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Advocate का कत्ल: सुबह... धमकी-तेरा रक्षाबंधन बिगाड़ दूंगा, दोपहर में हत्या, CCTV देख बहन बोली- मेरा पति है कातिल

 
Advocate का कत्ल: सुबह... धमकी-तेरा रक्षाबंधन बिगाड़ दूंगा, दोपहर में हत्या, CCTV देख बहन बोली- मेरा पति है कातिल

Mhara Hariyana News, Ghaziabad: गाजियाबाद की तहसील सदर में बुधवार दोपहर करीब दो बजे दो नकाबपोश हमलावरों ने Chamber में घुसकर Advocate मनोज चौधरी उर्फ मोनू (38) की गोली मारकर हत्या कर दी। तहसील में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद होने के बावजूद बदमाश बड़े आराम से पैदल ही भाग निकले। 

इस दौरान वे CCTV कैमरे में कैद हो गए। हत्या के पीछे मोनू का बहनोई Advocate Amit Dagar, उसका भाई Advocate नितिन डागर और उसके परिजनों के साथ विवाद सामने आया है। मोनू की पत्नी कविता ने सिहानी गेट थाने में उनके खिलाफ ही नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है।

गाजियाबाद में मनोज चौधरी की बहन सरिता का कहना है कि फुटेज में नजर आ रहे दो शख्स में एक उनका पति Amit Dagar और दूसरा देवर नितिन डागर है। दोनों ने ही हत्या की है। वे दोनों Advocate हैं। साजिश में ससुर मदन और दो अन्य अनुज व पालू शामिल हैं। मनोज की पत्नी कविता ने इन लोगों के खिलाफ ही नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। 

सरिता ने बताया कि 24 जून से वह मायके में रह रही हैं। अमित ने चार दिन पहले भाई को हत्या की धमकी दी थी। बुधवार सुबह भी उसने उसे फोन करके कहा, तेरा रक्षाबंधन बिगाड़ दूंगा। अमित चिरंजीव विहार का निवासी है और नोएडा में प्रैक्टिस करता है। नितिन गाजियाबाद तहसील सदर में ही प्रैक्टिस करता है। मनोज 2008 से वकालत कर रहे थे। उनके पिता रंजीत सिंह दरोगा थे। उनका निधन हो चुका है।
 
तीन टीमों का गठन
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी. ने बताया कि हत्यारोपियों को पकड़ने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है। प्रारंभिक जांच में पारिवारिक विवाद की बात सामने आई है।

अमित ने 15 जनवरी को पत्नी, बच्चे और मां पर चलाई थी गोली
15 जनवरी को शराब के नशे में अमित ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से पत्नी, बच्चों और मां पर गोलियां चलाई थीं। जिनमें से एक गोली उसकी मां को लगी थी। उस मामले में अमित जेल जा चुका है। मामले में अमित के पिता ने कविनगर थाने में केस दर्ज कराया था। अमित की पिस्टल पुलिस के कब्जे में है।

पुलिस ने 10 फरवरी को मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। सरिता ने बताया कि उसके बाद वह मायके आ गईं। समझौता होने के बाद वह 16 अप्रैल को फिर ससुराल चली गईं। फिर भी पति की आदत में सुधार नहीं आया है। वह फिर उनके साथ मारपीट करने लगा तो 24 जून को मायके आ गईं। उनका एक बेटा और एक बेटी है। बेटा अपने पिता के साथ रहता है और बेटी उनके साथ रहती है।
 
राखी पर छीन लिया चार बहनों का इकलौता भाई
मनोज चौधरी अपनी चार बहन सरिता, सपना, कल्पना और ज्योति के इकलौते भाई थे। घर में रक्षा बंधन की तैयारी चल रही थी। सरिता ने बताया कि 31 अगस्त को सभी बहनें भाई को राखी बांधती। लेकिन, पति ने इससे पहले ही भाई की हत्या कर दी।

घटना के चश्मदीद बैनामा लेखक मुनेश त्यागी ने बताया कि वह अपने Chamber (नंबर 95) में मनोज चौधरी और दो मुंशियों के साथ बैठे थे। मनोज खाना खा रहे थे। तभी दो युवक घुसे। एक मनोज के नजदीक आया और उनकी कनपटी पर गोली मार दी। वे लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही हमलावर भाग निकले। 

मुश्किल से 30 सेकंड में वारदात हो गई। मनोज की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि हमलावरों ने तहसील परिसर में ही अपनी बाइक खड़ी कर रखी थी। वहां तक पैदल पहुंचे। इसके बाद बाइक से भाग गए। गोविंदपुरम निवासी मनोज चौधरी तहसील बार संघ के पूर्व सचिव थे।