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मेहनत की कमाई जरूर रंग लाएगी : पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां

Hard earned money will definitely pay off: Revered Guru Saint Dr. Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan

 
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Mhara Hariyana News:

 
बरनावा।

 मेहनत की करके खाते हो तो टैंशन छोड़ दो। मेहनत बुरी नहीं है, चाहे आप मजदूरी करते हो, रेहड़ी लगाते हो, चाहे चौकीदारी करते हो। वो कमाई रंग जरूर लाती है, जो हक हलाल, कड़े परिश्रम की होती है। बेईमानी, ठग्गी की कमाई कभी किसी को चैन से सोने नहीं देती। उक्त उद्गार पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने रविवार को ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से रूहानी सत्संग फरमाते हुए कहे। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित मेला ग्राउंड देवबंद, डीएवी इंटर कॉलेज बिजनौर, नामचर्चा घर पूर्वी मुजफ्फर नगर, मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित नामचर्चा घर जाटखेड़ा, हरियाणा के पानीपत स्थित दशहरा ग्राउंड, नामचर्चा घर तोशाम रोड भिवानी, दार्जिलिंग में श्री पंचमुखी बालाजी धाम सिलीगुड़ी,  गुजरात के मेहसाणा स्थित जीआईडीसी हॉल, हैदराबाद के दिलसुख नगर स्थित भाग्यश्री फंक्शन हॉल, महाराष्ट्र के आटपाड़ी नामचर्चा घर, पंजाब के सलाबतपुरा स्थित शाह सतनाम जी रूहानी धाम राजगढ़, छत्तीसगढ़ के शाह सतनाम जी सर्वकल्याण आश्रम गतौरी बिलासपुर, राजस्थान के शाह सतनाम जी दयापुर धाम कोटा व दिल्ली के नार्दन रेलवे कॉलोनी बारात घर तुगलकाबाद सहित सभी जगहों पर लाखों लोगों का नशा व अन्य सामाजिक बुराइयां छुड़ाते हुए उन्हें गुरुमंत्र, मैथ्ड आॅफ मेडिटेशन प्रदान किया। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने राम का नाम लेने में क्या-क्या फायदा है, के बारे में भी विस्तार से समझाया।

राम नाम से बिना फीस दिए आत्मबल बढ़ता है

पूज्य गुरू जी ने कहा कि कोई भी बिनजेस, व्यापार तब बुलंदियों पर जाता है, जब इंसान के अंदर हौंसले बुलंद होते हैं। जब आदमी के अंदर आत्मबल, विल पावर होता है तो हर बिजनेस में, हर व्यापार में अच्छे आइडियाज आते हैं और जब इंसान के अंदर अच्छे आइडियाज आ जाते हैं तो उनको लागू करने की हिम्मत होनी चाहिए। एक आत्मबल होना चाहिए। तो वो आइडियाज जैसे-जैसे लागू होते जाएंगे तो वैसे-वैसे ही बिजनेस व्यापार बढ़ता जाएगा। पूज्य गुरु जी ने कहा कि इस प्रकार जब इंसान के अंदर आत्मबल होगा, बुलंद हौसले होंगे तो इंसान बिजनेस में तरक्की कर पाएगा। साथ में देखने का नजरिया भी बदलेगा। पूज्य गुरू जी ने बताया कि राम-नाम के जाप से बिना कोई फीस दिए आत्मबल जबरदस्त तरीके से बढ़ेगा और बिजनेस व्यापार में इससे अपने आप फायदा होगा।

राम नाम का नही कोई साइड इफेक्ट

पूज्य गुरु जी ने कहा कि राम नाम सारी दुनिया की सभी परेशानियों का एक मात्र हल है। जो अनमोल होते हुए भी बिना मोल के संतों के दरबार में मिलता है। दुनिया में हर चीज का मोल है। अगर इंसान में कोई गुण आ जाता है तो वह दूसरों को फ्री में नही बताता। लेकिन संत एक ऐसे होते है जो वो सीख लेते हैं उसको सबको बताते हैं। क्योंकि संत भगवान के नौकर होते हैं, भगवान ही उन्हें भेजता है एक सेवादार बनाकर। ताकि समाज की सेवा कर सकें। राम का नाम एक ऐसी चीज है जो दुनिया के हर रोग की, हर परेशानी की, हर मुश्किल की एक मात्र ऐसा दवा है जो अनमोल होते हुए भी बिना मोल के मिलती है। पूज्य गुरू जी ने कहा कि दुनिया की हर एक दवा के साइड इफेक्ट हो सकते हैं, लेकिन राम नाम का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

रिश्ते सुधारने में काम आता है राम-नाम

पूज्य गुरु जी ने कहा कि राम का नाम रिश्तों पर भी असर डालता है। जैसे-जैसे इंसान राम का नाम लेता है तो उसमें संयम आएगा, सहने की शक्ति आएगी, दिमाग में शांति आएगी। जिनके अंदर संयम होता है, मानसिक और आत्मिक शांति होती है वो कभी भी जल्दी उत्तेजित नहीं होते। जल्दी गुस्से में नहीं आते। आज के समय में रिश्तों का सबसे बड़ा दुश्मन है गुस्सा। जब इंसान का गुस्सा भड़क जाता है तो इगो भड़क जाती है और फिर रिश्ते तार-तार हो जाते हैं। इसलिए जब इंसान राम का नाम लेता है तो उसका दिमाग शांति से भर जाएगा और संयम आ जाएगा। इससे एक-दूसरे की कही बात पर इमिजेटली रिएक्शन नहीं करेंगे और रिश्ते बने रहेंगे।

इंसान के सेहत की गारंटी देता है प्रभु का नाम

पूज्य गुरु जी ने कहा कि इंसान दुनियावी कोई चीज लेकर आता है तो उसे उसकी कुछ-न-कुछ गारंटी जरूर मिलती है। लेकिन इंसान को अपने शरीर की कोई गारंटी नहीं है कि वह कब तक स्वस्थ रहेगा, कब तक तंदुरुस्त रहेगा। लेकिन अगर इंसान राम, नाम, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा के नाम का जाप करता है तो इंसान के अंदर एक ऐसी गारंटी आ जाती है कि उसके शरीर में कोई रोग आया तो भी आत्मबल के द्वारा उसे बहुत जल्द रिकवर कर पाएंगे यानी जल्दी ठीक हो पाएंगे।

परमात्मा का नाम लेकर बनाए खाना

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अगर एक माँ मेडिटेशन करते हुए खाना बनाती है तो आने वाले बच्चों के साथ-साथ पूरे परिवार पर पॉजिटिव असर होता है। धर्मों में कहा गया है कि जैसा खाओ अन्न, वैसा होए मन। वैज्ञानिक भी मनाते हैं कि इंसान खाना खाते समय जिस प्रकार की चीज देखता जाता है, उसके अंदर उसी प्रकार के विचार, ख्याल जरूर आते हैं। इसलिए गुरुमंत्र, मैथ्ड आॅफ मेडिटेशन इंसान की आने वाली पीढ़ियों पर भी असर डालता है। जब प्रभु के नाम का जाप करके खाना बनाया जाता है तो एक ऐसी अदृश्य किरणें घर के बाहर फैल जाती है जो इंसान को अंदर से हौंसला देती है और परिवार को हमेशा आत्मबल देती रहती है।

क्या है संतुष्टि के बारे में समझाया

पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि जिस इंसान के पास जितना कुछ है, उसका सुख लो और जो उसके पास नही है उसको पाने के लिए कड़ी मेहनत करो तथा टेंशन ना करों, इसका नाम है संतुष्टि। हाथ पर हाथ धरके बैठने को संतुष्टि नहीं कहा जाता। पूज्य गुरु जी ने कहा कि इंसान को टेंशन फ्री होकर मेहनत करनी चाहिए और जो इंसान के पास है उसका सुख लो और दूसरों को सुख दो, दूसरों का भला करो। जब इंसान दूसरों का भला करता है तो भगवान इंसान को खुशियां व शांति देता है। जो इंसान मेहनत की करके खाते है तो उनको टेंशन नहीं लेनी चाहिए। मेहनत की करके खाना बुरा नहीं है। इसमें चाहे इंसान रेहड़ी लगाकर, चौकीदारी करके कमाता है, उसमें गलत कुछ नही है। मेहनत मेहनत है और जो हक हलाल की कमाई होती हैवो एक दिन रंग जरूर लाती है और बेईमानी ठगी की कमाई किसी को चैन से सोने नहीं देती। पाप जुल्म की कमाई, ठगी बेईमानी की कमाई कभी फलती-फलती नहीं है। पूज्य गुरू जी ने कहा कि जब इंसान को रात को नींद और दिन में चैन नहीं आता तो क्या फायदा उस कमाई का। पूज्य गुरू जी ने कहा कि अगर इंसान सुखी और शांति की जिदंगी जीना चाहता है तो उसे लोभ लालच के पीछे नही पड़ना चाहिए।

महान वही जिसे इतिहास याद रखता है

पूज्य गुरू जी ने बताया कि एक महान इंसान वही होता है जिसे पूरा इतिहास याद रखता है और जो पूरे समाज के काम आ जाए। इसके अलावा उन्हें कोई याद नहीं रखता जो लोगों का खून चुस-चूसकर कर और धनाड़ होकर गुजर गए। जिनके सिक्के चला करते थे, आज उनका नामोनिशान नहीं और उनके परिवार कही दिखाई भी नहीं देते। जो संत, भगत, महान पुरुष हुए, जिन्होंने समाज का भला किया, उन संतों का, उन पीर पैगंबरों का, उन गुरुओं का आज भी करोड़ों दिलो में वास है और आज भी करोड़ों दिलों में उनके लिए सत्कार है।