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सिरसा क्लब में चुनाव उपरांत दो धड़ों में शह-मात का खेल

After elections in Sirsa club, a game of check-box between two factions

 
sirsa club

Mhara Hariyana News:
सिरसा। सिरसा क्लब के चुनाव परिणाम के चार दिन के भीतर ही बड़े राजनीतिक षड्यंत्र सामने आ गए है। चुनाव परिणाम से ही इसकी आशंका जताई भी जा रही थी। चूंकि चुनाव परिणाम में एक धड़े के तीन और दूसरे धड़े के दो पदाधिकारियों की जीत हुई थी।

हालांकि उम्मीद जाहिर की जा रही थी कि विजयी पदाधिकारी सिरसा क्लब के विकास के लिए मिलकर काम करेंगे। चुनावी रंजिश भूला दी जाएगी।

लेकिन बुधवार देर सायं एक धड़े द्वारा 15 कार्यकारिणी सदस्यों की सूची जारी कर दी गई। यह सूची क्लब के निर्वाचित सचिव व कोषाध्यक्ष की अनुपस्थिति में की गई। चूंकि सचिव व कोषाध्यक्ष दूसरे धड़े के है। सिरसा क्लब के संविधान के अनुसार अध्यक्ष के बाद सचिव का पद ही महत्वपूर्ण है और उसकी ही अधिक जवाबदेही है।

कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर के बगैर वित्त मामले सिरे नहीं चढ़ सकते। बावजूद इसके एक धड़े ने अपनी मर्जी से 15 कार्यकारिणी सदस्यों की सूची जारी कर दी।


    उधर, सिरसा क्लब के नवनिर्वाचित सचिव राजेश गोयल 'लालाÓ द्वारा अपने विवेकाधिकार से 15 कार्यकारिणी सदस्यों की अलग सूची जारी कर दी। यानि दोनों धड़ों की ओर से 15-15 सदस्यों की कार्यकारिणी की घोषणा कर दी।

एक प्रकार से दोनों धड़ों ने भविष्य में होने वाले हंगामे की घोषणा कर दी है। जिस प्रकार की धड़ेबंदी और राजनीति शुरू हो चुकी है, उससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिरसा क्लब का भविष्य क्या होगा?

कुल मिलाकर सिरसा क्लब राजनीति का अखाड़ा बन गया है। कयास लगाए जा रहे है कि जो लोग चुनाव में लोगों का विश्वास खो बैठे, वे इस प्रकार की राजनीति के माध्यम से अपनी खुन्नस निकाल रहे है? 
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- ......किसका है तुमकों डर!
सिरसा। सिरसा क्लब के चुनाव में दोनों धड़ों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए। माना जा रहा था कि यह सब वोटिंग तक रहेगा। लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं पड़ रहा। जानकार बताते है कि पिछले पांच सालों के दौरान जो कुछ किया गया, उस पर अनेक सदस्यों को आपत्ति थी।

कई सदस्यों ने हिसाब-किताब मांगा, शिकायतें भी की। मगर, लगभग पांच साल का कार्यकाल बीताने वाले पदाधिकारियों ने कभी भी क्लब की जनरल हाऊस की मीटिंग नहीं बुलाई।

कभी भी आय-व्यय का हिसाब नहीं दिया। उन्हें उम्मीद थी कि चुनाव में फिर से कुर्सी हासिल करने पर 'हिसाब-किताबÓ पर पर्दा पड़ा रहेगा, मगर क्लब के सदस्यों ने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए राजेश गोयल लाला को सचिव बना डाला। इस गुट के दो सदस्य निर्वाचित हो गए। जाहिर है कि इस धड़े की पहुंच सिरसा क्लब के रिकार्ड तक होगी।

जिससे यह जाहिर हो जाएगा कि बीते पांच सालों में क्या-क्या किया गया? ये जानकारी सार्वजनिक होने की बड़ी संभावना है, ऐसे में डर लगना तय है? यह खुलासा भी होगा कि निर्माण कार्यों पर कितना खर्च हुआ?

किस मद पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई, कहां खर्च की गई? किसे उपकृत किया गया? यदि सबकुछ सही है, तब किसी को डरने की जरूरत भी नहीं है? मगर, 'सबकुछÓ ठीक होने की स्थिति में सबकुछ पारदर्शी कर दिया जाता। पांच साल तक लोग हिसाब मांगते रहें, नहीं दिया?
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-पहली लिस्ट
अरविंद बांसल
सुरेश गोयल
अश्वनी खन्ना
संजीव जैन एडवोकेट
रोहित बांसल सीए
मोहित गुंबर सीए
नरेश बजाज
कपिल अरोड़ा
रूपेश बांसल
मोनिल बांसल
प्रशांत गुप्ता
संदीप कंबोज एडवोकेट
मनोजकुमार रावतसर
आकाश गुप्ता
हिमांशु बांसल
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- दूसरी लिस्ट
संजय अरोड़ा
डा. अशोक पारिक
अजय फुटेला
अंकित फुटेला
शाम सुंदर मेहता
पंकज खेमका
अमन गर्ग
मोनिल बांसल
पंकज सर्राफ
रविंद्र मोंगा एडवोकेट
सुभाष गुंबर
हरीश कुमार
साहिल बांसल एडवोकेट
हर्ष महिपाल
डा. आशीष खुराना
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विशेष आमंत्रित सदस्य
सर्वजीत सिंह खट्टर
विजय बठला