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ED के इन दो सवालों में उलझे सिसोदिया, तिहाड़ में 4 घंटे से चल रही पूछताछ

Sisodia entangled in these two questions of ED, interrogation going on in Tihar for 4 hours
 
ED के इन दो सवालों में उलझे सिसोदिया, तिहाड़ में 4 घंटे से चल रही पूछताछ
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नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) तिहाड़ जेल में पिछले 3 घंटे से पूछताछ कर रही है. सिसोदिया तिहाड़ जेल की कोठरी संख्या एक में बंद हैं.अफसरों के मुताबिक, बीते दिन यानी सोमवार को मामले में ईडी ने हैदराबाद के एक शराब कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को हिरासत में लिया है.


इसी सिलसिले में ईडी सिसोदिया से पूछताछ करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंची. आम आदमी पार्टी (आप) के 51 साल के नेता से पूछताछ के लिए ईडी को तीन दिन की इजाजत कोर्ट से मिली है. ईडी के तीखे सवालों का सिसोदिया सामना कर रहे हैं. मीडिया रिपोट्स के मुुताबिक, ईडी ने अपने सवालों में सिसोदिया से पूछा कि 100 करोड़ की रिश्वत के बारे में क्या जानते हैं? आबकारी नीति में बदलाव करने के पीछे क्या वजह थी?इससे पहले मनीष सिसोदिया के निजी सहायक देवेंद्र शर्मा उर्फ रिंकू से सीबीआई ने पूछताछ की गई. रिंकू को सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया और सुबह से एंटी करप्शन ब्यूरो ने कड़ी पूछताछ की.


ईडी के सवालों में ये दो रहे प्रमुख
सिसोदिया जी 100 करोड़ की रिश्वत के बारे में क्या जानते हैं बताइए?
आबकारी नीति में बदलाव करने के पीछे क्या वजह थी?
20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में सिसोदिया
आपको बता दें कि 26 फरवरी को गिरफ्तार सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीते दिन यानी सोमवार को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. ऐसी संभावना है कि एजेंसी ने उनसे कथित तौर पर सेलफोन बदलने और उन्हें नष्ट करने और दिल्ली के आबकारी मंत्री के तौर पर लिए नीतिगत निर्णयों और समयसीमा का पालन किए जाने को लेकर पूछताछ की. ईडी ने कोर्ट में दाखिल अपने पूरक आरोपपत्र में ये आरोप लगाए थे.

…तो यह है आरोप
आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया. साथ ही कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया. इसके लिए कथित तौर पर घूस दी. बहरहाल, आम आदमी पार्टी (आप) ने इन आरोपों को खारिज किया है. हालांकि, बाद में 2021-22 की आबकारी नीति रद्द कर दी गई. इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की.