logo

युद्ध अभ्यास के दौरान बलास्ट में राजस्थान के दो जवान शहीद

 
युद्ध अभ्यास के दौरान बलास्ट में राजस्थान के दो जवान शहीद
WhatsApp Group Join Now

Mhara Hariyana News, Karauli

उत्तर प्रदेश के मेरठ और उत्तराखंड में युद्ध अभ्यास के दौरान राजस्थान के दो जवान शहीद हो गए। दोनों जवान करौली जिले के रहने वाले थे। युद्ध अभ्यास में ब्लास्ट के दौरान बुरी तरह घायल हुए जवानों को अलग-अलग मिलिट्री हॉस्पिटल में उपचार के लिए दाखिल कराया गया था।

जानकारी अनुसार तिघरिया (करौली) के कुलदीप गुर्जर (30) भारतीय सेना की 6 राजपूत रेजिमेंट में कमांडो थे, जबकि महमदपुर (करौली) के शहीद मोहन गुर्जर (35) महार रेजिमेंट में हवलदार थे। शुक्रवार को युद्धाभ्यास के दौरान दो घायल हो गए। कुलदीप और मोहन गुर्जर की शहादत की खबर से गांव व कस्बे में शोक पसरा हुआ है।

दोपहर बाद पहुंचेगा पार्थिव शरीर 
शहीद कुलदीप गुर्जर का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर करीब 2 बजे पैतृक गांव तिघरिया पहुंचेगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं, शहीद मोहन गुर्जर का पार्थिव शरीर दोपहर करीब 3 बजे पैतृक गांव महमदपुर लाया जाएगा। अंतिम संस्कार के दौरान क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों के साथ कई लोग मौजूद रहेंगे।

कुलदीप की एक दिन पहले हुई थी पिता से बात
टोडाभीम उपखंड क्षेत्र की तिघरिया ग्राम पंचायत के मोडानकापुरा के रहने वाले कुलदीप गुर्जर की वीरवार शाम पिता वृंदावन सिंह से फोन पर बात हुई थी। फोन पर अपनी मां का हालचाल पूछा। वह घर के कुछ जरूरी कामों के लिए मई में छुट्टी लेकर आने वाला था, लेकिन उसकी शहादत की खबर आ गई।

कुलदीप की तीन पीढ़ियां सेना में
शहीद कुलदीप गुर्जर की तीन पीढ़ियां सेना में देश सेवा कर चुकी हैं। कुलदीप के पिता वृंदावन सिंह आर्मी में हवलदार के पद से सेवानिवृत हुए थे। दादा राजन सिंह भी सेना में रह चुके हैं।

कुलदीन ने किया है स्पेशल कमांडो कोर्स
शहीद कुलदीप गुर्जर 2010 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने बेलगांव से स्पेशल कमांडो कोर्स कर रखा था। 
उनकी सियाचिन, सिक्किम, बीकानेर सहित कई जगह तैनाती हुई थी। फिलहाल वह मेरठ में पदस्थापित थे।

शहादत की खबर सुन बेसुध हो गई वीरांगना
शहीद कुलदीप गुर्जर की शादी 2008 में मंजू देवी के साथ हुई थी। शहीद कुलदीप के दो बेटियां और एक बेटा है। 
बड़ी बेटी खुशबू 12 साल, दीक्षा 10 साल और बेटा मन्नू (4) साल का है। पति की शहादत की खबर सुनकर वीरांगना मंजू देवी बेसुध हो गईं।

कोटा में रहता है शहीद मोहन गुर्जर का परिवार
उत्तराखंड में युद्धाभ्यास के दौरान शहीद होने वाले मोहन गुर्जर का परिवार पिछले काफी सालों से कोटा में रह रहा था। मोहन के परिवार में पिता, भाई-बहन, पत्नी और दो बेटे हैं। बेटे की शहादत की खबर मिलते ही परिवार पैतृक गांव महमदपुर पहुंच गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।