NATO Summit: नाटो के इस कदम से भड़केगा रूस, कभी भी छिड़ सकता है विश्व युद्ध
NATO Summit Lithuania: यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो ग्रुप की बैठक हो रही है. रूस से महज डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी पर लिथुआनिया की राजधानी विनियस में स्टेज तैयार है. नाटो मीटिंग हॉल रूस के सहयोगी बेलारूस से महज 32 किलोमीटर दूर है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद यहां पहुंच रहे हैं. इससे पहले सुरक्षा इंतजाम इस तरह किए गए हैं, जैसे विश्व युद्ध कभी भी छिड़ सकता है.
नाटो के 16 सहयोगियों ने एक हजार सैनिकों को विनियस में तैनात कर दिया है. इतना ही नहीं कई ने तो भारी हथियार भी भेजे हैं. 11-12 जुलाई को नाटो शिखर सम्मेलन शेड्यूल है.
लिथुआनिया, जहां नाटो की बैठक होने वाली है कभी सोवियत यूनियन का हिस्सा था. अब नाटो का हिस्सा है.
एस्टोनिया और लातविया भी 2004 से नाटो और यूरोपीय यूनियन के सदस्य हैं. रूस इसके खिलाफ रहा है. अपनी सुरक्षा के लिए इसे खतरा मानता है.
अब लिथुआनिया में जिस हिसाब से नाटो की तैनाती हो रही है, रूस का इससे खफा होना तय है.
लिथुआनिया केराष्ट्रपति गीतानास नौसेदा ने बताया कि जो बाइडेन और 40 देशों के नेता मीटिंग में हिस्सा लेंगे. ऐसे में आसमान की सुरक्षा जरूरी है.
मिसाइल लॉन्चर, एयर डिफेंस, लड़ाकू विमानों की तैनाती
जर्मनी ने विनियस में 12 पैट्रियट मिसाइल लॉन्चर की तैनाती की है. इससे गंभीर स्थिति में बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों या युद्धक विमानों को इंटरसेप्ट किया जा सकता है. स्पेन का NASAMS एयर डिफेंस सिस्टम, फ्रांस का सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर भेजना का प्लान है. फ्रांस, फिनलैंड और डेनमार्क ने लिथुआनिया में लड़ाकू विमानों की भी तैनाती की है. फ्रांस और ब्रिटेन दोनों ही विनियस को एंटी ड्रोन हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं.
स्पेशल ऑपरेशन के लिए पोलैंड और जर्मनी ने सैन्य हेलिकॉप्टर भेजे हैं. इनके अलावा, बाकी नाटो देश संभावित केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियलॉजिकल और न्यूक्लियर अटैक को इंटरसेप्ट करने के लिए हथियार भेज रहे हैं.
विदेशी नेताओं की सुरक्षा के लिए नाटो की तत्काल प्रभाव से एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करने की जरूरत होगी. लिथुआनिया के राष्ट्रपति खौफ में हैं.
उनकी कोशिश है कि विदेशी नेताओं की मौजूदगी में रूस की तरफ से कुछ अनहोनी न हो, और अगर हो भी तो उसको समय रहते इंटरसेप्ट किया जाए.
एयरपोर्ट पर मिसाइल लॉन्चर की तैनाती
विनियस एयरपोर्ट पर जर्मन पैट्रियट मिसाइल लॉन्चर की तैनाती की गई है. इसके निशाने पर रूस का कैलिनिनग्राद है.
दो पैट्रियट के निशाने पर बेलारूस हैं. सभी मिसाइल लॉन्चर शुक्रवार से ऑपरेशनल हैं. असल में लिथुआनिया का ज्योग्राफिकल लोकेशन खतरनाक है.
इसने बेलारूस और रूस की सीमाओं पर जवानों की तैनाती तीन गुना बढ़ा दी है.
इनमें लातविया और पोलेंड के जवान भी शामिल हैं. नाटो के इन दोनों सहयोगियों ने विनियस में पेट्रोलिंग के लिए पुलिस टीमें भी भेजी हैं.
लिथुआनिया के नागरिक बेखौफ
एक ग्लोबल न्यूज एजेंसी ने बेलारूस के आसपास बसे गांवों में लोगों से बात की. वे कह रहे हैं कि पूरी तरह सुरक्षित हैं. नाटो मीटिंग से पहले रूस में वैगनर का विद्रोह भी देखा गया.
ऐसे तो यह भी आशंका जताई जा रही है कि वह अपने स्तर पर हथियारों का इस्तेमाल कर नाटो सहयोगी पर हमला कर सकता है.
वह अभी बेलारूस में है. यहां से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर नाटो मीटिंग होने वाली है.
आसपास के लोग बेखौफ हैं. कह रहे हैं कि आपको क्या लगता है वैगनर और बेलारूस लिथुआनिया पर हमला कर देगा? नाटो तो नाटो है, रूस की हिम्मत भी नहीं है.