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फेक दस्तावेज बना छह साल में करोड़पति बन गया साहिल जैन, कई प्रदेशों तक फैला था नेटवर्क

 
फेक दस्तावेज बना छह साल में करोड़पति बन गया साहिल जैन, कई प्रदेशों तक फैला था नेटवर्क

Mhara Hariyana News, Panipat (Haryana): पानीपत में Atal Sewa Kendra में पिछले छह साल से Fake documents बनाने का खेल चल रहा था। सरगना Sahil Jain अपने साले समेत तीसरे आरोपी के साथ करोड़ों रुपये कमा चुका है। police की प्राथमिक जांच में सामने आया कि आरोपी Atal Sewa Kendra पर आने वाले लोगों के दस्तावेजों की कॉपी लेकर OTP पूछकर फर्जी Bank Accounts तक खुलवा चुका है।

फर्जी पासपोर्ट की संलिप्तता पर भी police कर रही पूछताछ
माना जा रहा है कि इनसे साइबर क्राइम की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा था, police इस एंगल पर भी लगातार पूछताछ कर रही है। आईबी की टीम ने भी इसी दिशा में आरोपियों से पूछताछ की है। इनके तार पड़ोसी प्रदेशों तक भी फैले हुए थे। कयास लगाए जा रहे है कि पानीपत में रिमांड खत्म होने के बाद दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ की टीम आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आ सकती है।

आरोपियों ने कम आयु वाले लोगों की भी penson बनवाई
प्राथमिक जांच में सामने आया कि आरोपी फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और आयुष्मान कार्ड के अलावा बुढ़ापा penson से लेकर विधवा penson तक बनवाने का ठेका लेते थे। आरोपियों ने कम आयु वाले लोगों की भी penson बनवाई हैं। police इस दिशा में भी पूछताछ कर रही है। 
इसके अलावा आरोपी फर्जी पासपोर्ट की संलिप्तता भी सामने आ रही है। सूत्रों के अनुसार आरोपी लोगों को कहते थे कि उन्हें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए किसी भी शहर के चक्कर नहीं काटने होंगे, वह यहीं से उनका काम करा देंगे। सीआईए पासपोर्ट वाली दिशा में भी आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

मुहर असली या नकली होने का बड़ा सवाल
आरोपियों के पास से पटवारी, नंबरदार व जिन पार्षदों की मुहर मिली है, सवाल ये है कि यह मुहर असली है और क्या इन अधिकारियों को उनकी मुहर के बारे में जानकारी थी या नहीं। आरोपियों ने यह मुहर कहां से मिली, कहां बनवाई या किसी ने इनको मुहैया कराई। आरोपियों के तार कहां-कहां जुडे हुए है, इन सब दिशा में police पूछताछ कर रही है।

पोस्टर पर सरकारी रेट, चलाते थे मनमर्जी
आरोपियों के Atal Sewa Kendra पर हर सरकारी दस्तावेज बनवाने के सरकारी रेट की लिस्ट लगी हुई थी। जिनमें 10 रुपये से अधिकतम 50 रुपये तक थे, लेकिन आरोपी अपनी मनमर्जी से लोगों से रुपये लेते थे। विरोध करने पर लोगों को कहते थे कि इतना स्टाफ यहां रखा है, इसकी तनख्वाह कहां से निकलेगी।

अधिकारी के अनुसार police तीनों आरोपियों से रिमांड के दौरान पूछताछ कर रही है। इनसे कई और जानकारी मिली हैं। police ने इन सब पर जांच कर रही है। इसमें जल्द ही बड़ा  खुलासा किया जा सकता है। -अजीत सिंह शेखावत, एसपी।