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महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक: सुरेश बौद्ध

भाषण प्रतियोगिता सिरसा शहर के बेगू रोड स्थित डा. भीम राव अम्बेडकर भवन सभागार में आयोजित की गई
 
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Mhara Hariyana News, Sirsa, सिरसा। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर सभा एवं शिक्षा समिति हरियाणा की ओर से बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में बुद्ध एवं उनकी शिक्षा पर आधारित भाषण प्रतियोगिता सिरसा शहर के बेगू रोड स्थित डा. भीम राव अम्बेडकर भवन सभागार में आयोजित की गई। प्रतियोगिता में 50 से अधिक बच्चों ने शिरकत की।

इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि जिला राजस्व अधिकारी सुरेश बौद्ध ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध की शिक्षायें आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि डा. आंबेडकर ने हिन्दू धर्म से समाज में किसी भी तरह के परिवर्तन की गुंजाइश नहीं दिखी, तब बौद्ध धर्म अपनाया। डा. भीम राव अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म के जरिये अंध विश्वास को दूर करना चाहा मगर अभी तक पूर्ण रूप से ऐसा नहीं हो पाया है।

नई पीढ़ी के लोगों को डा. आंबेडकर को पढऩा चाहिए। नई पीढ़ी को पाखंड में पडऩे की बजाय उच्च शिक्षा ग्रहण करने पर जोर देना चाहिए क्योंकि शिक्षा विकास की धुरी है। हंस राज सीएमआई ने सभी आगुन्तकों का स्वागत किया। मुख्य वक्ता अशोक कुमार रंगा ने कहा कि जिस समाज की व्यवस्था परिवर्तन के लिए डा. आंबेडकर ने वर्ण व्यवस्था व जाति व्यवस्था इंकार करते हुए बौद्ध की शिक्षा ग्रहण की एआज कितना परिवर्तन हो पाया, सोचनीय विषय है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के कारण आरक्षण को खतरा बना हुआ है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता दलीप सिंह वन मंडल अधिकारी चरखी दादरी, जबकि विशिष्ट अतिथि में राजेश लीलड़ वन मंडल अधिकारी फतेहाबाद, विशिष्ट अतिथि जीत राम सलोरा कार्यकारी अभियंता विद्युत विभाग सिरसा, रामकरण डिप्टी कलेक्टर सिंचाई विभाग सिरसा, आत्मप्रकाश मेहरा जिला शिक्षा अधिकारी शामिल थे। सभी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता को तीन गु्रप जुनियर, सीनियर व सुपर सीनियर में बांटा गया। तीनों में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को उचित ईनाम देकर सम्मानित किया गया। परिणामों में जुनियर गु्रप में प्रथम छवि, द्वितीय कृषा व तृतीय कशिश रही। इसी प्रकार सीनियर गु्रप में प्रथम मास्टर दक्श, द्वितीय देविका व तृतीय आशु रही। सुपर सीनियर में प्रथम हिमानी, द्वितीय कनुप्रिया व तृतीय रोहित रहा।