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Delhi University में फिर शुरू होगा UG एडमिशन! VC को लिखी गई चिट्ठी

Delhi University में फिर से एडमिशन की शुरुआत करने की मांग की गई है. इस मांग को दिल्ली सरकार ने किया है. उसका कहना है कि यूनिवर्सिटी में सीटें खाली हैं, इसलिए फिर से एडमिशन शुरू किया जाए.
 
Delhi University में फिर शुरू होगा UG एडमिशन! VC को लिखी गई चिट्ठी
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Mhara Hariyana News, New Delhi
दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंडरग्रेजुएट कोर्सेज की सीटें अभी भी खाली पड़ी हुई हैं. ये सीटें अलग-अलग कोर्सेज में खाली हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने इन सीटों पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) को एडमिशन देने की मांग की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने Delhi University के वाइस चांसलर योगेश सिंह को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में आग्रह किया गया है कि SC-ST स्टूडेंट्स को एडमिशन में दिक्कतें आ रही हैं. इसलिए खाली सीटों को भरने के लिए कोर्सेज की कट-ऑफ कम की जाएं.


डीयू में अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन प्रोसेस पहली बार सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के माध्यम से की किया है. CUET Exam पिछले साल दिसंबर में संपन्न हुआ. हालांकि, इस दौरान विभिन्न DU UG Courses के तहत उपलब्ध कुल 70,000 सीटों में से हजारों सीटें नहीं भरी जा सकीं.

फिर से शुरू नहीं होंगे एडमिशन
हालांकि, दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरफ से साफ कर दिया गया है कि खाली सीटों पर फिर से एमडिशन नहीं होगा. वाइस चांसलर ने एडमिशन फिर से ओपन करने की किसी भी योजना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि पहले सेमेस्टर की पढ़ाई खत्म होने की कगार पर है, ऐसे में नए छात्रों को लेना संभव नहीं है.

DU में खाली पड़ी रिजर्व कैटेगरी की सीटें
दिल्ली के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने शुक्रवार को डीयू वाइस चांसलर को चिट्ठी लिखकर डीयू से जुड़े कॉलेजों में एससी-एसटी छात्रों के लिए कट-ऑफ नंबर घटाकर खाली सीटों को भरने का अनुरोध किया था. आनंद ने कहा था, ‘मौजूदा साल में डीयू में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए आरक्षित सीटों में से हजारों सीटें खाली पड़ी हैं, क्योंकि इस वर्ष इन छात्रों के दाखिले के लिए पुरानी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है और प्रवेश CUET में प्राप्त अंकों या रैंक के आधार पर मिल रहा है.’

उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी अनुसूचित जाति की सीटें खाली रहने पर कट-ऑफ अंक कम कर देता था. आनंद ने दावा किया, ‘मौजूदा वर्ष में पुरानी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है. चूंकि, अनुसूचित जाति के छात्रों का एडमिशन सीयूईटी में प्राप्त अंकों/रैंक के आधार पर हो रहा है, इसलिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को परेशानी हो रही है.’

राजकुमार आनंद ने कहा, ‘मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने डीयू के वाइस चांसलर से इस मुद्दे पर फिर से गौर करने और अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए कट-ऑफ अंक कम करके खाली सीटों को भरने के लिए प्रवेश मानदंड में ढील देने का अनुरोध किया है. हम सबसे गरीब बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

DU वाइस-चांसलर ने क्या कहा?
डीयू में इस एकेडमिक सेशन में ग्रेजुएट कोर्सेज की 65,000 से अधिक सीटें भरी जा चुकी हैं. जबकि, यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों में लगभग 5,000 यूजी सीटें खाली रह गई हैं. योगेश सिंह ने कहा कि केवल उन कोर्सेज में सीटें खाली हैं, जिनकी मांग नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि सीटें खाली हैं, लेकिन संबंधित पाठ्यक्रमों की मांग नहीं है. सीटें भरें, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने सभी कदम उठाए हैं. हालांकि, सीटें खाली रह गई हैं. हमने इस वर्ष के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली है और यहां तक ​​कि पहला सेमेस्टर भी समाप्त होने वाला है. दाखिला प्रक्रिया को फिर से शुरू करना संभव नहीं है.’