'फेंक दें भीख का कटोरा, बनें आत्मनिर्भर', बार-बार कर्ज लेने पर भड़के Pakistan के military general
Mhara Hariyana News, Islamabad
Pakistan अपने बुरे दिनों से गुजर रहा है। वहां की आर्थिक स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है। आए दिन किसी न किसी देश के सामने मदद के लिए हाथ फैला देता है। इस सबसे वहां के लोग ही परेशान हो गए हैं। दरअसल, विदेशी ऋण की आस में बैठे Pakistan पर उसके ही military general सैयद असीम मुनीर भड़क गए।
उन्होंने कहा कि देश को विदेशी ऋण पर निर्भरता को कम करना चाहिए। उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि Pakistan एक गौरवान्वित और प्रतिभाशाली राष्ट्र हैं। सभी देशवासियों को भीख का कटोरा फेंक देना चाहिए।
देश के पास सभी सुविधाएं मौजूद
military general सोमवार को खानेवाल मॉडल कृषि फार्म के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश के पास सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और अर्थव्यवस्था एक-दूसरे के साथ आपस में जुड़े हुए हैं। जब तक Pakistan मौजूदा संकट से बाहर नहीं निकल जाता है तब तक सेना चैन से नहीं बैठेगी।
Pakistan पर 2.44 अरब डॉलर का कर्ज
गौरतलब है, Pakistan को China से एक और ऋण मिलने की तैयारी है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में कहा था कि Pakistan को आईएमएफ सौदे के आधार पर देश के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद करने के लिए China से अतिरिक्त 600 मिलियन डॉलर का ऋण प्राप्त हुआ है। जुलाई में Pakistan सरकार का कर्ज बढ़कर 2.44 अरब डॉलर हो गया, जिसमें China का 2.07 अरब डॉलर का गैर-गारंटी वाला कर्ज भी शामिल है।
राज्य मां की तरह
military general ने कहा कि अल्लाह ने Pakistan को सभी आशीर्वादों से नवाजा है और दुनिया की कोई भी ताकत देश की प्रगति को नहीं रोक सकती। राज्य मां की तरह होता है। लोगों और राज्य के बीच का रिश्ता प्यार और सम्मान का होता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और अर्थव्यवस्था एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
सेना आराम से नहीं बैठेगी
उन्होंने आगे कहा कि Pakistanी सेना को अपने राष्ट्र की सेवा करने पर गर्व है। सेना को अपनी ताकत लोगों से मिलती है। जनरल मुनीर ने वादा किया कि जब तक Pakistan मौजूदा संकट से बाहर नहीं निकल जाता, सेना आराम से नहीं बैठेगी। मॉडल फार्म के बारे में बोलते हुए military general ने कहा कि देश कृषि क्रांति का गवाह बनेगा।