डिजिटल लेनदेन में इंडिया रच रहा इतिहास, अश्विनी वैष्णव बोले- US, UK, जर्मनी, फ्रांस सब पिछड़े
डिजिटल ट्रांजेक्शन के मामले में भारत दुनिया का सरताज बनता जा रहा है. UPI जैसा इनोवेटिव टूल बनाने के बाद देश में डिजिटल लेनदेन की संख्या इतनी हो गई है कि अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश मिलकर भी मुकाबला नहीं कर सकते हैं. भारत की इस उपलब्धि का डंका स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) में भी खूब बज रहा है.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एक सत्र के दौरान केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव से जब सवाल किया गया, तब उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 में भारत में डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन के माध्यम से करीब 1500 अरब डॉलर (1, 21, 753 अरब रुपये ) का लेनदेन हुआ. ये अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस को मिलाकर हुए कुल डिजिटल ट्रांजेक्शन के 4 गुना से ज्यादा है.
दुनिया को देना चाहते हैं India Stack
अश्विनी वैष्णव ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पूरी दुनिया को India Stack अपनाने का प्रस्ताव भी दिया. उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वह एक संदेश लाए हैं कि दुनिया इंडिया स्टैक को अपनाए. ये उभरते देशों से लेकर उभरती कंपनियों तक के लिए एक बढ़िया डिजिटल समाधान है. इतना ही नहीं ये एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म पर बेस्ड है यानी कोई भी इसका फायदा उठा सकता है.
डिजिटल करिश्मा है India Stack
इंडिया स्टैक को आप भारत का डिजिटल करिश्मा भी कह सकते हैं. इंडिया स्टैक, कई ओपन सोर्स ऐप्स का समूह है. इसे जनहित और भारत की बड़ी आबादी को डिजिटल दुनिया से जोड़ने के लिए तैयार किया गया है. इंडिया स्टैक में पहचान, डाटा और पेमेंट से जुड़े डिजिटल समाधान हैं. यानी इसमें UPI, Bharat QR, Aadhaar Pay, IMPS और eKYC जैसी कई डिजिटल ऐप्स शामिल हैं.
ट्रेन सेट, सेमीकंडक्टर का एक्सपोर्टर बनेगा भारत
अश्विनी वैष्णव के पास रेल मंत्रालय का भी प्रभार है. WEF में एक अन्य सत्र में उन्होंने देश में तेजी से विकसित हो रहे सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि अगले 3 साल में भारत टेलीकॉम डिवाइसेस का बड़ा एक्सपोर्टर होगा. आज ये देश में एक बड़ी इंडस्ट्री है. करीब 87 अरब डॉलर का निवेश आया है. यहां तक कि Apple iPhone 14 भारत में बन रहा है और सप्लाई चेन शिफ्ट हो रही है.