logo

उड़ीसा के महामहिम राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल छठ पूजा कार्यक्रम में लिया भाग

His Excellency the Governor of Orissa, Prof. Participated in Ganeshilal Chhath Puja program

 
His Excellency the Governor of Orissa, Prof. Participated in Ganeshilal Chhath Puja program
WhatsApp Group Join Now

Mhara Hariyana News:
सिरसा
उड़ीसा के महामहिम राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने कहा कि छठ सिर्फ एक पर्व नहीं है, बल्कि महापर्व है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार सहित पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है और यह पर्व चार दिन तक चलता है। नहाए-खाए से इसकी शुरुआत होती है, जो डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होती है।

ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए ये पर्व मनाया जाता है। इसका एक अलग ऐतिहासिक महत्व भी है।


वे सोमवार को स्थानीय दिल्ली पुल पर छठ पूजा पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदू मान्यता के मुताबिक, कथा प्रचलित है कि छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। इस पर्व को सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके शुरू किया था।

कहा जाता है कि कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे और वो रोज घंटों तक पानी में खड़े होकर उन्हें अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बने।

आज भी छठ में अर्घ्य दान की यही परंपरा प्रचलित है। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजकों ने महामहिम राज्यपाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।


सरदार पटेल से प्रेरणा लेकर सशक्त राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाएं युवा : महामहिम राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल
महामहिम राज्यपाल ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा निकाली जा रही रन फॉर यूनिटी दौड़ को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री थे, जिन्होंने देश को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गृह मंत्री के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता भारत में देशी रियासतों को एकजुट करना था और उन्होंने बिना खून बहाए इस काम को सच कर दिखाया। सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा भारत के एकीकरण में दिए गए अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है।

उन्होंने देश की छोटी और बड़ी रियासतों को भारतीय संघ में विलय करके भारत को एकता के सूत्र में पिरोया था, जो उनकी सबसे बड़ी देन थी।


कार्यक्रम में समाजसेवी मनीष सिंगला, राज्यपाल के निजी सचिव डा. विनोद स्वामी, कृष्ण अग्रवाल, गौरव जिंदल, योगेश शर्मा, संदीप भाटिया, बलजीत, नवजीत, गुरचरण, मंदीप, कंवल सिंह, मितवा, मनप्रीत, प्रिंसिपल अनुजा मेहता, मुरारी लाल, कमल बंसल, अजय शर्मा, सुरेंद्र वर्मा मौजूद थे