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Farming Business 2023:- सब्जियों की खेती को शुरू कर हर साल 10 लाख मुनाफा, कमा रहा ये किसान, जानिए क्या है तरीका

Farming Business 2023: – Starting the cultivation of vegetables, this farmer is earning 10 lakh profits every year, know what is the method

 
Farming Business 2023:- सब्जियों की खेती को शुरू कर हर साल 10 लाख मुनाफा, कमा रहा ये किसान, जानिए क्या है तरीका 
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Mhara Hariyana News, Farming Business 2023:- ओरैया के महेश और उनके बेटे सोनू लहसुन, गेहूं, धान की खेती करते थे. उनकी कमाई इतनी ही होती थी जिससे लागत निकल जाए. अब उन्होंने सब्जियों की खेती शुरू की है और शिमला मिर्च, हरी मिर्च, खीरा, तोरई, तरबूज की खेती कर रहे हैं. इससे उनका मुनाफा पहले से बढ़ गया है.


ओरैया के एक किसान आजकल दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. इस किसान का नाम महेश है. महेश पहले बड़े पैमाने पर लहसुन की खेती करते थे. पर उन्हें मुनाफा वैसा नहीं मिल रहा था जितना होना चाहिए. खेती में मेहनत और खर्च भी बढ़ता जा रहा था. इससे बाहर निकलते हुए महेश ने सब्जी की खेती शुरू की. अब उन्हें कमाई और मुनाफे के लिए नहीं सोचना पड़ता. महेश को हर साल सब्जी की खेती से 10 लाख रुपये तक मुनाफा हो रहा है. महेशा ओरैया जिले के बिधूना तहसील के रहने वाले हैं.

महेश अपने बेटे के साथ सब्जी की खेती कर रहे हैं. उनके पास 20 बीघा जमीन है जिसमें से 15 बीघा में सब्जी की पैदावार ली जा रही है. खेती-किसान करने वाले महेश पहले लहसुन की खेती और कुछ अन्य फसलें लिया करते थे. आलम ये था कि वे लोगों से कर्ज लेकर लहसुन की खेती में लगाते थे और पैदावार निकलने और बिक्री के बाद उस पैसे को लौटाते थे.

इससे महेश का काम ठीक से नहीं चल रहा था. रुपये-पैसे की तंगी बराबर बनी रहती थी. इसके बाद महेश अपने बेटे के साथ कन्नौज जिले के उमर्दा गए जहां बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती होती है. वहां से खेती के कुछ टिप्स लिए और खुद भी इसी काम में लग गए. आज उमेश को पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ती. उमेश लहसुन की खेती से बहुत आगे निकल चुके हैं.

महेश और उनका बेटा सोनू कई तरह की सब्जियों की खेती कर रहे हैं. इसमें शिमला मिर्च, खीरा, पतली मिर्च, तोरई, पत्तागोभी की खेती शामिल है. इस बार शिमला मिर्च का रेट पिछले साल से कम रहा, उसके बाद भी मुनाफा अच्छा मिल रहा है. महेश के बेटे सोनू का कहना है कि खीरा में अच्छा प्रॉफिट हो रहा. खीरा की सप्लाई कानपुर भेज कर अच्छा मुनाफा मिल रहा है. पहले से पतली मिर्च का भाव बढ़ गया है और अभी यह 35 रुपये किलो बिक रही है. ब्रोकली की फसल तैयार खड़ी है जो अच्छा फायदा देगी. सोनू की मानें तो एक साल में 10 लाख का फायदा हो जाता है. पहले लहसुन की खेती में यह बात नहीं थी.

सोनू अपने खेतों में वर्मी कंपोस्ट खाद डालते हैं. इसके लिए वे खुद ही यह खाद तैयार करते हैं. अधिक उपज के लिए खेत में गोबर और केंचुआ खाद का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह के ऑर्गेनिक खाद डालने से फसलों के लिए डीएपी खाद की जरूरत नहीं पड़ती. महेश और उनके बेटे सोनू तरबूज की फसल तैयार कर रहे हैं जिसकी आवक अगले दो महीने बाद शुरू हो जाएगी. फसल जल्द निकलेगी तो कमाई भी अधिक होगी. दोनों पिता-पुत्र टमाटर के लिए भी पौध तैयार कर रहे हैं जो कि आगे चलकर अच्छा फायदा देगा. इन दोनों से आसपास के किसान खेती के तरीके सीख कर अपने खेतों में आजमा रहे हैं.

सोनू ने एक बातचीत में बताया कि सब्जियों की खेती से साल में 10 लाख रुपये की बचत आराम से हो जाती है. जबकि पहले गेहूं, धान और लहसुन की खेती में कमाई ज्यादा नहीं होती थी. जो लागत थी, वही निकल पाती थी. तभी  उन्होंने सब्जियों की खेती शुरू की. सोनू के पिता महेश बताते हैं कि वे बिना मौसम में भी तोरई की फसल ले रहे हैं जिसके लिए उन्होंने पहले से ही नर्सरी तैयार कर रखी थी.

तोरई से अच्छी कमाई हो रही है और अभी बाजार में 40-50 रुपये किलो तक बिक्री हो जाती है. महेश ने तरबूज की पौध तैयार कर ली है जिसकी बुआई जल्द कर दी जाएगी. रमजान के समय इस तरबूज से अच्छी कमाई हो जाएगी क्योंकि उस वक्त मांग बढ़ जाती है.