चौकाने वाला खुलासा : अनिल दुजाना के गैंगस्टर बनने में कुछ नेताओं का हाथ

Mhara Hariyana News, New Delhi
Anil Dujana के एनकाउंटर के बाद गिरोह की कुंडली खंगाल रही STF और Police को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है। गाजियाबाद में वर्ष 2002 में पहली हत्या के बाद शार्प शूटर के नाम से पहचान बनाने वाले Anil Dujana के वेस्ट यूपी का बड़ा Gangster बनने में कुछ नेताओं का हाथ बताया जा रहा है।
STF और Police को राजनीतिक संरक्षण देने वाले कई नाम मिले हैं। खुफिया विभाग भी इसकी जानकारी जुटा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि इन नेताओं के नाम शासन तक भेजकर इन पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।
Anil Dujana ने वर्ष 2002 में गाजियाबाद में पहली हत्या हरवीर की थी। इसके बाद बिसरख कोतवाली क्षेत्र में रोजा जलालपुर गांव के राजू की हत्या की। इसके बाद Anil Dujana चर्चाओं में आया। इसी वर्ष Anil Dujana ने गाजियाबाद के Gangster अमित कसाना संग मिलकर रिठौरी Gang से हाथ मिलाया।
रिठौरी Gang की कमान संभालने वाले रणदीप भाटी का भांजा
अमित कसाना वर्तमान में रिठौरी Gang की कमान संभालने वाले रणदीप भाटी का भांजा है। अमित कसाना ने ही रणदीप के भाई रणपाल से दुजाना की मुलाकात कराई। उस दौरान रिठौरी Gang की सुंदर भाटी Gang से Gangवार चल रही थी।
सरकारें बदलीं पर कम नहीं हुआ खौफ
आशंका अनिल को राजनीतिक संरक्षण देने वाले दोनों पार्टी से जुड़े हो
Anil Dujana के आपराधिक रिकार्ड भी उसके राजनीतिक संरक्षण की कहानी बयान करता है। दुजाना क्षेत्र में सबसे अधिक सक्रिय वर्ष 2011 और 2012 में रहा। आशंका ये भी है कि अनिल को राजनीतिक संरक्षण देने वाले दोनों पार्टी से जुड़े हो या फिर सरकार बदलने पर दल बदल गए हों। वर्ष 2011 में बसपा कार्यकाल का उस दौरान का अंतिम वर्ष था।
2011 में प्रधान जयचंद की हत्या की
2012 में सपा शासनकाल शुरू हुआ। दुजाना गिरोह ने 12 मई 2011 को मुढ़ी बकापुर थाना बादलपुर निवासी विजय, 24 अगस्त 2011 को बादलपुर के आनन्द उर्फ नन्दू, 22 सितंबर 2011 को सरिया व स्क्रैप-सरिया के धंधे की प्रतिद्वंदिता में प्रधान जयचंद की हत्या की। 18 नवंबर 2011 को साहिबाबाद में एक शादी समारोह में सुंदर भाटी पर स्वचालित हथियारों से लैस होकर हमला किया।
भाटी Gang के शौकीन, नवीन और जबर सिंह मारे गए थे
हमले में सुंदर भाटी Gang के शौकीन, नवीन और जबर सिंह मारे गए थे लेकिन सुंदर भाटी बच निकला। वहीं 6 जनवरी 2012 को मुजफ्फरनगर में खेड़ा धर्मपुरा के सोनू उर्फ हरीश की हत्या की गई। हत्या खेड़ा धर्मपुरा के Anil Dujana Gang के अमित शर्मा के कहने पर की गई। वहीं 8 जनवरी 2012 को इस Gang ने छपार, मुजफ्फरनगर के संजीव त्यागी और 29 जून 2012 को दादरी के अशोक की हत्या की थी।
वापस लौटा Anil Dujana का साला और करीबी, साधी चुप्पी
Anil Dujana के एनकाउंटर के बाद से लापता हुआ उसका साला और करीबी शनिवार को वापस लौट आए। हालांकि उनके लापता होने के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई। केवल इतना बताया गया है कि दोनों मेरठ में थे और वहीं से लौटकर आए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों के पास मोबाइल नहीं थे। दोनों Anil Dujana के साथ ही दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के लिए निकले थे।
आशंका निल के किसी करीबी ने ही उसकी मुखबिरी की है
इसके बाद Anil Dujana के मेरठ में एनकाउंटर में मारे जाने की खबर मिली और दोनों लापता हो गए। दुजाना के दिल्ली कोर्ट में जाने की बात को गुप्त रखा गया था। इसके बावजूद आशंका जताई जा रही है कि अनिल के किसी करीबी ने ही उसकी मुखबिरी की है। अनिल के गिरोह से जुड़े उन लोगों पर शक जाहिर किया जा रहा है, जिन लोगों से रुपयों को लेकर उसकी अनबन चल रही थी।
इधर, STF की जांच के कारण Anil Dujana के करीबी भी खुद को उससे कोई संबंध नहीं होने का दावा करने लगे हैं। जिन लोगों को गिरोह की बेनामी संपत्ति के संबंध में जानकारी है, वह भी जांच की आंच से बचने के लिए अनिल से कभी कोई संबंध नहीं होने का दावा करने लगे हैं।