चौ0 देवीलाल विश्वविद्यालय के एकेडमिक प्लानिंग बोर्ड की बैठक में डिजिटलाइजेशन के साथ एनईपी को लागू करने के फैसले लिया
चौ0 देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के एकेडमिक प्लानिंग बोर्ड की बैठक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 अजमेर सिंह मलिक की कन्विनरशिप में वीरवार को कुलपति कार्यालय के कमेटी रूम में आयोजित हुई। हाइब्रिड मोड की इस बैठक में विश्वविद्यालय हित से जुड़े हुए अनेक महत्वपूर्ण मुद्दो पर चर्चा हुई तथा डिजिटलाइजेशन के साथ साथ प्रभावी ढंग से एनईपी को लागू करने के फैसले लिए गए । सीडीएलयू में सोशलॉजी विभाग खोलने की सिफारिश भी की गई जिसे आगामी कार्यवाही हेतु विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद में भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों में उद्यमिता को विकसित करने के उद्देश्य से फिनटेक क्लब भी विकसित करने का फैसला लिया गया। इन क्लब के माध्यम से विद्यार्थी विश्वविद्यालय के रिर्सोज जनरेट करने में मदद करेंगे। इंडोनेशिया तथा अन्य विदेशी विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी विषय की रेमेडियल कोर्स तथा सर्टीफिकेट कोर्स प्रारंभ करने की सिफारिश भी की गई। इसके अतिरिक्त मेडिकल लैब टेक्नीशियन के सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ करने की भी सिफारिश की गई।
बैठक के दौरान चर्चा की गई कुछ सिफारिशें को राज्य सरकार के पास भी भेजा जाएगा। जिसके माध्यम से बताया जाएगा कि किस प्रकार चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा समाज तथा सरकार के बीच एक कड़ी का कार्य करते हुए शोध तथा एक्सटेंशन एक्टिविटी के तहत सरकारी योजनाओं को तैयार करने एवं उन्हे प्रभावी ढंग से लागू करने में अहम भूमिका निभाएगा। बैठक के सभी सदस्यों ने प्रो अजमेर सिंह मलिक द्वारा विश्वविद्यालय में इंटीग्रेटिड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम, बीफार्मेसी, एमए मनोविज्ञान, यूएसजीएस के विभिन्न नवीनतम प्रोग्रामस के शुरू करने पर भूरि-भूरि प्रशंसा की। इन पाठ्यक्रमों के शुरू होने से एनईपी के लागू होने के साथ-साथ कैम्पस में विद्यार्थियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। वर्तमान में कैम्पस के अंदर 5500 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा व दीक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
बैठक की कुछ सिफारिसों को राज्य सरकार के पास भी भेजा जाएगा। जिसके माध्यम से बताया जाएगा कि किस प्रकार चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा समाज तथा सरकार के बीच एक कड़ी का कार्य करते हुए शोध तथा एक्सटेंशन एक्टिविटी के तहत सरकारी योजनाओं को तैयार करने एवं उन्हे प्रभावी ढंग से लागू करने में अहम भूमिका निभाएगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में अधिक से अधिक शोध गतिविधियों को बढावा देने पर जोर दिया गया विशेषज्ञों द्वारा मल्टी डिसिप्लिन रिसर्च के माध्यम से शोध को समाज हित के साथ साथ उद्योग जगत की मांग के अनुरूप भी बनाने का परामर्श दिया है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभानी होगी। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि विश्वविद्यालयों को समाज तथा औद्योगिक इकाईयों के बीच एक कड़ी का कार्य करना होगा ताकि एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण हो सके। बैठक मे यह भी फैसला लिया गया कि असिस्टेंट प्रोफेसर को न केवल अच्छे प्रोजेक्ट को करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए सीड मनी की व्यवस्था भी विश्वविद्यालय करे। गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए इनोवेटिव आइडिया को भी बढ़ावा दिया जाए। विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए यूजीसी तथा एआईसीटीइ के विभिन्न प्लेटफार्म पर उपलब्ध पाठ्यक्रमों के पंजीकरण के लिए भी प्रेरित करने का फैसला लिया गया।
इस बैठक मे विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ0 राजेश बंसल, डीन एकेडमिक प्रोफेसर सुरेश गहलावत, पिलानी से प्रो0 राज सिंह, गुजरात से प्रो0 जे0पी0 सिंह, महेंद्रगढ़ से प्रोफेसर सुषमा यादव, मुम्बई से सुरेश महात्रे, इएफएलयू हैदराबाद के पूर्व कुलपति प्रो0 अभय मोर्या, गुजरात से प्रो0 वेंकटरमन ने इस बैठक में विश्वविद्यालय के विकास से जुड़े हुए अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए।