेश्वर और राजेंद्र गरवा के बीच घेवरी इकलौती बेटी है। वो मुझे ईश्वर का दिया हुआ उपहार है। बहन, बेटी और बहू से बड़ा धन भी कुछ नहीं है। पूर्वजों का अभी पुराना इतिहास है कि बहन-बेटी के ससुराल में मायरे को दिल खोल कर भरना चाहिए और उनके संकट में रक्षक की तरह खड़ा होना चाहिए। इसलिए बेटों ने मेरी सहमति से ही अपनी बहन की खुशी के लिए ये मायरा भरा है।

क्या होता है मायरा
बहन के बच्चों की शादी होने पर ननिहाल पक्ष की ओर से मायरा भरा जाता है। इसे सामान्य तौर पर भात भी कहते हैं। इस रस्म में ननिहाल पक्ष की ओर बहन के बच्चों के लिए कपड़े, गहने, रुपए और अन्य सामान दिया जाता है। इसमें बहन के ससुराल पक्ष के लोगों के लिए भी कपड़े और जेवरात आदि होते हैं।