logo

दिल्ली समेत उत्तर भारत में तीन दिन बारिश के आसार, पश्चिमी विक्षोभ दिलाएगा गर्मी से राहत

 
दिल्ली समेत उत्तर भारत में तीन दिन बारिश के आसार, पश्चिमी विक्षोभ दिलाएगा गर्मी से राहत
WhatsApp Group Join Now

Mhara Hariyana News, New Delhi
झुलसा देने वाली गर्मी से जूझ रहे राष्ट्रीय राजधानी Delhi और उत्तर पश्चिम Bharat के लोगों के लिए राहत की खबर है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अगले तीन दिन यानी 26 मई तक अधिकतर इलाकों में बारिश की संभावना है। इससे भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। 

वर्तमान में ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। Delhi और कुछ अन्य जगहों पर यह 45 डिग्री को भी पार कर गया है। Bharatia मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार light rain व तेज हवा के चलते आने वाले दिनों में तपिश कम होने की उम्मीद है। पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम Bharat से टकरा रहा है। इसका प्रभाव जम्मू-कश्मीर में दिखना शुरू हो गया है। यूपी में भी कुछ स्थानों पर बारिश हुई है। 24-25 मई को इसका असर उत्तर पश्चिम Bharat, Delhi-एनसीआर में दिखेगा। 

अल नीनो के चलते इस बार देश में औसत से भी कम बारिश की आशंका 
monsoon पर अल-नीनो का प्रभाव जून से शुरू होने की उम्मीद है। प्रमुख जलवायु मॉडल जून से सितंबर के दौरान देश के कई हिस्सों में औसत से कम मौसमी वर्षा होने की आशंका है। अल-नीनो घटनाओं के दौरान आमतौर पर Bharat में औसत मौसमी वर्षा (जून-सितंबर) कम दर्ज की जाती है। 

इसी वजह से Kerla में शुरुआत से monsoon में कुछ दिनों की देरी होती है। monsoon पूर्वानुमान डेटा के विश्लेषण से संकेत मिले हैं कि monsoon की अवधि के दौरान औसत की तुलना में 25 मिलीमीटर (मिमी) कम बारिश होगी। दक्षिण-पश्चिम monsoon फिलहाल Bharatia उपमहाद्वीप से कुछ हफ्ते दूर है और इसके तीव्र गति में आने की कमजोर संभावना आंकी गई है। 

रीडिंग विश्वविद्यालय ब्रिटेन के जलवायु वैज्ञानिकों ने तीन जलवायु मॉडल का जायजा लेने के बाद कहा कि उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में एक जलवायु पैटर्न के गर्म चरण को अल-नीनो दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) दक्षिण-पूर्वी monsoon पर प्रभाव डालेगा। यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार अल-नीनो की तरह ला-नीना ईएनएसओ का एक ठंडा चरण है। ऐसे में उत्तराखंड सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। 

कृषि उत्पादन नहीं होगा प्रभावित :
मौसम पूर्वानुमान सेवा प्रदाता स्काईमेट के अनुसार चूंकि Bharat की 70 फीसदी जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से monsoon के मिजाज पर निर्भर है इसलिए अधिक या कम वर्षा, बाढ़ या सूखे जैसी आपदा जनजीवन पर गहरा असर डालती है।