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बेवफा बीवी, दगाबाज यार: इंग्लैंड में शादी... दुबई में साजिश; यूपी में हत्या; एनआरआई सुखजीत के कत्ल की पूरी कहानी

 
Mhara Hariyana News, Jaipur

Mhara Hariyana News, Sahajhapur :  उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में NRI सुखजीत सिंह उर्फ सोनू की हत्या के मामले में मृतक की पत्नी Ramandeep Kaur को फांसी की सजा सुनाई गई है। Ramandeep के प्रेमी मिट्ठू को उम्रकैद की सजा हुई है। अदालत ने फैसले में कहा कि केवल अपने अनैतिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए Ramandeep ने जिस प्रकार से अपने पति की हत्या की है, उससे यह अपराध विरल से विरलतम श्रेणी में आता है। दोनों का कृत्य किसी प्रकार से रहम करने योग्य नहीं है।

बंडा के बसंतापुर स्थित Farm House में हत्या की वारदात एक सितंबर 2016 को हुई थी। दो सितंबर की सुबह सुखजीत सिंह की पत्नी Ramandeep के शोर से परिजनों की आंख खुली तो सुखजीत की रक्तरंजित लाश देखकर होश उड़ गए। मकान की दूसरी मंजिल पर बने कमरे में सुखजीत का शव पड़ा था। उनका गला काटा गया था।

Ramandeep ने पुलिस को बताया था कि वह अलग कमरे में सो रहे थे। सुबह उसे हत्या की जानकारी हो सकी। सुखजीत के घर दो खतरनाक कुत्ते भी पले थे, जो बेहद अलसाई स्थिति में मिले थे। Ramandeep Kaur पति की मौत से गमजदा होने के स्थान पर पुलिस और लोगों का वीडियो बनाती रही। सुखजीत की किसी से रंजिश की बात भी सामने नहीं आई थी, इससे पुलिस का शक Ramandeep पर हो गया था।

ऐसे खुला राज 
पुलिस को जानकारी मिली थी कि सुखजीत का दोस्त मिट्ठू भी दुबई से भारत आया था। मिट्ठू गायब था। Ramandeep ने पुलिस को बताया कि मिट्ठू वापस दुबई चला गया है। सर्विलांस की मदद से जानकारी मिली कि घटना की रात मिट्ठू बंडा थाना क्षेत्र के बसंतापुर में ही था। इसके बाद पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद लेकर मिट्ठू को दुबई जाने का प्रयास करते समय एयरपोर्ट से गिरफ्तार करा लिया था। 

मिट्ठू के गिरफ्तार होते ही सुखजीत की हत्या की राज खुल गया। मिट्ठू ने बताया कि वह और सुखजीत की पत्नी Ramandeep Kaur एक दूसरे से प्यार करते हैं और दोनों ने मिलकर सुखजीत को रास्ते से हटाया है। इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था। सुखजीत हत्याकांड में वैसे तो 16 गवाह पेश किए गए थे, लेकिन घटना के Ramandeep Kaur के बेटे अर्जुन सिंह की गवाही महत्वपूर्ण रही। अर्जुन का बयान ही सजा का आधार बना।

एक साथ पढ़े थे मिट्ठू और सुखजीत
मिट्ठू कपूरथला (पंजाब) जिले की तहसील सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर का रहने वाला है। सुखजीत और मिट्ठू जालंधर के स्कूल में साथ पढ़े थे। दोनों गहरे दोस्त थे। सुखजीत सिंह की मां वंश कौर ने सुखजीत को बहन कुलविंदर कौर के पास इंग्लैंड के डर्बीशायर भेज दिया था।

सुखजीत वहां टैंकर चलाने लगा। इस दौरान उसका Ramandeep Kaur से प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। Ramandeep के परिजन शादी के खिलाफ थे, लेकिन Ramandeep ने सुखजीत से शादी कर ली। शादी के बाद दोनों एक वर्ष तक बसंतापुर आकर रहे और बाद में फिर से इंग्लैंड चले गए।

उधर, मिट्ठू दुबई जाकर काम करने लगा। मिट्ठू की शादी नहीं हुई थी। मिट्ठू और सुखजीत के बीच बातचीत के दौरान Ramandeep Kaur की भी मिट्ठू से मोबाइल पर बात होने लगी और सोशल साइट्स पर चैटिंग होने लगी। इसके बाद मिट्ठू जब भी इंग्लैंड जाता या सुखजीत दुबई जाता तो दोनों एक-दूसरे के यहां ही रुकते थे।

इसी बीच मिट्ठू और Ramandeep Kaur में करीबी हो गई। दुबई में ही सुखजीत की हत्या का प्लान तैयार किया गया था।

पहले खुद मारने का किया था प्रयास 
योजना के तहत जुलाई के पहले सप्ताह में Ramandeep Kaur पति के साथ मिट्ठू के पास दुबई पहुंची। वहां वह लोग 15 दिन तक रहे। 28 जुलाई को सुखजीत और Ramandeep Kaur बच्चों के साथ बसंतापुर आए थे। मिट्ठू भी साथ आया था। इसके बाद सभी लोग देश के विभिन्न जगहों पर घूमते रहे। 15 अगस्त को सभी लोग बसंतापुर पहुंचे थे।

31 अगस्त को मिट्ठू दुबई जाने की बात कहकर चला गया था। सुखजीत और Ramandeep Kaur उसे अमृतसर एयरपोर्ट तक छोड़ने भी गए थे। वापसी में Ramandeep ने सुखजीत पर धारदार हथियार से हमला कर मारने का प्रयास किया, लेकिन सफल न होने पर मिट्ठू को सूचना दी। 

सुखजीत ने बदनामी के डर से शीशे से चोट लगने की बात कहते हुए इलाज कराया था। बाद में मिट्ठू दुबई न जाकर वापस आ गया और एक सितंबर 2016 की रात Ramandeep ने प्रेमी मिट्ठू के साथ मिलकर पति सुखजीत सिंह की हत्या कर दी थी।