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जांच के लिए मालखाने से निकलवाई प्राचीन मूर्ति के हांसी सीआइए ने बनवाए बिस्कुट, एफआईआर के आदेश

 
जांच के लिए मालखाने से निकलवाई प्राचीन मूर्ति के हांसी सीआइए ने बनवाए बिस्कुट, एफआईआर के आदेश
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Mhara Hariyana News, Hisar (Haryana)
हांसी में सीआईए 2 इंचार्ज व दो कर्मचारियों के खिलाफ प्राचीन मूर्ति के आठ बिस्कुट बनाकर खुद बुर्द करने पर एडीजीपी ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। कर्मचारियों ने महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति को सोने की मानकर इसे मालखाने से निकलवाया और सुनार से बिस्कुट बनवाए। 
एडीजीपी के पास शिकायत आने पर उन्होंने डीएसपी हांसी को जांच सौंपी। डीएसपी ने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।

सुनार पर दबाव बनाकर बनवाए बिस्कुट
एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने बताया कि डीएसपी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर दी। सीआईए टू के कर्मचारियों ने महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति को जांच के लिए कस्टडी में लिया था और जांच में लेने के बाद उसे टेंपर नहीं कर सकती थी। 
सीआईए कर्मचारियों ने सुनार पर दबाव बनाकर मूर्ति के बिस्कुट बनवाए। प्राथमिक दृष्टिकोण में इसके पीछे सीआईए टू के कर्मचारियों की गलत मंशा थी इसलिए सीआईए हांसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। विभागीय जांच के लिए भी लिखा है।

मूर्ति कितनी पुरानी, जांच होगी
एडीजीपी ने बताया कि यह मूर्ति कितनी पुरानी है, इसकी जांच करवाई जाएगी। सुनार ने बताया था कि उसके पास जो लोग आए थे, वे ये समझकर आए थे कि वे सोना होगा। 
जब उन्होंने खुद जांच की थी तो उसमें सोना नहीं था। इसे ऑफिशियल कब्जे में लेकर छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। जो फोटोग्राफ देखा उससे लगता है कि यह एंटीक है। इसकी ऐज निकालनी होगी।

तत्कालीन आईजी के पास भी आई थी शिकायत
एडीजीपी ने कहा कि इससे पहले 6 मार्च को तत्कालीन आईजी राकेश आर्य के पास शिकायत आई थी। उन्होंने एसपी हांसी को मार्क की थी। उसकी स्टेट्स रिपोर्ट का उन्हें नहीं पता। 
यह एंटीक मूर्ति होगी, इसमें बबलू शिकायतकर्ता के रोल की भी जांच की जाए। यदि उसे मूर्ति यूपी में मिली थी, उनकी भूमिका भी संदिग्ध है। इसमें सीआईए टू का एक इंचार्ज और दो कर्मचारी शामिल थे।

बबलू यूपी से आया था मूर्ति बेचने
हांसी में यूपी निवासी बबूल कुछ दिन पहले एक सुनार के पास महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति बेचने आया था। उसका दावा था कि उसे ये मूर्ति खेत से मिली। 
इसकी जानकारी सीआईए टू को मिल गई। सीआईए टू ने उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखकर उसे हिरासत में लिया। इसके बाद उसे मूर्ति नकली बताकर छोड़ दिया।

मालखाने से निकाली मूर्ति
इस दौरान सीआईए टू ने इस मूर्ति का मालखाने से निकलवाकर उसे सुनार से सोने के आठ बिस्कुट तैयार कर लिए। बबूल ने मूर्ति न देने की शिकायत एडीजीपी को दी। एडीजीपी ने जांच बैठा दी। जांच में तीनों कर्मचारी दोषी पाए गए। हांसी पुलिस ने इस मामले में शिकायतकर्ता बबलू को भी गिरफ्तार किया है।

दूसरी ओर हांसी एसपी नीतिका गहलोत ने आज प्रेस कांफ्रेस करके बताया कि सुनार विकास की शिकायत पर बबलू के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बबूल टकलू गैंग का सदस्य है, सीआईए की भूमिका की जांच की जाएगी।