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जनवरी 2024 में राम मंदिर में स्थापित होगी रामलला की मूर्ति, 30 प्रतिशत काम शेष बचा

भव्य श्रीराम मंदिर के प्रथम तल का लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
 
जनवरी 2024 में राम मंदिर में स्थापित होगी रामलला की मूर्ति, 30 प्रतिशत काम शेष बचा
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Mhara Hariyana News, Lucknow
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरिजी महाराज ने कहा कि राम मंदिर का 30 प्रतिशत काम ही शेष बचा है, 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अंदेशा है कि जनवरी 2024 के तीसरे सप्ताह तक, भगवान श्रीराम की मूर्ति की स्थापना हो जाएगी और उसी दिन से भक्त भगवान श्रीराम के दर्शन व पूजा भी कर सकेंगे।

श्वेत संगमरमर की गढ़ी शिलाओं से लगेगी छत
रामजन्मभूमि पर बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर के प्रथम तल का लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रथम तल से भी अधिक तेजी से गर्भगृह का निर्माण हो रहा है। 
मार्च माह में ही गर्भगृह का काम पूर्ण कर छत लगाने की योजना है। छत मकराना के श्वेत संगमरमर की गढ़ी शिलाओं के ब्लाक से आकार लेगा। यह वर्गाकार है। 
छत ढलने के साथ ही गर्भगृह का निर्माण लगभग पूरा हो जाएगा। बस, आगे इसे अवस्थापना सुविधाओं से सज्जित करना शेष रह जाएगा। 
छत ढलाई के बाद इसमें बिजली, पानी, दरवाजे लगाए जाने का कार्य होगा। अभी हाल में ही इस भूखंड में चौखट भी लगाई जा चुकी, जिस पर रामलला के दर्शन के पूर्व श्रद्धालु माथा टेकेंगे।

13 लेयर में निर्मित हो रही दीवारें
गर्भगृह की दीवारें व खंभे 13 लेयर में निर्मित हो रहे हैं, इसमें से दस लेयर का कार्य हो गया है। शेष लेयर की शिलाओं को लगाए जाने के बाद बीम ढाली जाएगी, यह पत्थरों की होगी। 
इसी के ऊपर छत ढालने का कार्य होगा। काम कर रही संस्था से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इसी वर्ष मंदिर के प्रथम तल का निर्माण पूरा हो जाएगा। 
अगले वर्ष मकर संक्रांति तक रामलला को गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया जाना है इसके लिए मंदिर परिसर में पंचायतन की पूजा अर्चना प्रारंभ हुई है, जो रामलला के विराजमान होने तक चलेगी। 13 हजार तीन सौ घनफीट श्वेत गढ़े संगमरमर का प्रयोग गर्भगृह में होना है।

जल्द शुरू होगा छत ढलाई का काम
गर्भगृह को छोड़ कर मंदिर के प्रथम तल के अन्य प्रखंडों की छत ढलाई का कार्य भी जल्द शुरू होगा। पर इनमें संगमरमर की जगह बंशीपहाड़पुर के गढ़े पत्थरों को प्रयुक्त किया जाएगा। इसकी गढ़ाई रामसेवकपुरम व न्यास कार्यशाला में हो रही है। तैयार पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर में ले जाया जा रहा है।