छेड़छाड़ के आरोप से परेशान युवक ने किया सुसाइड, हाथ पर लिखे आरोपियों के नाम
Mhara Hariyana News, Hisar
हिसार में युवक ने छेड़छाड़ के आरोपों से परेशान होकर सल्फास खा लिया। 3 दिन जिंदगी और मौत से जूझने के बाद शुक्रवार को उसने दम तोड़ दिया। मृतक ने मरने से पहले Sucide Note लिखा है, जिसमें कुछ लोगों के उसने नाम लिखे हैं।
साथ ही अपने गांव के सरपंच और हिसार के ADGP श्रीकांत जाधव का नाम लिखकर इंसाफ मांगा है। जितेंद्र ने मरने से पहले आरोपियों के नाम अपने हाथ पर भी लिखे।
साथ ही अपनी पत्नी, बच्चे का नाम लिखकर आइ-लव-यू लिखा। पुलिस ने मृतक के साले जितेंद्र की शिकायत पर 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
हिसार के सूर्य नगर निवासी जितेंद्र ने बताया कि वह गायत्री अस्पताल में ऑपरेशन एग्जीक्यूटिव का काम करता है। उसके पिता पंचायत भवन में स्वीपर के पद पर कार्यरत हैं। पू
रा परिवार सरकारी क्वार्टर में रहता है। हमने अपनी बहन उषा की शादी वर्ष 2009 में जितेंद्र निवासी बीबीपुर, जींद के साथ की थी।
पंचायत में मांगी माफी
उनका जीजा हिसार के सूर्य नगर में करीब 8 महीने पहले किराए के मकान में रहने लग गया। 14 अप्रैल 2023 को उनकी बहन व जीजा बच्चों के साथ मकान पर आए और बताया कि सूर्य नगर निवासी पड़ोसी नाबालिग ने उन पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है जबकि, उसने ऐसा कुछ नहीं किया। फिर भी उसने पंचायत में माफी मांग ली।
कोई कसूर नहीं था
जीजा ने बताया था कि नाबालिग ने उसे जूते मारे। इसके बाद नाबालिग के दादा-दादी ने कहा कि उनसे भी माफी मांगे, डर के मारे उनसे भी माफी मांग ली जबकि उसका कोई कसूर नहीं था। इसके बाद पड़ोसियों ने कहा था कि जब तक मामला शांत न हो, कुछ दिन दूसरी जगह चले जाओ। जिस पर उसने भी सहमति दे दी।
जीजा को बार-बार दी गई धमकी
जितेंद्र ने बताया कि उसके जीजा उनके पास क्वार्टर में आकर रहने लगे और तनावग्रस्त हो गए। 18 अप्रैल 2023 को जीजा से मिलने गया और कहा कि इस समस्या का समाधान मिलजुल कर करेंगे। इस दौरान जीजा जितेंद्र ने कहा कि उनका (नाबालिग का परिवार) मेरे पास बार-2 फोन आ रहा है कि हमारा सारा परिवार इकट्ठा है।
सारे परिवार के सामने भी माफी मांगनी पड़ेगी। फोन पर बार-बार धमकी मिल रही है। इस पर जीजा को समझाया कि पूरा परिवार इकट्ठा करके बातचीत करेंगे। उसी शाम 4:55 बजे फोन आया, लेकिन उठाया नहीं। फिर 4:56 पर जीजा के मोबाइल पर दोबारा कॉल की। जीजा ने फोन उठाया और कहा कि मैंने सल्फास की गोली खा ली है, तुम बाल बच्चों को संभाल लेना।
इस पर जीजा को पूछा कि आप कहां हो तो जितेंद्र ने कहा कि मैं बालसमंद रोड पर हूं। इसके बाद वह बाइक लेकर बालसमंद रोड पर देखते हुए गया तो जीजा ADC की कोठी से पहले दीवार के पास अचेत अवस्था में पड़ा था।
उसी समय एक ऑटो आया और मैं जितेंद्र को AUTO में डालकर सिविल अस्पताल हिसार ले गया। जहां प्रथम उपचार के बाद मेरे जीजा को अग्रोहा रेफर कर दिया। अग्रोहा MAMC में भी स्थिति ठीक नहीं हुई। 21 अप्रैल को जीजा जितेंद्र की इलाज के दौरान मौत हो गई।
कपड़े बदलते वक्त मिला Sucide Note
बताया कि जब हमने अमनदीप अस्पताल में जीजा को दाखिल करवाया तो स्टाफ ने कपड़े बदले। इस दौरान पेंट की जेब चेक करने पर जीजा द्वारा लिखा एक Sucide Note भी बरामद हुआ। जिसमें उसने मौत का जिम्मेदार संदीप, उसकी पत्नी नीतू, संदीप के माता-पापा, संदीप का साला व संदीप के मामा के लड़के जो कि महावीर कॉलोनी में रहते हैं को ठहराया है।
सभी ने मेरे जीजा को झूठे इल्जाम में फंसाकर बार-2 पंचायत में माफी मंगवाकर प्रताड़ित किया है। प्रताड़ना से तंग आकर जीजा जितेंद्र ने सल्फास खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली है।
ये लिखा Sucide Note
मैं जितेंद्र और मेरी पत्नी उषा और मेरी जान अर्पित आदि हमारा बहुत अच्छा और खुशहाल जीवन था। परंतु आज मैं अपनी जिंदी समाप्त कर रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार संदीप, उसकी पत्नी नीतू, उसकी बेटी, संदीप की मां, बाप, संदीप का साला, उसका मामा का लड़का जो कि महावीर कॉलोनी में रहता है। मुझे ये सभी जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इन सभी के डर से अपनी जान दे रहा हूं।
प्रधान जी मुझे इंसाफ दिलाना
मैं अपनी पत्नी को कहता हूं कि इन सभी से मेरी मौत का बदला लेना। जो इन लोगों ने मेरे साथ किया, वो दूसरों के भाई, बच्चों के साथ भी होगा। प्रधान जी आप बीवी बच्चों वाले हैं, मुझे इंसाफ दिलाना, नहीं तो करणी धरनी इसी जन्म में मिलेगी। आपके बच्चों को करणी का फल मिलेगा। जो मेरे बच्चे उजड़े हैं, इनके बच्चे भी उजड़ने चाहिए।
मेरे परिवार और मेरे रिश्तेदारों से प्रार्थना है कि मुझे इंसाफ दिलाना। गांव की पंचायत और सरपंच सुखबीर जागलान मुझे और मेरे बच्चों को इंसाफ दिलाना। मेरी मां, भाई, बहन आइ लव यू। ADGP श्रीकांत जाधव मुझे इंसाफ दिलाना।