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बिकरू कांड: विकास दुबे की बदौलत छह हजार की नौकरी करने वाला जय बाजपेई बना अरबपति

 
बिकरू कांड: विकास दुबे की बदौलत छह हजार की नौकरी करने वाला जय बाजपेई बना अरबपति

Mhara Hariyana News, Kanpur
Printing press में छह हजार रुपये की नौकरी और फिर पंचर की दुकान चलाने वाला Jai Bajpai कुछ ही वर्षों में अरबपति कैसे बना? यह बात हर किसी के जेहन में उठती है। उसको जानने वाले लोगों की मानें तो Jai Bajpai का भाग्य नवंबर 2016 के बाद एकाएक पलट गया। कमेटी और ब्याज के धंधे के चलते वह शहर के कई प्रमुख लोगों के संपर्क में था। 

शहर के एक बड़े नेता के यहां भी उसका बहुत आना-जाना रहता था। नोटबंदी के दौरान इस नेता ने करोड़ों रुपये Jai को सफेद करने के लिए दिए थे। Jai के पास शहर में 10 से अधिक मकान, कई फ्लैट, छह लग्जरी गाड़ियां थीं। 
उसके एक मकान में कई पुलिसकर्मी रहते थे, जिन्हें बिकरू कांड के बाद निलंबित कर दिया गया था। Jai Bajpai का मकान हर तरह की सुख सुविधा से लैस था।

सूत्रों का कहना है कि Jai ने इस रकम से अपने पुश्तैनी घर के पास एक पुराना मकान 46 लाख रुपये में खरीदा। उसी नेता के दम पर तीन महीने में बिना नक्शा पास कराए 12 फ्लैट बनवा दिए। 
शहर के कई और रईसों ने भी अपनी काली कमाई Jai को दे रखी थी। इसमें जो कमजोर पड़ा, उसकी रकम Jai ने हजम कर ली। जो तगड़ा बैठा उसे किस्तों में रकम लौटाई। 

नेता को भी Jai ने विवाद के बाद 30-35 लाख रुपये लौटाए। बताया जाता है कि लोगों को धमकाने के लिए वह Vikas Dubey के नाम का सहारा लेता था। विकास का उसके घर आना जाना भी था। Jai का पैतृक गांव दिलीप नगर है, जो बिकरू से केवल दो किमी दूर है। वहीं से उसका परिवार Vikas Dubey के संपर्क में था। 

बताया जा रहा है कि जब Jai ब्याज का धंधा कर रहा था, तो विकास ने उसे 40 लाख रुपये दिए थे। इस पर Jai एक से डेढ़ फीसदी ब्याज देता था। घटना के कुछ समय पहले दस लाख रुपये के ट्रांजेक्शन की बात भी Vikas Dubey के परिवार के एक शख्स और Jai के बीच होने की बात सामने आई थी।

Jai के पिता की गांव के बाहर पंक्चर की दुकान थी। वहीं पर Jai भी बैठता था। साल 2000 में Jai की मां पांच बेटों और तीन बेटियों को लेकर कानपुर आ गई थी। यहां ब्रह्मनगर में Jai Bajpai का पुश्तैनी मकान है। मां घर के बाहर पान की दुकान चलाती थी। गांव का एक व्यक्ति Jai को Printing press से कमेटी के धंधे में लाया। 
 
साल 2012 में उसे 100 लोगों की दो-दो हजार रुपये वाली कमेटी शुरू की। इससे मिली रकम वर्तमान में भाजपा से जुड़े एक पार्षद की मदद से ब्याज पर चलाना शुरू कर दिया। Jai के परिवार के लोग भी रेहड़ी-पटरी वालों को ब्याज पर पैसा बांटते थे। 

इसके बाद Jai ने विवादित प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त शुरू की। इसी दौरान सपा के एक नेता के संपर्क में आया और उसका धन भी ब्याज के धंधे में लगाया। धीरे-धीरे ब्याज, नोटबंदी के दौरान काला धन सफेद कराने और विवादित प्रापर्टी खरीदकर Jai Bajpai अरबपति बन गया।

तब अफसरों की जांच रिपोर्ट में सामने आया था
अफसरों की रिपोर्ट में कहा गया कि Jai और उसका भाई रJai सपा विधायक के नजदीकी हैं और प्रॉपर्टी व ठेकेदारी का काम करते हैं। Jai के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं। इनमें से थाना बजरिया में है, जो संतलाल कुरील ने हत्या के प्रयास और एससी-एसटी के तहत Jai, अJai, रJai व चार अन्य लोगों के खिलाफ कराया था।

इसमें सबूत न मिलने पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है। 20 मई 2017 को केडीए के मुख्य अभियंता की तहरीर पर Jai के खिलाफ मकान की सील तोड़कर अवैध निर्माण शुरू कर देने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मुकदमे में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है।

पूछताछ में तब Jai ने कहा था
बिकरू कांड के बाद पूछताछ में Jai ने बताया था कि 15-16 साल पहले वह ब्रह्मनगर में ही एक प्रिंटर के यहां नौकरी करता था। अब बैट्री, इन्वर्टर व कार एसेसरीज की दुकान है। डेढ़ साल पहले होली पर दुबई घूमने गया था। उसने बैंक से लोन लेकर, पुश्तैनी जमीन बेचकर और किरायेदारों से मिली पगड़ी की रकम से जो मकान खरीदे हैं। लगातार दस साल से इनकम टैक्स दे रहा हूं। मकानों का किराया भी आय का स्रोत है।