'Train हादसे को सांप्रदायिक रंग दे रहे Social Media यूजर्स', Police बोली- करेंगे कार्रवाई

Mhara Hariyana News, Odisha
Odisha Train हादसे को सांप्रदायिक रंग देने के खिलाफ Odisha Police ने चेतावनी जारी की है। Police ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो Balasore दुर्घटना को ‘सांप्रदायिक रंग’ देने की कोशिश कर रहे हैं।
Police ने लोगों से झूठे और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट फैलाने से रोकने का आग्रह करते हुए कहा, Odisha में GRP की तरफ से दुर्घटना के कारणों और अन्य सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। यह देखने में आया है कि कुछ Social Media हैंडल शरारती तरीके से Balasore में हुए दुखद Train हादसे को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
Police ने सभी से Balasore दुर्घटना के बारे में इस तरह के भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट साझा करने से परहेज करने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि झूठे और दुर्भावनापूर्ण Social Media पोस्ट के माध्यम से समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की कोशिश करने वाले के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य Police ने अपने बयान में कहा कि हम सभी संबंधित लोगों से अपील करते हैं कि वे इस तरह के झूठे और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट प्रसारित करने से बचें। जो लोग अफवाह फैलाकर सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आगे कहा कि राजकीय रेलवे Police (GRP) दुर्घटना की जांच करने और मामले के सभी पहलुओं से जांच कर रही है। सरकारी रेलवे Police GRP, Odisha द्वारा दुर्घटना के कारणों और अन्य सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
Balasore हादसा : Social Media पर विपक्ष की भी खिंचाई
Balasore हादसे को लेकर विपक्ष जहां केंद्र सरकार पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस के कार्यकाल में हुए हादसों को लेकर Social Media पर लोग भी उसकी खिंचाई कर रहे हैं। एक यूजर ने Social Media पर कहा, साल 2011 में 24 घंटे में दो रेल हादसे हुए, 70 लोग मारे गए थे।
तब रेलवे में कोई कैबिनेट मंत्री नहीं था। तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने तत्कालीन रेल राज्य मंत्री व तृणमूल नेता मुकुल रॉय को असम जाकर दुर्घटना का जायजा लेने को कहा, लेकिन वे नहीं गए, न ही ममता बनर्जी गईं।’
भाजपा आईटी विभाग के प्रभारी ने इस घटना से जुड़ा वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाया कि ममता बनर्जी शव पर राजनीति करके आगे बढ़ती हैं। रेल हादसे के बाद पीएम और रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे ममता बनर्जी सहित राहुल गांधी, शरद पवार व अन्य कई विपक्ष के नेताओं पर भाजपा ने रविवार को जवाबी हमला किया। पहले सुरक्षा का पैसा कमीशन में जाता था राज्यसभा सांसद सिब्बल के सुरक्षा बजट न देने के सवाल पर भाजपा समर्थकों ने तीखा हमला बोला।
लोकसभा सचिवालय और भारतीय रेल के हवाले से भाजपा समर्थकों ने दावा किया कि 2004 से 2022 के दौरान Train हादसों में कमी आई है। 2004 में जहां Train के प्रति 10 लाख किमी यात्रा करने पर 0.41 हादसे हो रहे थे, 2022 में संख्या 0.03 रह गई है। कुल हादसों की संख्या भी 325 से घट कर 34 रह गई है। यूजर्स ने कहा कि अगर कांग्रेस के दौर में सुरक्षा के लिए आज जितना पैसा आवंटित होता तो 15 हजार करोड़ ही खर्च होते, बाकी पैसा नेता कमीशन में खा जाते। ब्यूरो/एजेंसी
हताश हैं ममता बनर्जी
गोधरा में 2002 के साबरमती एक्सप्रेस अग्निकांड को मौजूदा हादसे के समय उठाने पर एक अन्य भाजपा नेता प्रीति गांधी ने कहा कि ममता बनर्जी बेहद हताश हैं, उनकी तंगदिली की कोई सीमा नहीं है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने 28 मई 2010 को हुए ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे की याद दिला कर पूछा था कि उस समय रेल मंत्री रहीं बनर्जी ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया था? दूसरी ओर कई Social Media यूजर्स ने विपक्षी नेताओं को भी खुद के कार्यकाल में हुए रेल हादसों, बम ब्लास्ट व बड़े आतंकी हमलों के बावजूद इस्तीफा न देने लेकिन अब केंद्र सरकार के मुख्य नेताओं से इस्तीफे मांगने के लिए निशाने पर लिया।
शरद पवार ने स्वीकारा था भड़क सकते थे दंगे, इसलिए झूठ बोला
विपक्ष व भाजपा में वार-पलटवार के बीच एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें शरद पवार एक इंटरव्यू में यह कहते दिखे कि मुंबई में 1993 में 11 हिंदू बहुल इलाकों में धमाके हुए थे पर उन्हांेने जानबूझकर एक अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र में भी विस्फोट की बात टीवी पर कही थी। उस समय महाराष्ट्र के सीएम रहे पवार ने स्वीकारा कि उन्हें दंगे भड़कने का भय था, इसलिए झूठ बोला कि 12 जगहों में एक धमाका मस्जिद बंदर इलाके में हुआ है जो अल्पसंख्यक बहुल था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि लोगों का ध्यान हट सके और दंगा न भड़कने पाए।