Rajasthan news: राजस्थान के इस हाईवे पर बनाई गई 2 पार्किंग, लैंडिंग पट्टी पर जरुरत पड़ने पर अब उतरेंगे प्लेन
नई दिल्ली: एनएच-925ए के सट्टा-गंधव सेक्शन के तीन किलोमीटर के हिस्से पर आपातकालीन हवाई पट्टी बनाई गई है. यह पट्टी भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित ‘टू-लेन पेव्ड शोल्डर’ का हिस्सा है. एनएच-925 बाड़मेर और जालौर जिलों के गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान करता है. इसकी कुल लंबाई कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर.
आपातकालीन लैंडिंग पट्टी का निर्माण जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह सम्पन्न हो गया.इस रनवे की चौड़ाई 33 मीटर है जबकि लंबाई 3 किलोमीटर है. यह आपातकालीन लैंडिंग पट्टी पाकिस्तान की सीमा से केवल 40 किलोमीटर दूर है.
बाड़मेर सामरिक तौर पर बेहम अहमियत रखता है. इसलिए एनएच-925ए को एयर स्ट्रिप के लिए चुना गया. पाकिस्तान के बेहद नजदीक होने की वजह से जंग के दौरान चंद मिनटों में यहां से पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की जा सकती है.
आम दिनों में एनएच 925ए के इस हिस्से का आम सड़क के तौर पर इस्तेमाल होगा. यानी इस पर वाहन दौड़ेंगे. लेकिन, आपातकालीन स्थिति में यह रनवे में बदल जाएगा इस पर लड़ाकू विमान लैंड और टेकऑफ करेंगे. वाहन इसके साथ लगी सर्विस रोड से गुजरेंगे.
आपातकालीन लैंडिंग पट्टी के दोनों तरफ दो पार्किंग बनाई गई है ताकि जरूरत पड़ने पर प्लेन को पार्किंग में खड़ा किया जा सके. दो मंजिला एटीसी केबिन तैयार किया गया है. यहां पर से मोबाइल रडार सिस्टम और एयर डिफेंस सिस्टम भी लगाया जा सकता है.
एनएच-925ए पर बनी इस आपातकालीन लैंडिंग पट्टी पर भारतीय वायुसेना के हर तरह के विमान उतर सकते हैं और उड़ान भर सकते हैं. यानी रफाल से लेकर मिग-21 को यहां से ऑपरेट करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी.
सितंबर 2021 में केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने गंधव-बाखासर खंड पर बनी इस इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का उद्घाटन किया था. दोनों ही मंत्री ट्रांसपोर्ट विमान सी 130 जे सुपर हरक्युलिस में सवार होकर इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड पर पहुंचे थे.
हरक्युलिस जैसे भारी-भरकम विमान की लैंडिंग कराकर भारत ने दिखा दिया था कि परंपरागत हवाई पट्टी से जंग लड़ने के अलावा दूसरे विकल्प भी अब उसके पास हैं.
एनएच 925 के अलावा भारत लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भी लड़ाकू विमानों को उतार चुका है. अक्टूबर 2017 में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू और परिवहन विमानों ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मॉक लैंडिंग की थी ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐसे राजमार्गों का उपयोग वायुसेना के विमानों द्वारा आपात स्थिति में उतरने के लिए किया जा सकता है.