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आय से अधिक संपत्ति मामले में DK Shiv Kumar को राहत, CBI जांच पर रोक बढ़ी

 
आय से अधिक संपत्ति मामले में DK Shiv Kumar को राहत, CBI जांच पर रोक बढ़ी

Mhara Hariyana News, Banglore
कर्नाटक High Court ने शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री DK Shiv Kumar के खिलाफ CBI जांच पर रोक बढ़ा दी। शिवकुमार ने मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है। यह याचिका शुक्रवार को Justice एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश वाली पीठ के समक्ष रखी गई। 
याचिका पर Justice के नटराजन ने गर्मी की छुट्टी से पहले आंशिक सुनवाई की थी। इस वजह से Justice नागप्रसन्ना ने Registrar को निर्देश दिया है कि वह फाइल को चीफ Justice के समक्ष रखें और उनकी राय लें कि क्या वह उसी याचिका पर सुनवाई जारी रख सकते हैं। अदालत ने पहले दी गई रोक जारी रखी और सुनवाई स्थगित कर दी।

DK Shiv Kumar ने एचसी में दो याचिकाएं दायर की थीं। इनमें एक है 25 सितंबर, 2019 को उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार की ओर से CBI को दी गई मंजूरी के खिलाफ और दूसरी में 3 अक्तूबर, 2020 को CBI की ओर से उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को चुनौती दी गई है। CBI को दी गई मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका को High Court खारिज कर चुका है।

19 बैंकों से धोखाधड़ी में कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ CBI की कार्रवाई
उधर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लि. (आईटीएनएल) व उसके प्रवर्तकों के खिलाफ 19 बैंकों से 6524 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज किया है। CBI के मुताबिक यह हेराफेरी 2016 से 2018 के बीच हुई। इन बैंकों में पीएनबी, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई, एक्सिस बैंक और यस बैंक शामिल हैं।

CBI ने केनरा बैंक की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया है। केनरा बैंक के मुताबिक आईटीएनएल ने आम जनता के 6524 करोड़ का गबन किया ओर सभी कर्जदाताओं के साथ धोखाधड़ी की। ये सभी कानून से अच्छी तरह परिचित हैं और खुद को इससे बचाने की हर तरकीब जानते हैं। धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी)ने 2018 में इस मामले में नया निदेशक मंडल नियुक्त किया था। आईटीएनएल वर्ष 2018 में दिवालिया घोषित किए जाने का आवेदन करने वाली आईएलएंडएफएस लि. की ही एक कंपनी है।

नगर पालिका भर्ती घोटाले की जांच रुकवाने शीर्ष कोर्ट पहुंची बंगाल सरकार
नगरपालिका भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता High Court के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार ने कलकत्ता High Court में याचिका दायर कर ईडी की जांच को रोकने का आदेश देने की मांग की थी, लेकिन High Court ने अनुरोध को ठुकराते हुए रोक लगाने से इनकार कर दिया। 
सरकार की तरफ से अधिवक्ता सुनील फर्नांडिस ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में Justice सुधांशु धूलिया और Justice केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष High Court के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका पेश की। इस दौरान फर्नांडिस ने याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने ठुकराते हुए तीन जुलाई की तारीख दी है। सरकार ने अभियुक्तों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि तत्काल सुनवाई कर High Court के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो एजेंसियां जांच आगे बढ़ा देंगी।

बैंक धोखाधड़ी मामले में तत्कालीन सीईओ समेत छह को सजा
चेन्नई में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने शुक्रवार को बैंक धोखाधड़ी मामले में पलपैप इचिनिची सॉफ्टवेयर इंटरनेशनल लि., चेन्नई के तत्कालीन सीईओ व चेयरमैन पी सेंथिलकुमार को 5 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई व 1,25,000 का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा अदालत ने एसजेएस कंपनी के पूर्व निदेशकों टी.आर. धनसेकर, आर करुणानिधि और एक अन्य व्यक्ति बी लता भास को तीन साल के सश्रम कारावास और 1,25,000 का जुर्माना लगाया। CBI ने फरवरी 2008 को इंडियन बैंक की शिकायत पर कंपनी के अधिकारियों पर गलत और फर्जी कागजातों से लोन लेने और उसकी समय पर अदायगी न करने का मामला दर्ज किया था। इसके चलते इंडियन बैंक को 4.19 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।