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38 जेल में, 20 जमानत पर बाहर, Anil दुजाना के मारे जाने के बाद यूपी में 63 बचे Mafia

 
38 जेल में, 20 जमानत पर बाहर, Anil दुजाना के मारे जाने के बाद यूपी में 63 बचे Mafia
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Mhara Hariyana News, New Delhi

4 मई, वो दिन जब यूपी STF अपना फाउंडेशन डे मना रही थी, उत्तर प्रदेश से एक और Mafia का खात्मा हो गया। मेरठ में यूपी एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर Anil दुजाना मारा गया। इस तरह यूपी में अब Mafiaओं की सूची में अब 63 Mafia पुलिस के रडार पर है। 4 मई 1998 को उत्तर प्रदेश से श्री प्रकाश शुक्ला जैसे तमाम गैंगस्टर्स का सफाया करने के लिए गठित की गई स्पेशल टास्क फोर्स ने गुरुवार को अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर लिए हैं।

पहले 66 थी Mafia की संख्या
गुरुवार को मेरठ में एसटीएफ ने एक encounter में गैंगस्टर Anil दुजाना को मार गिराया। Anil दुजाना की मौत के साथ ही चिन्हित Mafiaओं की सूची में एक और नाम कम हो गया और यह लिस्ट घटकर 63 हो गई है। Yogi आदित्यनाथ की दूसरी सरकार में 66 Mafiaओं को चिन्हित किया गया था। इनमें से बीते 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या कर दी गई तो वहीं दूसरी तरफ Anil दुजाना को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया

अब इन चिन्हित Mafiaओं की सूची में मुख्तार अंसारी, सुनील राठी, सुंदर भाटी, बबलू श्रीवास्तव, खान मुबारक समेत 38 Mafia जेल में है। 20 जमानत पर बाहर हैं, जबकि  5 की तलाश की जा रही है।

5 Mafia फरार हैं, उसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश पुलिस का ढाई लाख का इनामी बदन सिंह बद्दो, राशिद नसीम शामिल है। जो 20 Mafia जमानत पर बाहर हैं, उनकी गतिविधियों पर यूपी एसटीएफ लगातार नजर रखे है। इनमें Mafia डॉन बृजेश सिंह,सुशील मूंछ के नाम शामिल हैं।

यूपी एसटीएफ ने पूरे किए 25 साल
साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यूपी में Mafiaओं की उल्टी गिनती चालू है। वह फिर चाहे बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या हो, चित्रकूट जेल में मुकीम काला और अंशु दीक्षित की गैंगवार में मौत हो या फिर पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या, उत्तर प्रदेश में या तो Mafia पुलिस की गोली का शिकार हो रहे हैं या फिर गैंगवार में मारे जा रहे हैं।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीते डेढ़ दशक से आतंक का पर्याय रहे Anil दुजाना को encounter में मार गिराया तो इसे STF ने अपनी स्थापना के 25वें साल पर यूपी की जनता को क्रिमिनल फ्री स्टेट का गिफ्ट दिया है।

फिर से अपडेट की गई Mafia की लिस्ट
दरअसल, बीते दिनों अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद खबर आई थी कि, Yogi सरकार अतीक अहमद के बाद अब Mafia सफाई अभियान चलाने जा रही है। उस दौरान 33 के बजाय 61 Mafia की सूची तैयार की गई थी, जिस पर सीएम Yogi की मुहर लगनी बाकी थी।

स्पेशल डीजी ला एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, यूपी पुलिस ने शराब Mafia, पशु तस्कर, वन Mafia, खनन Mafia, शिक्षा Mafia आदि को चिह्नित कर इस बार 50 शासन द्वारा व 11 पुलिस मुख्यालय स्तर पर माफ़िया की सूची बनाई है। इनके गैंग को खत्म करने से लेकर उनकी 500 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का लक्ष्य भी रखा गया है।

प्रशांत कुमार के मुताबिक भविष्य में इस सूची में नाम और बढ़ाए जा सकते हैं। इसी आधार पर ये लिस्ट 66 तक पहुंची थी। इनमें से अतीक-अशरफ की हत्या तो हो ही गई थी। इसके बाद गुरुवार को गैंगस्टर Anil दुजाना का encounter हो गया और अब इस सूची में 63 Mafia रह गए हैं।

कुछ खास प्रमुख नामों पर डालते हैं एक नजर-

सुधाकर सिंह, प्रतापगढ़ : टॉप 61 Mafia की लिस्ट में सुल्तानपुर के रहने वाले सुधाकर सिंह का नाम है। सुधाकर शराब Mafia है। वह प्रतापगढ़, सुल्तानपुर व आस-पास के जिलों में अवैध शराब का सबसे बड़ा तस्कर है। बीते साल पुलिस ने उसके अड्डों से करोड़ो की अवैध शराब बरामद की थी। सुधाकर के खिलाफ पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा था। अभी सुधाकर जेल में है।

गुड्डू सिंह, कुंडा: प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी संजय प्रताप सिंह उर्फ गुड्डू सिंह शराब Mafia है। बीते साल पुलिस ने हथिगवां के झाझा का पुरवा में करीब 12 करोड़ रुपये का शराब बनाने का केमिकल बरामद किया गया था। इसके पूर्व भी जगह-जगह शराब पकड़ी गई थी। इन सभी मामलों में संजय सिंह उर्फ गड्डू सिंह का नाम सामने आया था। यह भी जेल में है।

गब्बर सिंह , बहराइच: लिस्ट में अगला नाम है लूट, हत्या, डकैती, जमीनों पर कब्जा जैसे 56 मुकदमों के आरोपित देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह का। गब्बर सिंह, एक लाख का इनामी है और जिला पंचायत सदस्य भी है। देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह के खिलाफ फैजाबाद, गोंडा, सुलतानपुर, लखनऊ, बहराइच समेत कई जिलों में संगीन धाराओं में मुकदमे हैं। 27 मार्च 2020 को बहराइच में आयोजित एक कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री Yogi आदित्यनाथ के मंच पर चढ़ने के बाद चर्चा में आए गब्बर की मुश्किलें लगातार बढ़ गईं थीं।

उधम सिंह, मेरठ: Yogi सरकार पार्ट-1 में टॉप 25 लिस्ट में उधम सिंह का पहले से नाम शुमार था। इस बार भी उसका नाम Mafia की सूची में है। उसका गिरोह मेरठ के अलावा वेस्ट यूपी के जिलों में लूट, डकैती, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या की वारदात करता था। फिलहाल उन्नाव जेल में बंद है।

योगेश भदौड़ा, मेरठ: उधम सिंह का सबसे बड़ा विरोधी मेरठ का कुख्यात अपराधी योगेश भदौड़ा है। भदौड़ा गैंग डी 75 का सरगना है। मेरठ के भदौड़ा गांव का रहने वाला है। इसके खिलाफ लूट, हत्या, अपहरण, आर्म्स एक्ट व गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में 40 केस दर्ज हैं। भदौड़ा सिद्धार्थनगर जेल में बंद है। योगेश टॉप 25 लिस्ट में भी था।

बदन सिंह बद्दो: रहन – सहन और शक्ल -ओ- सूरत से यह अपराधी किसी हॉलीवुड एक्टर जैसा लगता है। पश्चिमी यूपी का Mafia बदन सिंह बद्दो दुनिया के किसी कोने में छुपा हुआ है।

बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में हत्या, वसूली, लूट, डकैती के 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इस वक्त उस पर ढाई लाख का इनाम घोषित है। साल 2019 से बद्दो फरार है। बद्दो टॉप 25 Mafia की लिस्ट में अपना नाम शुमार कर चुका है।

अजित चौधरी अक्कू: मुरादाबाद का Mafia अजित चौधरी वसूली भाई के नाम से फेमस है। उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी समेत 14 मुकदमे दर्ज हैं।

धर्मेंद्र किरठल: बागपत के कुख्यात किरठल के खिलाफ 49 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या के 15 से ज्यादा मुकदमे हैं। उसे एसटीएफ ने  देहरादून से 2021 को गिरफ्तार किया था।

सुनील राठी: बागपत का रहने वाला कुख्यात सुनील राठी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े Mafia में शुमार है। राठी मंडोली जेल में बंद है। सुनील राठी वह शख्स है, जिसकी क्राइम हिस्ट्री पर सरकारों के बदलने का भी कभी कोई फर्क नहीं पड़ा।

सरकारें आती जाती रहीं, लेकिन, सुनील राठी अपने वर्चस्व और दबदबे को बनाए रखने में कामयाब रहा। चाहे वह जेल के अंदर हो या फिर जेल से बाहर। Yogi सरकार में ही राठी ने बागपत जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी की हत्या की थी। राठी टॉप 25 Mafia की लिस्ट में भी था।