मुठभेड़ में मारी गई लेडी कमांडर सरिता थी Naxalites की डॉक्टर, ग्रामीणों से लिया था साथी महिला के encounter का बदला
Mhara Hariyana News, Bhopal
मध्यप्रदेश में बालाघाट के कदला जंगलों में मारी गई दोनों महिला नक्सली (Naxalite) सरिता उर्फ बिज्जे (30) और सुनीता उर्फ सोमड़ी मंडावी (32) खूंखार थीं। सरिता पर 11 तो सुनीता पर 15 केस दर्ज थे। इससे पहले तीन बार और Encounter में उनका सामना हॉकफोर्स से हुआ था, लेकिन तब वे बच निकली थीं। आखिरकार चौथी Encounter में वे मारी गईं।
दोनों नक्सली (Naxalite) महिलाओं ने 2020 में साथी महिला के encounter का बदला लेने के लिए एक साल बाद यानी नवंबर 2021 में दो ग्रामीणों को अगवा कर मार डाला था। दोनों ग्रामीणों पर मुखबिरी का संदेह था। सरिता के पास से जरूरी दवाएं, इंजेक्शन, सर्जरी के उपकरण भी मिले हैं। पुलिस का दावा है कि सरिता Naxalites की डॉक्टर थी।
दोनों महिला Naxalites की कहानी
6 नवंबर 2020 को बालाघाट के बैहर क्षेत्र के मालखेड़ी गांव में नक्सली (Naxalite) राशन लेने पहुंचे थे। किसी ने इसकी मुखबिरी कर दी थी। गांव में ही पुलिस और Naxalites के बीच Encounter शुरू हो गई। दोनों ओर से सैकड़ों राउंड Firing हुई।
कई नक्सली (Naxalite) घायल हुए। पुलिस ने तब महिला नक्सली (Naxalite) शारदा को encounter में मार गिराया था। बाकी नक्सली (Naxalite) भागने में सफल रहे थे।
इस Encounter में पुलिस से मोर्चा लेने वालों Naxalites में नागराम थाना जगरगुंडा, सुकमा छत्तीसगढ़ निवासी सरिता और जोनागुडेम थाना चिंतलनारा, सुकमा छत्तीसगढ़ निवासी सुनीता भी थीं। दोनों पर शारदा की मौत का बदला लेने की धुन सवार हो गई।
हालांकि तब पुलिस के मूवमेंट के चलते दोनों बदला नहीं ले पाईं। वक्ता गुजरा। घटना को एक साल निकल गया।
घर से अगवा कर ले गईं, दोनों को मार डाला
ठीक एक साल बाद 12 नवंबर 2021 को सरिता और सुनीता समेत चार महिला नक्सली (Naxalite) मालखेड़ी गांव में पहुंचीं। मुखबिरी के संदेह में संतोष यादव (40) और जगदीश पटले (40) को घर से बंदूक के बल पर उठा लिया।
देर रात गांव के बाहर एक खेत में दोनों की गोली मार कर हत्या कर दी। लाश के पास ही खटिया मोचा दलम नाम के नक्सली (Naxalite) दल का पर्चा मिला था।
इसमें ग्रामीणों को धमकाते हुए लिखा गया था कि मुखबिरी बंद नहीं करने पर ऐसी ही मौत की सजा मिलेगी। एसपी को संबोधित करते हुए लिखा था कि पुलिस अधीक्षक गांव के लोगों से पुलिस नेटवर्क का कार्य मत कराइए।
पुलिस नेटवर्क को पीएलजी और जनता मिलकर नष्ट कर देंगे। दोनों ग्रामीणों की हत्या पर सीएम शिवराज सिंह ने परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद दी थी।
अगली Encounter में पुलिस ने एक साथी नक्सली (Naxalite) पकड़ा
तारीख 10 अगस्त 2021। बालाघाट पुलिस की जैरासी गांव में Naxalites से Encounter हो गई। गांव में 20 से 22 Naxalites के होने की सूचना थी। इसमें सरिता और सुनीता भी थी।
पुलिस ने सरेंडर करने को कहा तो अन्य नक्सली (Naxalite) Firing करते हुए भाग निकले, लेकिन 25 साल के संदीप कुंजाम ने सरेंडर कर दिया था। कूवाकोंडा बस्तर छत्तीसगढ़ निवासी संदीप पर 8 लाख का इनाम था।
उसके खिलाफ एमपी में 18 और छत्तीसगढ़ में चार केस दर्ज हैं। मामले में बिरसा थाने में अन्य Naxalites के साथ ही सुनीता और सरिता के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज हुआ था।
तीसरी Encounter में दो नक्सली (Naxalite) कमांडर मारे गए
सुनीता और सरिता की पुलिस टीम के साथ तीसरी Encounter 30 नवंबर 2022 को बालाघाट के गढ़ी क्षेत्र में आने वाले सूपखार के जामसेहरा जंगल में हुई। जामसेहरा वन चौकी के पास हुई इस Encounter में 32 लाख के इनामी नक्सली (Naxalite) और भोरमदेव एरिया कमेटी के कमांडर 19 साल का राजेश उर्फ नंदा वंजाम और 27 साल का गणेश मारा गया था। गणेश नक्सल टीम प्रभारी, जोन समन्वयक महाराष्ट्र गढ़चिरौली जिले के कासनपुर थानांतर्गत नरगड़ा गांव का रहने वाला था। राजेश उर्फ नंदा वंजाम छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पालगुडेम गांव का रहने वाला था।
गणेश के अधूरे काम को पूरा कर रही थी दोनों
दोनों महिला नक्सली (Naxalite) सुनीता और सरिता नए सिरे से दलम का विस्तार करने में जुटी थीं। दरअसल, गणेश के encounter के बाद से नक्सली (Naxalite) मूवमेंट कमजोर पड़ने लगा था। सुनीता और सरिता नवंबर से ही जंगल के गांवों में रहने वाले आदिवासियों के बीच सक्रिय थीं।
विस्तार दलम साइलेंट मोड पर नेटवर्क मजबूत कर रहा था। उनका फोकस बालाघाट के साथ ही कान्हा नेशनल पार्क एरिया में था।
वे ग्रामीणों खासकर युवाओं को सरकार के खिलाफ हथियार उठाने के लिए भड़का रही थीं। नक्सल नेटवर्क से जुड़े सूत्रों की मानें, तो दोनों ने Naxalites के लिए समानांतर सूचना तंत्र तैयार कर लिया है। दोनों महिला नक्सली (Naxalite) राशन लेने के लिए ही टीम के साथ कदला जंगल में पहुंची थीं कि हॉकफोर्स और पुलिस को खबर लग गई।
पुलिस के सूचना तंत्र को समाप्त करने में जुटे हैं नक्सली (Naxalite)
23 मार्च को ही Naxalites ने बालाघाट में वनों की रक्षा करने वाले एक ग्रामीण को मुखबिरी के शक में मार डाला था। इसके अलावा, Naxalites ने कान्हा नेशनल पार्क में सक्रिय छह रेंजर को जीपीएस से गश्त नहीं करने के लिए धमकी भरे पत्र बांटे थे।
Naxalites की कोशिश पुलिस के सूचना तंत्र को समाप्त करने का है। हालांकि हॉकफोर्स-पुलिस अपने मजबूत सूचना तंत्र के सहारे ही नक्सली (Naxalite) सुनीता और सरिता तक पहुंची थी।