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हरियाणा के 20 जिले भूजल फ्लोराइड से दूषित - डा. ढींडसा

 
हरियाणा के 20 जिले भूजल फ्लोराइड से दूषित - डा. ढींडसा

सिरसा: अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ सिरसा के महानिदेशक डाॅ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने बताया कि हरियाणा के 20 जिलों में 136 स्थान ऐसे हैं जहां का भूजल फ्लोराइड से दूषित है तथा पीने के लिए पूर्णतया अयोग्य और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं । यह निष्कर्ष केन्द्रीय भूजल बोर्ड द्वारा हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के साथ आर्सेनिक तथा फ्लोराइड से संबधित डाटा सांझा करने वाली रिपोर्ट से उभर कर सामने आया हैं।

केंद्रीय भूजल बोर्ड के अनुसार 1.5 मिलीग्राम/लीटर से अधिक फ्लोराइड सांद्रता वाला पानी पीने के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्लोराइड की उच्च सांद्रता (1.5 मिलीग्राम/लीटर या अधिक) के परिणामस्वरूप दांतों के इनेमल पर दाग पड़ जाते हैं, जबकि और अधिक स्तर (5 और 10 मिलीग्राम/लीटर के बीच) के कारण पीठ में कठोरता और प्राकृतिक गतिविधियों को करने में कठिनाई जैसे रोग हो जाते हैं।

डाॅ. ढींडसा का कहना है कि रिपोर्ट के अनुसार सिरसा में 20, हिसार में 18, भिवानी में 13, जींद में 12 और पानीपत में 10 स्थान ऐसे हैं जहां भूजल में फ्लोराइड अनुमेय स्तर से अधिक है।

दूसरी ओर, हरियाणा के 18 जिलों की 51 बस्तियों में भूजल आर्सेनिक से दूषित है, जिसमें अकेले करनाल से नौ शामिल हैं आर्सेनिक को भी एक विषैले तत्व के रूप में मान्यता दी गई है और इसे स्वास्थ्य के लिए खतरा माना जाता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि लंबे समय तक ऐसा पानी पीने तथा आर्सेनिक युक्त जल के संपर्क में रहने से कैंसर और त्वचा पर घाव हो सकते हैं। इसे हृदय रोग और मधुमेह से भी जोड़ा गया है। डाॅ. ढींडसा का कहना है कि समाज के स्वास्थ्य का ध्यान में रखते हुऐ सरकार को संबंधित वैज्ञानिकों से परामर्श कर युद्व स्तर पर जनता को फ्लोराइड व आर्सेनिक रहित शुद्व जल मुहैया कराने के लिए एक योजनाबद्ध कार्यक्रम की शुरुआत करनी चाहिए।