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Haryana Day : हरियाणा दिवस पर जाने कैसे पड़ा हरियाणा नाम?

हरियाणा वासी प्रत्येक वर्ष बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ 1 नवंबर को हरियाणा दिवस के रूप में मनाते हैं। 
 
Haryana Day
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Mhara Hariyana News

हरियाणा दिवस हरियाणा वासियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। 1 नवंबर 1966 में हरियाणा राज्य की स्थापना हुई थी। हरियाणा राज्य का जन्म पंजाब से हुआ है। 1966 में पंजाब तथा हरियाणा के क्षेत्रों को विभाजित किया गया था जिसे हरियाणा वासी प्रत्येक वर्ष बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ 1 नवंबर को हरियाणा दिवस के रूप में मनाते हैं। 

हरियाणा का पूर्व नाम तथा इतिहास (History)
माना जाता है कि हरियाणा प्राचीन काल में ब्रह्मवर्त, आर्यवर्त तथा ब्रह्मोपदेस के नाम से विख्यात था। हरियाणा में कई राजाओं ने राज किया जिनमें से गुप्त सम्राज्य सर्वप्रथम था, उसके बाद अन्य कई राजाओं का शासनकाल रहा जैसे पुष्यभूति वंश, गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर वंश, मुगल, दुर्रानी, मराठा सम्राज्य। अंत मे ग्वालियर राज्य तथा ब्रिटिश राज। 

हरियाणा एक प्राचीन नाम है जिसका अभिप्राय देवता से है। “हरि” अर्थात भगवान “याणा” अर्थात अवतरित होना। इससे स्पष्ट है कि धन्य है ये भूमि जहां पर भगवान का निवास है। जो वर्तमान समय में संत रामपाल जी भगवान हैं जिनको यहां की निवासी अज्ञानतावश समझ नहीं पा रहे।


हरियाणा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य 

  1. 1 नवंबर 1966 को हरियाणा एक अलग राज्य घोषित किया गया था।
  2. हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ है।
  3. हरियाणा भारत के ऊत्तरी भाग में स्थित है।
  4. हरियाणा को फ़ूड बाउल ऑफ इंडिया (food bowl of India) भी कहा जाता है।
  5. हरियाणा का क्षेत्रफल 44212 वर्ग किलोमीटर है।
  6. खेल, खेती में हरियाणा सबसे आगे है।
  7. मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं।
  8. हरियाणा के वर्तमान राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी हैं।
  9. हरियाणा राज्य को भारत का ग्रीन लैंड (Green land of India) कहा जाता है।
  10. हरियाणा की साक्षरता दर 75.55% है।
  11. हरियाणा की कुल जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 25,353,081 है।
  12. हरियाणा की भूमि पर स्वयं हरि अर्थात भगवान संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित होकर सत्य सन्देश और भगति प्रदान कर रहे हैं।

राज्य निर्माण के लिए Commission का गठन
23 अप्रैल 1966 को पंजाब राज्य को विभाजित करने और नये हरियाणा राज्य की सीमाए निर्धारित करने के लिए भारत सरकार ने जे.सी. शाह की अध्यक्षता में शाह कमीशन की स्थापना की। 31 मई 1966 को कमीशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार करनाल, गुडगाँव, रोहतक, महेंद्रगढ़ और हिसार जिलों को नये राज्य हरियाणा का भाग बनाया गया। साथ ही इसमें संगरूर जिले की जींद और नरवाना तहसील और नारैनगढ़, अम्बाला और जगाधरी तहसील को भी शामिल किया गया।

हरियाणा की अर्थव्यवस्था
हरियाणा कृषि प्रधान क्षेत्र है जिसमें कृषि उत्पादन के लिए काफी जमीन है जो खेती  के लिए काफी उपजाऊ भी है। कृषि प्रधान क्षेत्र होने की वजह से इसे ग्रीन लैंड कहा जाता है (Green land of India)। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है जिसमें तकरीबन एक चौथाई आबादी खेती करती है। हरियाणा में तिलहन, कपास, गन्ना, आलू, दालें, जौ, ज्वार, बाजरा इत्यादि फसलें उगाई जाती हैं तथा गेहूं और चावल यहां की प्रमुख फसलें हैं जिनका काफी मात्रा में निर्यात होता है। इसके इलावा जब डेरी पशुओं की बात आती है तो हरियाणा के डेरी पशु सबसे प्रसिद्ध हैं और सबसे महंगे भी बिकते हैं। 

हरियाणा की वेशभूषा तथा खान पान
हरियाणा वासी खाने में दूध, दही, मक्खन, देसी घी, लस्सी का मुख्य रूप से सेवन करते हैं। इनका उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है क्योंकि यहां की बनी चीज़ों में मिलावट कम होती है जिस कारण यहां की मिठाईयां भी बहुत मशहूर हैं। खासतौर पर घेवर जो त्योहारों के समय बनाया जाता है जिसे बच्चे बूढ़े सभी बड़े चाव से खाते हैं।

 हरियाणा के पर्यटक स्थल

  • हरियाणा के पर्यटन निगम की स्थापना सितंबर 1974 में कम्पनी एक्ट के तहत हुई थी। वर्तमान में श्री कंवर लाल जी पर्यटन मंत्री हैं।
  • हरियाणा में अनेकों पर्यटन स्थल हैं जिसमें गुड़गांव प्रमुख है जो दिल्ली के पास उत्तर दिशा में स्तिथ है। यहां पर किंगडम ऑफ ड्रीम्स, साइबर हब और दमदमा लेक आदि की काफी प्रसिद्धि है।
  • इसके बाद हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ भी अपनी प्रसिद्ध जगहों रॉक गार्डन, सुखना लेक, मोरनी हिल्स, छतबीड़ चिड़ियाघर, यादविंदर गार्डन के लिए काफी मशहूर है।
  • कुरुक्षेत्र शहर राजा कुरु से सम्बंधित है। इसके अतिरिक्त यह क्षेत्र पूर्व हड़प्पा सम्भयता से भी जुड़ा हुआ है। ये स्थान ब्रह्म सरोवर, शेख चहेली मकबरा, कुरुक्षेत्र पैनेरोमा विज्ञान केंद्र, भरी कृष्ण संग्रहालय इत्यादि के लिए प्रसिद्ध है।
  • हरियाणा के सबसे बड़े राज्य फरीदाबाद में भी भव्य दार्शनिक स्थल हैं। इसके इलावा अन्य कई जगह हैं जैसे हार्ट ऑफ़ हरियाणा (Heart of Haryana Rohtak) रोहतक जो अनन्य झीलों के लिए प्रसिद्ध है।

हरियाणा में हरि का निवास
धार्मिक दृष्टि से हरियाणा का प्राचीन एवम अर्वाचीन भारत में बहुत महत्व है। हरियाणा की धरती पर बहुत से नामी संतों का जन्म एवम कर्म स्थल रहा है जैसे संत ग़रीब दास, नित्यानन्द जी, स्वामी रामदेवानंद जी इत्यादि।

हरियाणा नाम में “हरि” से ही स्पष्ट हो जाता है कि यहां हरि निवास करते हैं। परंतु वर्तमान समय ऐसा है कि अगर हरि स्वयं अवतरित हो कहें कि मैं भगवान हूँ तो भी कोई नही मानेगा। परन्तु सद्ग्रन्धों में ये भी प्रमाणित है कि भगवान मनुष्य के रूप में अवतरित होते हैं परन्तु अज्ञानतावश हम उन्हें पहचान नहीं पाते।

अन्य संतो की तरह इस पावन धरती पर मनुष्य रूप में संत रामपाल जी महाराज वो भगवान हैं जो संत रूप में प्रमाणों में वर्णित विधि साधना से सबको अवगत करवा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज पूर्ण संत है जो स्वयं पूर्ण ब्रह्म हैं। भविष्यकर्ताओं द्वारा की गई भविष्यवाणियां उनपर सटीक बैठती हैं। 

गठन के लगभग 200 साल पहले ही हरियाणा नाम तय हो गया था
संत गरीब दास जी महाराज जी ने अपने द्वारा लिखे सद ग्रंथ साहेब के अंदर बता दिया था कि इस प्रदेश में हरि यानी कि परमात्मा निवास करेंगे और इसीलिए उन्होंने इस प्रांत को हरियाणा नाम की संज्ञा दी थी।

उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम, फ़िरदा दाणे दाणे नू ।

सर्व कला सतगुरु साहिब की, हरि आये हरियाणे नू ।।

उनके द्वारा लिखी ये वाणी 200 साल बाद सिद्ध हुई जब पंजाब से विभाजित होकर 1966 में एक नया राज्य बनाया गया जिसे हरियाणा नाम दिया गया। वर्तमान में हरि के स्वरूप हरियाणा में अवतरित है जिनका नाम संत रामपाल जी महाराज है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक “ज्ञान गंगा“।