भारत नहीं, पाकिस्तान ने कराई आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या; आईएसआई ने चली एक तीर से दो शिकार की चाल
Mhara Hariyana News, New Delhi: भारत सरकार के सूत्रों का दावा है कि Khalistani आतंकी Hardeep Nijjar की हत्या असल में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने कराई है। सूत्रों के मुताबिक Nijjar की हत्या असल में ड्रग्स के कारोबार पर नियंत्रण की वजह से हुई है। Nijjar की हत्या में कनाडा स्थिति ISI के दो एजेंट राहत राव और तारिक कियानी शामिल हैं। ये दोनों भारत की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, किसी अनजान व्यक्ति का Nijjar के पास पहुंचना नामुमकिन था, लेकिन दोनों हेंडलर उससे मिलते थे। इसी कारण जहां Nijjar के कोई करीब भी नहीं जा सकता, उस जगह उसकी हत्या हो गई। वह ISI के समर्थन से ही Khalistani एजेंडा चलाता था।
ISI की मदद से Khalistani आतंकी और Gangster पंजाब में ड्रग्स तस्करी के गिरोह चला रहे हैं। कमाई का हिस्सा आतंकियों व ISI को भी मिलता है। इस नेटवर्क पर ISI की पकड़ ढीली होने से आतंकी अपनी मर्जी से पैसे का उपयोग करने लगे, इसी कारण Nijjar को रास्ते से हटाना पड़ा।
भारत के खिलाफ सबूत : जगमीत सिंह
Khalistan समर्थक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह ने कहा, कनाडा के पास भारत के खिलाफ Nijjar की हत्या मामले में पुख्ता सबूत है। पीएम त्रूदो की अल्पमत की सरकार को समर्थन देने वाले जगमीत ने कहा, उनकी पार्टी सरकार पर दबाव बनाएगी कि इस मामले में दोषियों को जल्द सजा दी जाए। खुफिया सूचनाओं के बाद से वे मामले पर सरकार के रुख का समर्थन कर रहे हैं।
कनाडा में हिंदू फोरम की मांग, पन्नू पर लगे प्रतिबंध
हिंदू फोरम कनाडा ने Khalistani आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से अल्पसंख्यक हिंदुओं को कनाडा छोड़ने की धमकी देने के मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग की है। फोरम के वकील पीटर थॉर्निंग ने आव्रजन मंत्री मार्क मिलर से पन्नू के कनाडा में प्रवेश पर पाबंदी लगाने का अनुरोध करते हुए पत्र लिखा है। थॉर्निंग ने मिलर को बताया है कि पन्नू की धमकियों के चलते कनाडाई हिंदू समाज भयभीत है।
पन्नू के वीडियो की वजह से खासतौर पर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बच्चों पर असर पड़ रहा है। थॉर्निंग ने कहा कि भारत-कनाडा मित्र देश हैं। भारत ने पन्नू को आतंकी घोषित कर रखा है, ऐसे में कनाडा को भी पन्नू पर कार्रवाई करते हुए उसके संगठन सिख फॉर जस्टिस पर रोक लगाना चाहिए।
87 देशों के सिखों तक Khalistan मुहिम फैलाने की साजिश
Khalistan को लेकर खतरनाक मंसूबों वाली एक बड़ी बैठक सितंबर के पहले सप्ताह में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में की गई। इस बैठक में दुनिया के चौदह देशों के 40 Khalistani चरमपंथियों ने शिरकत की।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में 87 देश में अपनी खतरनाक Khalistan मुहिम को बढ़ावा देने के लिए 'मिशन सिख जॉइंट' को आगे बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में मौजूद चरमपंथियों ने तय किया कि Khalistan की आवाज उठाने और जनमत संग्रह में सिखों को शामिल करने के लिए जो खतरनाक कदम उठाने होंगे वे उठाए जाएंगे।